फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर में दो दलित नाबालिग सहेलियों के साथ गैंगरेप के मामले में दो दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. दोनों दोषी किशोरियों को नाव में बैठाकर जबरन यमुना पार कर के घर ले गए थे. दो दिन बाद उन्हें पुलिस ने बरामद किया था. घटना खखरेड़ थाना क्षेत्र के एक गांव की 19 अगस्तै 2006 हुई थी. अदालत ने दोनों दोषियों पर 22- 22 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
वादिनी के अनुसार, उसकी नाबालिग बेटी पड़ोस में रहने वाली सहेली के साथ जंगल गई थी. उसी समय लल्लू केवट, कल्लू केवट, बच्चा उर्फ सुलखान सिंह और बबलू सिंह जाते हुए दिखाई दिए थे. जब उसकी बेटी व सहेली काफई देर तक नहीं लौटीं तो सभी लोग उसी दिशा में उनको खोजने के लिए निकले. सभी खोजते खोजते यमुना तट पर पहुंच गए.
टार्च की रोशनी में देखा तो पाया कि आरोपित दोनों किशोरियों को नाव से यमुना के पार ले जा रहे थे. जब सभी ने शोर मचाया तो आरोपियों ने फायर किया और नाव लेकर भाग गए. पुलिस ने दोनों किशोरियों को 21 अगस्त 2006 को बरामद किया था. पीड़ित किशोरियों ने अपने साथ दुष्कर्म होने की जानकारी दी थी. किशोरियों ने पुलिस और न्यायालय में भी बयान दिया था.
मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायालय एससी अधिनियम के पीठासीन एसटी अधिकारी अनिल कुमार ने की. गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर लल्लू उर्फ रामसजीवन और बच्चा सिंह उर्फ सुलखान सिंह को दोषी करार दिया. अदालत ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दोनों पर 22-22 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह व धर्मेंद्र कुमार उत्तम ने पक्ष रखा. अभियोजक अजय कुमार सिंह के मुताबिक अभियुक्त कल्लू की मौत हो चुकी है. अभियुक्त बबलू सिंह को अदालत ने दोषमुक्त कर दिया है. दोनों पीड़िताओं को अर्थदंड की धनराशि से दस-दस हजार रुपए बतौर सहायता राशि प्रदान की जाएगी.
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