बालोद : बालोद जिले के ग्राम जगतरा के ग्रामीण इन दिनों बारिश नहीं होने से परेशान हैं. ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें जलाशय से पानी मुहैया करवाया जाए. अपनी मांगों को लेकर सैंकड़ों की तादाद में ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे थे. ग्रामीणों ने बताया कि एक पखवाड़े भर से बारिश नहीं हुई.वो सभी तांदुला जलाशय के पास रहते हैं.लेकिन सिंचाई के लिए ग्रामीणों को छोटे छुईहा जलाशय पर निर्भर रहना पड़ता है. जलाशय से जो नाला निकला है उसकी हालत दयनीय है.कई जगहों पर नहर टूटी हुई है.जिससे पानी ग्रामीणों के खेतों तक नहीं आ पाता. लिहाजा ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्याओं को रखा और नाला को पक्की बनाने के साथ सुदृढ़ीकरण करने की मांग की.
श्रम दान से करते थे नाले की सफाई : ग्रामीणों ने बताया कि कुछ वर्षों पहले तक हम कच्चे नाले की सफाई श्रमदान से करते थे. अब समय अभाव के कारण श्रम दान का कार्य भी नहीं हो पा रहा है. ऐसे में प्रशासन ही हमारी मदद कर सकता है.
'' हम सब ग्रामीण कच्चे नाले के लिए प्रत्येक साल जलकर चुकाते हैं. लेकिन जब हमारी फसलों को पानी की आवश्यकता होती है तो इसकी भरपाई नहीं हो पाती है. नाले को दुरुस्त करने अब तक किसी तरह की कोई पहल सिंचाई विभाग के माध्यम से नहीं की गई है. जिसके लिए हम पक्का नाला निर्माण की मांग करने आए हैं.'' नोहर लाल मंडावी, ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष
व्यवस्था देखने पहुंचे इंजीनियर : ग्रामीण जब अपनी समस्या लेकर सिंचाई विभाग और कलेक्टर के पास पहुंचे तो ग्रामीणों के साथ वापस सिंचाई विभाग के इंजीनियर व्यवस्था देखने पहुंचे. क्योंकि ग्रामीणों को पानी की बहुत आवश्यकता है. वहीं कलेक्टर ने ग्रामीणों को वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन दिया है.
'' इस वर्ष तो नाली का काम कर पाना संभव नहीं है अगली बार के लिए देखते हैं अब सवाल यह उठता है कि वर्तमान में किसानों के खेतों तक पानी कैसे पहुंचाई जाएगी.''- इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल,कलेक्टर
गांव में पक्की सड़क की भी जरुरत : ग्राम पंचायत जगतरा के सरपंच गजेंद्र यादव ने बताया कि गांव में कुछ समस्याएं हैं. जिन्हें लेकर हम आज प्रशासन के समक्ष पहुंचे .राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 930 से जगतरा तक हम सड़क निर्माण करने की मांग लेकर भी आए हैं. हमारा गांव दो भागों में बांटा हुआ है. दूसरे मोहल्ले तक जाने के लिए हमें कच्चे रास्ते से होकर जाना पड़ता है. तो हम चाहते हैं कि गांव के उस रास्ते में पक्की सड़क का निर्माण हो जाए ताकि आने जाने वाले लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो. लेकिन असली समस्या पानी की है .क्योंकि बिना पानी के किसानों की खेती प्रभावित होगी.
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