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किसानों का बड़ा ऐलान, शंभू बॉर्डर खुलते ही जाएंगे दिल्ली, कल अंबाला SSP कार्यालय का करेंगे घेराव - farmers Big announcement

Farmers Big Announcement: जेल में बंद किसानों की रिहाई को लेकर किसान नेता बुधवार यानी 17 जुलाई को अंबाला एसएसपी कार्यालय का घेराव करेंगे. साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि जैसे ही अंबाला शंभू बॉर्डर खोला जाएगा वो दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

Farmers Big Announcement
Farmers Big Announcement (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 16, 2024, 12:53 PM IST

Updated : Jul 16, 2024, 1:45 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा ने जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग के लिए संयुक्त प्रेस वार्ता की. साथ ही आगामी रणनीति का भी ऐलान किया. किसानों ने फैसला लिया है कि 17 जुलाई को वे अंबाला एसपी का घेराव करेंगे. इसको लेकर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा व किसान मजदूर की बैठक दातासिहवाला बॉर्डर पर हुई. बैठक की अध्यक्षता जगजीत सिंह डल्लेवाल और रवन सिंह पंधेर ने की.

SSP कार्यालय के घेराव की चेतावनी: वहीं, जगजीत सिंह डालेवाल ने कहा कि हाईकोर्ट ने रास्ता खोलने का फैसला सुनाया. उसके बाद हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई. उन्होंने कहा कि जेल में बंद नवदीप जलबेड़ा की रिहाई की मांग को लेकर 17 से 18 जुलाई को अंबाला में SSP कार्यालय का घेराव किया जाएगा. वहीं, उन्होंने कहा कि शुभकरण की मौत की जांच हरियाणा के एक IPS को सौंपी गई है.

'शंभू बॉर्डर खुलते ही जाएंगे दिल्ली': जबकि हरियाणा सरकार तो पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है, कि इस मामले की जांच से पुलिस का मनोबल गिरेगा और भविष्य में पुलिस एक्शन लेने से हिचकिचाएगी. ऐसे में हरियाणा सरकार के पुलिस अधिकारियों से हमें न्याय की उम्मीद नहीं है. इसलिए हाईकोर्ट को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए. वहीं, जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर रास्ता खुलते ही किसान दिल्ली जाएंगे. हाईकोर्ट ने कहा कि शंभू बॉर्डर खोला जाए, लेकिन इसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई. इससे साबित होता है कि हमने रास्ता नहीं रोका.

'हरियाणा-पंजाब सरकार को HC ने लगाई फटकार': किसान नेता तेजवीर ने कहा कि हरियाणा के साथ-साथ पंजाब सरकार को हाइकोर्ट ने फटकार लगाई थी और उन्हें भी रास्ता खोलने के लिए आदेश दिया गया है. जिन पर आरोप है. वही लोग जांच वाली SIT में शामिल है. हम उन से न्याय की उम्मीद कैसे करें. अभी तक किसान आंदोलन में 5 लोग मारे गएय कई लोगों की आंखें खराब हो गई है और बहुत लोग घायल है. यह लड़ाई उन सभी के न्याय दिलाने को लेकर है. इस दौरान उन्होंने पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए गए आंसू गैस के गोले भी दिखाए. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने मोटरार भी इस्तेमाल किए.

22 जुलाई को होगी आगामी सुनवाई: हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर खोलने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फिर से एसएलपी लगाई है. जिसकी सुनवाई 22 जुलाई को होगी. इस पर किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों का नाम लेकर कानून व्यवस्था खराब होने की झूठी दलील दे रही है. जबकि हम दिल्ली जाना चाहते हैं. किसान शांति पूर्ण धरना करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर ट्रॉली तो हम मौसम की मार झेलने के लिए इस्तेमाल करते हैं. उसका दूसरा कोई मतलब नहीं.

ये भी पढ़ें: जल्द होगा हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान! चुनाव आयोग ने ली हरियाणा के मतदाताओं की जानकारी - Haryana Assembly Election

ये भी पढ़ें: बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस की 'दहाड़', दीपेंद्र हुड्डा ने शुरू किया हरियाणा मांगे हिसाब अभियान, 4 KM पैदल चले, सरकार बनाने का दावा - Haryana Mange Hisaab Campaign

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा ने जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग के लिए संयुक्त प्रेस वार्ता की. साथ ही आगामी रणनीति का भी ऐलान किया. किसानों ने फैसला लिया है कि 17 जुलाई को वे अंबाला एसपी का घेराव करेंगे. इसको लेकर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा व किसान मजदूर की बैठक दातासिहवाला बॉर्डर पर हुई. बैठक की अध्यक्षता जगजीत सिंह डल्लेवाल और रवन सिंह पंधेर ने की.

SSP कार्यालय के घेराव की चेतावनी: वहीं, जगजीत सिंह डालेवाल ने कहा कि हाईकोर्ट ने रास्ता खोलने का फैसला सुनाया. उसके बाद हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई. उन्होंने कहा कि जेल में बंद नवदीप जलबेड़ा की रिहाई की मांग को लेकर 17 से 18 जुलाई को अंबाला में SSP कार्यालय का घेराव किया जाएगा. वहीं, उन्होंने कहा कि शुभकरण की मौत की जांच हरियाणा के एक IPS को सौंपी गई है.

'शंभू बॉर्डर खुलते ही जाएंगे दिल्ली': जबकि हरियाणा सरकार तो पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है, कि इस मामले की जांच से पुलिस का मनोबल गिरेगा और भविष्य में पुलिस एक्शन लेने से हिचकिचाएगी. ऐसे में हरियाणा सरकार के पुलिस अधिकारियों से हमें न्याय की उम्मीद नहीं है. इसलिए हाईकोर्ट को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए. वहीं, जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर रास्ता खुलते ही किसान दिल्ली जाएंगे. हाईकोर्ट ने कहा कि शंभू बॉर्डर खोला जाए, लेकिन इसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई. इससे साबित होता है कि हमने रास्ता नहीं रोका.

'हरियाणा-पंजाब सरकार को HC ने लगाई फटकार': किसान नेता तेजवीर ने कहा कि हरियाणा के साथ-साथ पंजाब सरकार को हाइकोर्ट ने फटकार लगाई थी और उन्हें भी रास्ता खोलने के लिए आदेश दिया गया है. जिन पर आरोप है. वही लोग जांच वाली SIT में शामिल है. हम उन से न्याय की उम्मीद कैसे करें. अभी तक किसान आंदोलन में 5 लोग मारे गएय कई लोगों की आंखें खराब हो गई है और बहुत लोग घायल है. यह लड़ाई उन सभी के न्याय दिलाने को लेकर है. इस दौरान उन्होंने पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए गए आंसू गैस के गोले भी दिखाए. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने मोटरार भी इस्तेमाल किए.

22 जुलाई को होगी आगामी सुनवाई: हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर खोलने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फिर से एसएलपी लगाई है. जिसकी सुनवाई 22 जुलाई को होगी. इस पर किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों का नाम लेकर कानून व्यवस्था खराब होने की झूठी दलील दे रही है. जबकि हम दिल्ली जाना चाहते हैं. किसान शांति पूर्ण धरना करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर ट्रॉली तो हम मौसम की मार झेलने के लिए इस्तेमाल करते हैं. उसका दूसरा कोई मतलब नहीं.

ये भी पढ़ें: जल्द होगा हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान! चुनाव आयोग ने ली हरियाणा के मतदाताओं की जानकारी - Haryana Assembly Election

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Last Updated : Jul 16, 2024, 1:45 PM IST
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