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26 नवंबर को केंद्र सरकार के खिलाफ जुटेंगे किसान, बड़े प्रदर्शन की तैयारी शुरू - FARMERS PROTEST ON 26 NOVEMBER

26 नवंबर को किसान 750 जिलों में प्रदर्शन करेंगे और राष्ट्रपति के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे.

FARMERS PROTEST ON 26 NOVEMBER
26 नवंबर को किसानों का प्रदर्शन (File photo)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 24, 2024, 5:04 PM IST

हिसार: किसान अपनी पेंडिंग मांगों को लेकर देश के 750 जिलों में 26 नवंबर को प्रदर्शन करने जा रहे हैं. जिला उपायुक्तों के माध्यम से वो देश के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे. खनौरी बॉर्डर पर बैठे हुए किसान भी 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं.

किसान नेता शमशेर नंबरदार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा के किसान सगंठनों की इस प्रोटेस्ट के लिए तैयारी पूरी है. किसानों की कई लंबित मांगें हैं, जिनको सरकार ने पूरा नहीं किया, जिसमें एमएसपी पर कानून बनाना भी शामिल है. ऐसे में सभी मागों को लेकर किसान एकत्रित होकर प्रदर्शन करेंगे और डीसी को ज्ञापन सौंपेंगे.

"हम भी उतरेंगे सपोर्ट में": उन्होंने बताया कि खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसान संगठन भी 6 दिसंबर को दिल्ली में कूच करने की तैयारी कर रहे हैं. किसान नेता ने कहा कि अगर सरकार ने दिल्ली जाते समय किसानों को तंग किया तो हरियाणा के सभी किसान उन किसानों के सपोर्ट में उतरेंगे.

26 नवंबर को किसानों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

"कई गांवों में की गई नुक्कड़ सभा" : संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय आह्वान पर ये प्रदर्शन होगा. इस बीच अखिल भारतीय किसान सभा तहसील कमेटी आदमपुर ने विभिन्न गांवों का दौरा किया. तहसील सचिव कपूर सिंह बगला ने कहा कि चेतावनी रैली के लिए गांव न्योली खुर्द, काजला, असरांवा, खासा महाजन आदि गांवों में नुक्कड़ सभाएं की गई हैं. सभा को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ताओं ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार लगातार किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है. न तो सरकार फसल बिक्री पर एमएसपी गारंटी कानून बना रही है और ना ही कर्ज माफ किया जा रहा है. उल्टा पराली जलाने जैसे मामलों में किसानों पर आपराधिक मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं. बिजली बिल अधिनियम 2022 को लेकर सरकार वादाखिलाफी कर रही है.

"ऐसी दुर्दशा कभी नहीं हुई" : तहसील प्रधान अनिल बैंदा ने कहा कि आज किसानों को खाद खरीदने के लिए और अपनी फसल बेचने के लिए लाइन में लगना पड़ता है. ऐसी दुर्दशा आजादी के बाद किसानों की पहले कभी नहीं हुई. जिला सचिव सतबीर सिंह धायल ने कहा कि किसान क्रांति की चौथी वर्षगांठ देशभर में जिला स्तर पर चेतावनी रैली के रूप में आयोजित होगी.

सरकार को दी चेतावनी: मुख्य वक्ता जिला सचिव सतबीर सिंह धायल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो केन्द्र सरकार किसान की मांगें मान ले वरना सरकार एक बड़े और राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे.

इसे भी पढ़ें : "किसान दिल्ली जाएं लेकिन ट्रैक्टर पर हथियार बांधकर ना ले जाएं", मनोहर लाल खट्टर ने दी नसीहत

हिसार: किसान अपनी पेंडिंग मांगों को लेकर देश के 750 जिलों में 26 नवंबर को प्रदर्शन करने जा रहे हैं. जिला उपायुक्तों के माध्यम से वो देश के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे. खनौरी बॉर्डर पर बैठे हुए किसान भी 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं.

किसान नेता शमशेर नंबरदार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा के किसान सगंठनों की इस प्रोटेस्ट के लिए तैयारी पूरी है. किसानों की कई लंबित मांगें हैं, जिनको सरकार ने पूरा नहीं किया, जिसमें एमएसपी पर कानून बनाना भी शामिल है. ऐसे में सभी मागों को लेकर किसान एकत्रित होकर प्रदर्शन करेंगे और डीसी को ज्ञापन सौंपेंगे.

"हम भी उतरेंगे सपोर्ट में": उन्होंने बताया कि खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसान संगठन भी 6 दिसंबर को दिल्ली में कूच करने की तैयारी कर रहे हैं. किसान नेता ने कहा कि अगर सरकार ने दिल्ली जाते समय किसानों को तंग किया तो हरियाणा के सभी किसान उन किसानों के सपोर्ट में उतरेंगे.

26 नवंबर को किसानों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

"कई गांवों में की गई नुक्कड़ सभा" : संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय आह्वान पर ये प्रदर्शन होगा. इस बीच अखिल भारतीय किसान सभा तहसील कमेटी आदमपुर ने विभिन्न गांवों का दौरा किया. तहसील सचिव कपूर सिंह बगला ने कहा कि चेतावनी रैली के लिए गांव न्योली खुर्द, काजला, असरांवा, खासा महाजन आदि गांवों में नुक्कड़ सभाएं की गई हैं. सभा को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ताओं ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार लगातार किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है. न तो सरकार फसल बिक्री पर एमएसपी गारंटी कानून बना रही है और ना ही कर्ज माफ किया जा रहा है. उल्टा पराली जलाने जैसे मामलों में किसानों पर आपराधिक मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं. बिजली बिल अधिनियम 2022 को लेकर सरकार वादाखिलाफी कर रही है.

"ऐसी दुर्दशा कभी नहीं हुई" : तहसील प्रधान अनिल बैंदा ने कहा कि आज किसानों को खाद खरीदने के लिए और अपनी फसल बेचने के लिए लाइन में लगना पड़ता है. ऐसी दुर्दशा आजादी के बाद किसानों की पहले कभी नहीं हुई. जिला सचिव सतबीर सिंह धायल ने कहा कि किसान क्रांति की चौथी वर्षगांठ देशभर में जिला स्तर पर चेतावनी रैली के रूप में आयोजित होगी.

सरकार को दी चेतावनी: मुख्य वक्ता जिला सचिव सतबीर सिंह धायल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो केन्द्र सरकार किसान की मांगें मान ले वरना सरकार एक बड़े और राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे.

इसे भी पढ़ें : "किसान दिल्ली जाएं लेकिन ट्रैक्टर पर हथियार बांधकर ना ले जाएं", मनोहर लाल खट्टर ने दी नसीहत

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