नूंह: जिले की फिरोजपुर झिरका की अनाज मंडी में अपनी फसल को लेकर आने वाले किसानों ने मार्केटिंग बोर्ड के कर्मचारियों पर खुद को परेशान करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सख्त नियमों की आड़ में खरीददार फसलों को नहीं खरीदते और उन्हें फैलाकर फरार हो जाते हैं, जिससे बाद में किसान परेशान होते रहते हैं. गुरुवार को भी ऐसा ही मामला सामने आया, जिसके बाद किसानों ने रोष जताया.
अनाज मंडी में आए किसानों ने आरोप लगाया है कि वो सुबह 4 बजे बाजरे की फसल लेकर यहां पहुंचे, लेकिन उन्हें एक कंपनी के परचेजर का रवैया पसंद नहीं आया. कंपनी और मार्केटिंग बोर्ड के कर्मचारी अपने रवैये से सरकार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं.
13 मौशचर की नमी जरूरी : सचिव राजबीर का कहना है कि बाजरे की खरीद के लिए नमी के रूप में निर्धारित मापदण्ड 13 मौशचर होता है, तो कंपनी उसकी खरीद करती है. इसके अलावा बाजरा साफ-सुथरा और सफेद रंग का भी होना चाहिए. अगर इन नियमों में थोड़ा भी ऊपर-नीचे हुआ तो खरीददार उन्हें खरीदते नहीं है. जब 13 मौशचर मापदंड है तो 10 -12 की नमी होने के बावजूद भी खरीददारी ना करना भ्रष्टाचार को दावत देना है. जिस बाजरे में निर्धारित मापदण्ड के अनुसार नमी मौके पर पाई गई, उसको काला-पीला बताकर और बाजरे की ढेरी को फैला कर खरीददार ऑफिस से फरार हो गया. किसान काफी समय तक इंतजार करते रहे, लेकिन खरीददार मौके पर नहीं पहुंच सका.
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इस बीच जब मीडिया ने कंपनी का खरीददार से बात करनी चाही तो मीडिया के सामने आने से वो बचता रहा. इस मामले में मार्केटिंग कमेटी के डीएमईओ से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि खरीददार को मौके पर भेजकर किसान की फसल खरीदने की बात की जाएगी.