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नूंह में बूचड़खाने ने किसानों का जीना किया मुहाल, स्लॉटर हाउस बदबू से बीमारी का बढ़ा खतरा

नूंह में बूचड़खाने ने किसानों का जीना किया मुहाल कर दिया है. यहां स्लॉटर हाउस की बदबू से बीमारी का भी खतरा बढ़ा है.

Nuh Satkpuri Village
नूंह सटकपुरी गांव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

नूंह: जिले के सटकपुरी गांव में चल रहे स्लॉटर हाउस ने ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी है. स्लॉटर हाउस की बदबू और मांस के अवशेषों से गांव की हवा दूषित हो रही है. किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. साथ ही सिंचाई के लिए, जो नाला निकल रहा है, उसमें दूषित और गंदा पानी छोड़ा जाता है. कुत्ते और आवारा पशु यहां गेहूं और सरसों की फसलों पर घूमते हैं. इससे न सिर्फ किसानों की फसल चौपट हो रही है बल्कि किसानों को खेती करने में भी परेशानी हो रही है. ग्रामीण ऐसे बदबूदार माहौल के कारण बीमार पड़ते जा रहे हैं. हालांकि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

दूर दराज तक फैलती है बदबू: दरअसल नूंह जिले के सटकपुरी गांव में फेयर एक्सपोर्ट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम से स्लॉटर हाउस चलाया जा रहा है. इस स्लॉटर हाउस का गंदा पानी सटकपुरी गांव के पास के नहर में छोड़ा जाता है, जिससे दूर-दराज तक बदबू आती है. इसके अलावा गोबर और मांस के छोटे-छोटे टुकड़े बाहर फेंके जाते हैं. इस कारण यहां आवारा कुत्तों का झुंड आता है और खेतों में फसल को नुकसान पहुंचाता है. जब हवा चलती है तो कई-कई किलोमीटर दूर तक इसकी दुर्गंध आती है.

नूंह में बूचड़खाने ने किसानों का जीना किया मुहाल (ETV Bharat)

बदबू ने किया लोगों का जीना मुहाल: ग्रामीणों की मानें तो जिला स्तर के अधिकारियों से लेकर ऊपर तक ये इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. प्रदूषण विभाग, पशुपालन विभाग से लेकर जितने भी संबंधित विभाग हैं. वह इस स्लॉटर हाउस को लेकर चुप्पी साधे हुए है. कुल मिलाकर ग्रामीणों का जीवन नरकीय बना हुआ है. ग्रामीण अंचल में जहां शुद्ध हवा होनी चाहिए, वहां बदबूदार हवा ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है. खुजली, सांस सहित कई तरह की बीमारियां लोगों को हो रही हैं.

बदबू के कारण पशु नहीं खा पा रहे चारा: सबसे खास बात तो यह है कि स्लॉटर हाउस के खेतों में होने वाला पशु चारा भी किसी काम का नहीं है. पशु बदबू की वजह से चारा नहीं खा पा रहे हैं. सरकार लोगों को नूंह जिले में एक के बाद एक धड़ाधड़ स्लॉटर हाउस के लाइसेंस दे रहा है, लेकिन यहां स्लॉटर हाउस ने लोगों की मुसीबतें बढ़ाने का काम किया है. सटकपुरी गांव में बने स्लॉटर हाउस से सटकपुरी, शिकरावा, रहपुआ, तेड, मोहमदपुर सहित अन्य गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं.

इस स्लॉटर हाउस में हड्डी पीसने का काम भी किया जाता है, जिससे प्रदूषण फैलता है. वातावरण दूषित होता है. बदबू के कारण हम सब परेशान हैं. प्रशासन को जानकारी दी गई है, हालांकि कोई कार्रवाई अब तक प्रशासन की ओर से नहीं की गई. -मोहमद ईसा, किसान

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई: सटकपुरी गांव के जाकिर का कहना है कि लोगों को बदबूदार हवा की वजह से काफी परेशान होना पड़ता है. सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इस स्लॉटर हाउस की जानकारी लेने हर माह पहुंचते हैं. उन तक ग्रामीणों की शिकायत भी पहुंचती है. हालांकि इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती. कई बार तो छोटे पशुओं को भी मरने के बाद बाहर फेंक दिया जाता है, जिसकी वजह से न केवल बदबू आती है. बल्कि आवारा कुत्ते भी बड़ी संख्या में यहां घूमते रहते हैं.

कुल मिलाकर नियमों को ताक पर रखकर सटकपुरी गांव में स्लॉटर हाउस चलाया जा रहा है. वहीं, ग्रामीणों ने इस स्लॉटर हाउस की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है. ताकि ग्रामीणों को बड़ी महामारी से बचाया जा सके. हजारों कर्मचारी भी इस स्लॉटर हाउस में काम करते हैं, जिनमें अधिकतर दूरदराज इलाकों से हैं.

ये भी पढ़ें: यमुनानगर के सरावां गांव में बिना NOC बन रहा बूचड़खाना, गांव वालों ने किया विरोध

ये भी पढ़ें: बिना NOC साढौरा गांव में बूचड़खाना खोलने का मामला, ग्रामीणों ने ईटीवी भारत का जताया आभार

नूंह: जिले के सटकपुरी गांव में चल रहे स्लॉटर हाउस ने ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी है. स्लॉटर हाउस की बदबू और मांस के अवशेषों से गांव की हवा दूषित हो रही है. किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. साथ ही सिंचाई के लिए, जो नाला निकल रहा है, उसमें दूषित और गंदा पानी छोड़ा जाता है. कुत्ते और आवारा पशु यहां गेहूं और सरसों की फसलों पर घूमते हैं. इससे न सिर्फ किसानों की फसल चौपट हो रही है बल्कि किसानों को खेती करने में भी परेशानी हो रही है. ग्रामीण ऐसे बदबूदार माहौल के कारण बीमार पड़ते जा रहे हैं. हालांकि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

दूर दराज तक फैलती है बदबू: दरअसल नूंह जिले के सटकपुरी गांव में फेयर एक्सपोर्ट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम से स्लॉटर हाउस चलाया जा रहा है. इस स्लॉटर हाउस का गंदा पानी सटकपुरी गांव के पास के नहर में छोड़ा जाता है, जिससे दूर-दराज तक बदबू आती है. इसके अलावा गोबर और मांस के छोटे-छोटे टुकड़े बाहर फेंके जाते हैं. इस कारण यहां आवारा कुत्तों का झुंड आता है और खेतों में फसल को नुकसान पहुंचाता है. जब हवा चलती है तो कई-कई किलोमीटर दूर तक इसकी दुर्गंध आती है.

नूंह में बूचड़खाने ने किसानों का जीना किया मुहाल (ETV Bharat)

बदबू ने किया लोगों का जीना मुहाल: ग्रामीणों की मानें तो जिला स्तर के अधिकारियों से लेकर ऊपर तक ये इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. प्रदूषण विभाग, पशुपालन विभाग से लेकर जितने भी संबंधित विभाग हैं. वह इस स्लॉटर हाउस को लेकर चुप्पी साधे हुए है. कुल मिलाकर ग्रामीणों का जीवन नरकीय बना हुआ है. ग्रामीण अंचल में जहां शुद्ध हवा होनी चाहिए, वहां बदबूदार हवा ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है. खुजली, सांस सहित कई तरह की बीमारियां लोगों को हो रही हैं.

बदबू के कारण पशु नहीं खा पा रहे चारा: सबसे खास बात तो यह है कि स्लॉटर हाउस के खेतों में होने वाला पशु चारा भी किसी काम का नहीं है. पशु बदबू की वजह से चारा नहीं खा पा रहे हैं. सरकार लोगों को नूंह जिले में एक के बाद एक धड़ाधड़ स्लॉटर हाउस के लाइसेंस दे रहा है, लेकिन यहां स्लॉटर हाउस ने लोगों की मुसीबतें बढ़ाने का काम किया है. सटकपुरी गांव में बने स्लॉटर हाउस से सटकपुरी, शिकरावा, रहपुआ, तेड, मोहमदपुर सहित अन्य गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं.

इस स्लॉटर हाउस में हड्डी पीसने का काम भी किया जाता है, जिससे प्रदूषण फैलता है. वातावरण दूषित होता है. बदबू के कारण हम सब परेशान हैं. प्रशासन को जानकारी दी गई है, हालांकि कोई कार्रवाई अब तक प्रशासन की ओर से नहीं की गई. -मोहमद ईसा, किसान

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई: सटकपुरी गांव के जाकिर का कहना है कि लोगों को बदबूदार हवा की वजह से काफी परेशान होना पड़ता है. सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इस स्लॉटर हाउस की जानकारी लेने हर माह पहुंचते हैं. उन तक ग्रामीणों की शिकायत भी पहुंचती है. हालांकि इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती. कई बार तो छोटे पशुओं को भी मरने के बाद बाहर फेंक दिया जाता है, जिसकी वजह से न केवल बदबू आती है. बल्कि आवारा कुत्ते भी बड़ी संख्या में यहां घूमते रहते हैं.

कुल मिलाकर नियमों को ताक पर रखकर सटकपुरी गांव में स्लॉटर हाउस चलाया जा रहा है. वहीं, ग्रामीणों ने इस स्लॉटर हाउस की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है. ताकि ग्रामीणों को बड़ी महामारी से बचाया जा सके. हजारों कर्मचारी भी इस स्लॉटर हाउस में काम करते हैं, जिनमें अधिकतर दूरदराज इलाकों से हैं.

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