बाड़मेर. एक तरफ किसान संगठन दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राजस्थान के बाड़मेर जिले में भी किसानों का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. गुरुवार को किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाल कर प्रदर्शन किया. व्यापार मंडल ने भी किसानों को समर्थन दिया. इसके चलते भियाड़ बाजार भी बंद रहा. बिजली संबंधित समस्याओं सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी किसानों के धरनास्थल पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की.
शिव उपखंड क्षेत्र के किसानों को बिजली की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसी को लेकर भारतीय किसान संघ के बैनर तले भियाड़ उप तहसील के सामने किसान 8 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. धरने के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं होने के चलते किसानों ने गुरुवार को भियाड़ कस्बे में ट्रेक्टर रैली निकाली. रैली में शिव, भियाड़ से बड़ी संख्या में किसान पहुंचे. व्यापार मंडल ने भी किसानों को समर्थन देते हुए बाजार को बंद रखा. ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के लिए दूर दराज से बड़ी संख्या में किसान पहुंचे. किसानों ने समय रहते मांगे पूरी नहीं होने पर आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.
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उग्र आंदोलन करने की चेतावनी : इकाई अध्यक्ष मोहन गोदारा के अनुसार पिछले लंबे समय से उपखंड क्षेत्र में बिजली की समस्या चल रही है. इसकी वजह से किसानों को पूरी बिजली सप्लाई नहीं मिल पा रही है. बिजली के कम वोल्टेज की भी भारी समस्या है. किसानों को समय पर बिजली नहीं मिल रही है और बिजली कटौती की वजह से किसानों के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. इसी को लेकर किसानों में रोष है. किसानों ने कहा कि सरकार ने समय रहते हमारी मांग नहीं मानी तो 21 फरवरी को मुख्यमंत्री के प्रस्तावित बाड़मेर दौरे के दौरान किसान विरोध करेंगे.
ये हैं किसानों की मांगें
- 220 केवी शिव जीएसएस का निर्माण जल्द करवाया जाए.
- 132 केवी बाड़मेर शिव लाइन में लगे पैंथर कंडक्टर (करंट कैपिसिटी) 425 को बदला जाए.
- साल 2022 में रबी फसल खराबे का अनुदान शीघ्र किसानों के खाते में जमा किए जाएं.
- किसानों का कृषि नए जीएसएस की स्वीकृति दिलाएं.
- किसानों को कृषि के लिए 6 घंटे व घरेलू 24 घंटे लाइट दी जाए.
- भीयड़ में 132 केवी स्टेशन की स्वीकृति दिलाई जाए.
- पीपीपी मोड पर बने 132 केवी कानोड़ पर आंशिक लोड शिफ्टिंग की जाए.
- बाड़मेर-बालोतरा के बीच नई लाइन स्वीकृत करवाकर बायतु का लोड उस पर शिफ्ट किया जाए.
- सभी जीएसएस से निकलने वाले बड़े फीडरों को छोटा किया जाए.
- 132 केवी उण्डू व 33/11 केवी भियाड़ में जेईएन व एईएन पद भरे जाए.
- सभी जीएसएस में कैपिसिटर लगाए जाए.