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धान खरीदी केंद्रों में कम्प्यूटर ऑपरेटर्स हड़ताल पर, किसान हो रहे परेशान, 4 से 5 हजार का नुकसान - STRIKE OF COMPUTER OPERATORS

गौरेला पेंड्रा मरवाही के धान खरीदी केंद्रों में कम्प्यूटर ऑपरेटर्स हड़ताल पर चले गए हैं.जिसके कारण धान खरीदी प्रभावित हो रही है.

strike of computer operators
धान खरीदी केंद्रों में कम्प्यूटर ऑपरेटर्स हड़ताल पर (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 9 hours ago

गौरेला पेंड्रा मरवाही : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर धान खरीदी प्रभावित हो रही है.गौरेला पेंड्रा मरवाही में धान खरीदी केंद्रों के ऑपरेटर अचानक हड़ताल पर चले गए हैं.जिसके कारण धान खरीदी केंद्रों में खरीदी रुक गई है. समिति प्रबंधक कंप्यूटर ऑपरेटर के ना होने की वजह से धान खरीदी करने में पूरी तरह असमर्थ नजर आ रहे हैं. मामले में प्रशासनिक उदासीनता भी दिख रही है.क्योंकि जिम्मेदार अधिकारियों ने कम्प्यूटर ऑपरेटर के हड़ताल पर जाने को लेकर किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की थी.

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल : कम्यूटर ऑपरेटर अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं.इसकी वजह से खरीदी केंद्रों में खरीदी पूरी तरह बंद हो गई है. जिन किसानों का आज का टोकन है वो अपना जब धान खरीदी केंद्र पहुंचे तो उनके वाहनों को प्रवेश नहीं दिया गया. इसकी वजह ऑपरेटर्स की हड़ताल थी.जिसके बाद किसानों में नाराजगी देखी गई.

strike of computer operators
धान खरीदी केंद्रों के बाहर वाहनों की कतारें (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

काफी मशक्कत के बाद आज के दिन का टोकन मिला है.अब खरीदी केंद्रों में उनके धान की खरीदी नहीं हो रही है. ऐसे में उनके धान के टोकन का क्या होगा यह कोई बता नहीं रहा है. साथ ही यदि आज खरीदी नहीं हुई तो ट्रैक्टर का भाड़ा एवं लोडिंग अनलोडिंग करने का खर्चा उन्हें 4 से 10 हजार रुपये लग जाएगा जिसका सीधा नुकसान उन्हें होगा -योगेश्वर रजक, किसान

इन लोगों को जब पता था कि ऑपरेटर हड़ताल पर जाने वाले हैं तो दो दिन पहले ही फोन मैसेज के माध्यम से बता दिए होते.कम से कम दो दिन पहले गेट पर ही नोटिस चस्पा कर देते तो लोगों को मालूम पड़ जाता कि आज धान खरीदी बंद है.हमने ट्रैक्टर पल्लेदार के मार्फत धान को यहां लाया है.ऐसे में 4 से 5 हजार का हमें नुकसान हुआ.अब ये भी नहीं पता कि आज का टोकन काटा गया है,उसका धान कब लेंगे कल लेंगे या आखिरी दिन लेंगे.इसमें नुकसान हम जैसे छोटे किसानों को हुआ है -केशव यादव, किसान

किसान हो रहे परेशान, 4 से 5 हजार का नुकसान (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

इस पूरे मामले में समिति प्रबंधक मैन्युअल खरीदी को लेकर जब पूछा गया तो उनका कहना था कि मैन्युअल खरीदी अब संभव नहीं है.क्योंकि धान डंप है इस वजह से आगे चलकर उसे ऑनलाइन करने में दिक्कत होगी.

सोसायटी के लोग पहले भी हड़ताल में गए थे.लेकिन उनकी मांगें मान ली गई थी.लेकिन अब वो क्यों हड़ताल कर रहे हैं.इस बात की जानकारी नहीं हैं. पहले धान खरीदी केंद्रों में ऑपरेटर्स की अतिरिक्त व्यवस्था रहती थी.लेकिन इस बार एक भी अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई है.इसलिए ये परेशानी हो रही है.हालांकि हम ऑपरेटर्स को काम पर लौटने के लिए कह रहे हैं.जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी- राधेश्याम नायक सहायक पंजीयक ,सहकारी समिति

आपको बता दें कि हड़ताल की जानकारी किसानों को नहीं होने से वो तय समय में अपना धान बेचने के लिए खरीदी केंद्रों तक पहुंचे.लेकिन धान खरीदी केंद्रों में आकर उन्हें मालूम हुआ कि ऑपरेटर्स ने हड़ताल की है.ऐसे में पल्लेदारी और गाड़ी भाड़ा मिलाकर प्रति किसान को 4 से 5 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है.जिसे लेकर किसान सवाल कर रहे हैं,लेकिन उनके सवालों का जवाब अब तक किसी ने नहीं दिया है.

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गौरेला पेंड्रा मरवाही : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर धान खरीदी प्रभावित हो रही है.गौरेला पेंड्रा मरवाही में धान खरीदी केंद्रों के ऑपरेटर अचानक हड़ताल पर चले गए हैं.जिसके कारण धान खरीदी केंद्रों में खरीदी रुक गई है. समिति प्रबंधक कंप्यूटर ऑपरेटर के ना होने की वजह से धान खरीदी करने में पूरी तरह असमर्थ नजर आ रहे हैं. मामले में प्रशासनिक उदासीनता भी दिख रही है.क्योंकि जिम्मेदार अधिकारियों ने कम्प्यूटर ऑपरेटर के हड़ताल पर जाने को लेकर किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की थी.

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल : कम्यूटर ऑपरेटर अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं.इसकी वजह से खरीदी केंद्रों में खरीदी पूरी तरह बंद हो गई है. जिन किसानों का आज का टोकन है वो अपना जब धान खरीदी केंद्र पहुंचे तो उनके वाहनों को प्रवेश नहीं दिया गया. इसकी वजह ऑपरेटर्स की हड़ताल थी.जिसके बाद किसानों में नाराजगी देखी गई.

strike of computer operators
धान खरीदी केंद्रों के बाहर वाहनों की कतारें (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

काफी मशक्कत के बाद आज के दिन का टोकन मिला है.अब खरीदी केंद्रों में उनके धान की खरीदी नहीं हो रही है. ऐसे में उनके धान के टोकन का क्या होगा यह कोई बता नहीं रहा है. साथ ही यदि आज खरीदी नहीं हुई तो ट्रैक्टर का भाड़ा एवं लोडिंग अनलोडिंग करने का खर्चा उन्हें 4 से 10 हजार रुपये लग जाएगा जिसका सीधा नुकसान उन्हें होगा -योगेश्वर रजक, किसान

इन लोगों को जब पता था कि ऑपरेटर हड़ताल पर जाने वाले हैं तो दो दिन पहले ही फोन मैसेज के माध्यम से बता दिए होते.कम से कम दो दिन पहले गेट पर ही नोटिस चस्पा कर देते तो लोगों को मालूम पड़ जाता कि आज धान खरीदी बंद है.हमने ट्रैक्टर पल्लेदार के मार्फत धान को यहां लाया है.ऐसे में 4 से 5 हजार का हमें नुकसान हुआ.अब ये भी नहीं पता कि आज का टोकन काटा गया है,उसका धान कब लेंगे कल लेंगे या आखिरी दिन लेंगे.इसमें नुकसान हम जैसे छोटे किसानों को हुआ है -केशव यादव, किसान

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इस पूरे मामले में समिति प्रबंधक मैन्युअल खरीदी को लेकर जब पूछा गया तो उनका कहना था कि मैन्युअल खरीदी अब संभव नहीं है.क्योंकि धान डंप है इस वजह से आगे चलकर उसे ऑनलाइन करने में दिक्कत होगी.

सोसायटी के लोग पहले भी हड़ताल में गए थे.लेकिन उनकी मांगें मान ली गई थी.लेकिन अब वो क्यों हड़ताल कर रहे हैं.इस बात की जानकारी नहीं हैं. पहले धान खरीदी केंद्रों में ऑपरेटर्स की अतिरिक्त व्यवस्था रहती थी.लेकिन इस बार एक भी अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई है.इसलिए ये परेशानी हो रही है.हालांकि हम ऑपरेटर्स को काम पर लौटने के लिए कह रहे हैं.जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी- राधेश्याम नायक सहायक पंजीयक ,सहकारी समिति

आपको बता दें कि हड़ताल की जानकारी किसानों को नहीं होने से वो तय समय में अपना धान बेचने के लिए खरीदी केंद्रों तक पहुंचे.लेकिन धान खरीदी केंद्रों में आकर उन्हें मालूम हुआ कि ऑपरेटर्स ने हड़ताल की है.ऐसे में पल्लेदारी और गाड़ी भाड़ा मिलाकर प्रति किसान को 4 से 5 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है.जिसे लेकर किसान सवाल कर रहे हैं,लेकिन उनके सवालों का जवाब अब तक किसी ने नहीं दिया है.

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