नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून सहित किसानों की कई मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए नई दिल्ली के रामलीला मैदान (Ramlila Maidan Delhi) में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) की. यहां उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब समेत अलग-अलग राज्यों से किसान मजदूर संगठन से जुड़े लोग महापंचायत में पहुंचे. किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाकर विरोध दर्ज कराया.
किसान अपनी फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी दर्जा देने वाले कानून की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त वे एमएसपी, किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए पेंशन और कृषि ऋणों की माफी के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की भी मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि पिछले कई सालों से लगातार एमएसपी पर कानून बनाने की मांग चल रही है. सरकार ने हमें आश्वासन दिया था कि कानून बनाएंगे, लेकिन आज 3 साल हो चुके हैं कोई कानून नहीं बनाया गया है.
किसानों कि मांग है कि जिन किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं उसे वापस लिया जाए. लखीमपुरी खीरी की घटना के दोषियों पर कार्रवाई हो. जिन किसानों में कर्ज के बोझ में आत्महत्या की है उन्हें मुआवजा दिया जाए. बिजली सस्ती हो.
एमएसपी से कम मिल रहा मूल्य: राजस्थान से दिल्ली पहुंचे किसान ने बताया कि हम लोग मूंगफली की फसल उगाते हैं, लेकिन मूंगफली पर जो एमएसपी लागू किया गया है हमें उससे कम दिया जा रहा है. जिससे एक-एक किसान को दो से ढाई लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. आज हमारी मुख्य मांगे हैं कि फसल पर एमएसपी लागू किया जाए और जिन किसानों के ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ है उन मुकदमों को सरकार वापस ले. नहीं तो आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा केंद्र सरकार को भुगतना पड़ेगा."