लखनऊ : भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान अपनी मांगों को लेकर लगभग 43 दिन से किसान पथ के नीचे सुल्तानपुर रोड खुर्दही बाजार पर धरना दे रहे थे. प्रशासन द्वारा मांगे ना माने जाने पर किसानों ने गुरुवार को अचानक मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच कर दिया. रोकने की कोशिश में पुलिस ने किसानों के आगे अवरोध लगाने शुरू कर दिए. इससे नाराज किसान सुल्तानपुर रोड पर ही बैठ गए, जिससे सुल्तानपुर रोड पर जाम की स्थिति बन गई. किसानों के आक्रोश को देखते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव सुशील कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और उपाध्यक्ष से बात कराने का लिखित आश्वासन देकर किसानों को शांत कराया.
बता दें, भारतीय किसान यूनियन लखनऊ के द्वारा विगत 12 सितंबर से जमीनों के अधिग्रहण, मुआवजे, सर्किल रेट, जमीनों की बंद की गई रजिस्ट्री खुलवाने समेत कई मांगों को लेकर किसान पथ के नीचे सुल्तानपुर रोड खुर्दही बाजार में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं. गुरुवार को धरने के 43 वें दिन आक्रोशित किसानों ट्रैक्टरों व पैदल ही मुख्यमंत्री आवास की कूच कर दिया. किसानों का हुजूम देख पुलिस और जिला प्रशासन के हाथ पैर फूल गए. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए रोड पर बैरिकेडिंग लगा दी, लेकिन किसान आगे बढ़ गए. इसके बाद एचसीएल चौकी के पास बैरिकेडिंग लगाकर भारी पुलिस बल के साथ किसानों को रोकने का प्रयास किया. इससे नाराज किसानों ने सुल्तानपुर रोड पर बैठ गए. करीब दो घंटे तक जाम लगा रहा.
किसानों के धरना प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर लखनऊ विकास प्राधिकरण से सयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे और किसानों की मांग के अनुसार प्राधिकरण उपाध्यक्ष से बात कर 26 अक्टूबर को वार्ता करवाने का लिखित आश्वासन दिया. इसके अलावा आवास विकास की तरफ से हिमांशु गुप्ता अपर आवास आयुक्त द्वारा 4 नवम्बर को आवास आयुक्त से वार्ता कराने का लिखित आश्वासन दिया गया. इसके बाद किसान शांत हुए और धरनास्थल पर लौट गए. धरना प्रदर्शन में भाकियू जिला अध्यक्ष लखनऊ आलोक वर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री आशु चौधरी, मध्यांचल अध्यक्ष उत्कर्ष तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश शंकर, जिला महासचिव आशीष यादव, मंडल अध्यक्ष लखनऊ सरदार गुरमीत सिंह सहित हजारों किसान मौजूद रहे.
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