चरखी दादरी/फतेहाबाद/भिवानी/सिरसा/करनाल/कुरुक्षेत्र/रोहतक: पंजाब जींद के खनौरी बॉर्डर पर युवक की कथित मौत से गुस्साए किसानों ने वीरवार को हरियाणा में दो घंटे के लिए हाईवे बंद कर प्रदर्शन किया. भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के आह्वान पर किसानों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान कई सामाजिक संगठनों और खाप पंचायतों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया.
चरखी दादरी में खापों ने की पंचायत: चरखी दादरी में दर्जनभर खाप पंचायतों ने किसानों से एकजुट होने की अपील की और कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी. अपने-अपने क्षेत्रों में पक्का मोर्चा लगाकर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर रेल रोकने, रोड जाम करने की जरूरत पड़ी तो वो भी करेंगे. चरखी दादरी के स्वामी दयाल धाम पर सर्वजातीय सर्वखाप किसान महापंचायत का आयोजन फोगाट खाप ने किया था.
फतेहाबाद में फूंका सरकार का पुतला: फतेहाबाद में किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पुतला जलाकर प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा कि सरकार बॉर्डर पर डटे किसानों पर अत्याचार कर रही है. सरकार को एमएसपी गारंटी कानून बना देना चाहिए. भारतीय किसान यूनियन चढूनी के जिला प्रधान संदीप काजल ने बताया कि सरकार एमएसपी के वादे से मुकर कर रही है. जबकि एमएसपी किसानों का हक है. उन्होंने कहा कि किसानों को दिल्ली नहीं जाने दिया जा रहा, बल्कि उन पर गोले दागे जा रहे हैं. जो सरासर गलत है.
भिवानी में सरकार के खिलाफ नारेबाजी: भिवानी में भी किसानों ने प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. भिवानी-दादरी मार्ग पर किसान इकट्ठा हुए और सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार का पुतला भी फूंका. भाकियू जिलाध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि दिल्ली कूच के लिए तैयारी कर रहे किसानों पर हरियाणा सरकार ने गोली चलाई, ताकि किसानों को रोका जा सके. परिणाम स्वरूप एक युवा किसान शहीद हो गया. इसी के विरोध में वो प्रदर्शन कर रहे हैं.
सिरसा में रोड जाम कर प्रदर्शन: सिरसा में किसानों ने दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक रोड जाम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान एम्बुलेंस को छूट दी गई. प्रशासन ने भी टोल प्लाजा के दोनों तरफ से तकरीबन एक किलोमीटर पहले ही लोगों को आने जाने के लिए रूट को डायवर्ट कर दिया, ताकि लोगों को असुविधा ना हो. किसानों का कहना है कि उनका ये आंदोलन पुरानी मांगों को लेकर है. जिसे कि सरकार भी पहले आंदोलन के दौरान मान चुकी है.
कुरुक्षेत्र में भी दिखा असर: रोड जाम करने का प्रभाव कुरुक्षेत्र और करनाल में भी देखने को मिला जहां पर किसानों के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 44 कों शाहाबाद के पास रोड जाम किया गया, तो वहीं दूसरी जगह राष्ट्रीय राजमार्ग 152 पर पिहोवा के पास किसानों के द्वारा 2 घंटे के लिए रोड जाम किया गया. इस दौरान भारी संख्या में किसान रोड जाम करने के लिए पहुंचे और अपने व्हीकल को रोड के बीच में लगाकर खुद भी हाईवे के बीच में ही बैठ गए.
करनाल में भी किसान आंदोलन का असर देखने को मिला. कुरुक्षेत्र में दो स्थानों पर रोड जाम किया गया. भाकियू चढूनी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि सभी किसान संगठनों को एक मंच पर आना होगा और सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा, तभी हम अपनी लड़ाई जीत सकते हैं. खानौरी बॉर्डर पर युवक की मौत से पूरे देश में शोक की लहर है. किसान अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन पर गोली चलाई. जो काफी निंदनीय है.
रोहतक में खाप पंचायत ने किया किसान आंदोलन का समर्थन: रोहतक आंदोलन कर रहे किसानों ने ऐलान किया कि अभी वो दिल्ली नहीं जाएंगे. उन्हें पंजाब से आने वाले किसानों का इंतजार है. किसान आंदोलन स्थल पर खाप पंचायतों की बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि आगे की रणनीति के लिए तीन राज्यों से खाप पंचायतों की बैठक के बाद किसान फैसला लेंगे. रोहतक जींद रोड के पास गांव टिटौली में 13 फरवरी से किसान एमएसपी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. धरने पर लगातार किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है.