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किसानों का दिल्ली कूच: कहीं दागे गए आंसू गैस के गोले, कहीं पानी की बौछार, आमने-सामने किसान और सरकार - किसानों का दिल्ली कूच

Farmers Protest Impact in Haryana: मंगलवार को हरियाणा भर में किसानों के दिल्ली कूच का असर देखने को मिला. हर जिले में पुलिस प्रशासन की तरफ से बैरिकेडिंग की गई थी, ताकि किसान दिल्ली ना जा सके. इसके बाद भी अंबाला और जींद में किसानों और पुलिस के बीच जंग जैसी स्थिति देखने को मिली. जानें कैसा रहा दूसरे जिलों का हाल.

Farmers Protest Impact in Haryana
Farmers Protest Impact in Haryana
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 13, 2024, 6:19 PM IST

Updated : Feb 13, 2024, 6:44 PM IST

फतेहाबाद/जींद/सिरसा/पानीपत/झज्जर: मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी एमएसपी को लागू करने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, कर्ज माफ करने जैसी कई मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है. दिल्ली कूच के आह्वान के तहत मंगलवार को किसानों और पुलिस के बीच जंग जैसी स्थिति देखने को मिली. एक तरफ किसान दिल्ली कूच की जिद्द पर अड़े तो दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन किसानों को रोकने का हर संभव प्रयास करती दिखी.

जींद में किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले: जींद में पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसाए. बेकाबू होती भीड़ को देखकर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया. जब किसान बैरिकेड्स को पास करने की कोशिश करने लगे तो पुलिस और किसानों के बीच बहस देखने को मिली. विवाद बढ़ता देख सीआरपीएफ को बुलाया गया. इसके बाद किसान कुछ देर बाद दूसरी जगह डेरा डालकर बैठ गए.

फतेहाबाद में पंजाब से आने वाले किसानों के लिए लगाया गया लंगर: किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान के तहत हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया से सैकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली के रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने पहले से ही थ्री लेयर बैरिकेडिंग की हुई थी. यहां किसानों ने पंजाब से आने वाले किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था भी की हुई थी.

टिकरी बॉर्डर पर कड़ी रही सुरक्षा: किसानों के दिल्ली कूच को लेकर दिल्ली और हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर पैरामिलिट्री के जवान तैनात रहे. दिल्ली पुलिस के बड़े अधिकारियों की टीम भी टिकरी बॉर्डर पर मौजूद रही. इसके अलावा बड़ी संख्या में सीसीटीवी इंस्टॉल किए गए. इतना ही नहीं लोहे के कंटीले तार से लैस बेरिगेट्स भी लगाए गए. सड़कों पर लोहे की कील गाड़ दी गई.

किसान दिल्ली कूच ना कर सके इसके लिए लोहे के कंटेनरों में मिट्टी डालकर सड़क पर रखा गया. हालांकि किसान बहुत की कम संख्या में वहां पहुंचे. इसलिए सब शांतिपूर्ण रहा. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए झज्जर जिले में धारा 144 लगाई गई है. दिल्ली पुलिस की तरफ से दो डीसीपी और 6 एसीपी लेवल के अधिकारियों के साथ-साथ करीब 500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी टिकरी बॉर्डर और झाडोदा बॉर्डर पर लगाई गई है.

धारा 144 जारी, इंटरनेट बैन: किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए झज्जर में सात अस्थाई डिटेंशन सेंटर बनाए गए. पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की 11 कंपनियां भी तैनात की गई. झज्जर जिले के एसपी अर्पित जैन ने कहा कि किसी भी कीमत पर किसानों को आगे नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि झज्जर जिले में धारा 144 भी लगाई गई है. कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.

पानीपत में सुरक्षा रही कड़ी: किसानों के दिल्ली कूच को लेकर पानीपत में भी सुरक्षा कड़ी रही. पानीपत और सोनीपत के हल्द्वानी बॉर्डर पर पुलिस और फोर्स की आठ कंपनी तैनाती रही. पट्टीकल्याणा गांव के पास पानीपत और सोनीपत पुलिस ने संयुक्त रूप से नाकाबंदी की. किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन मशीन, वज्र वाहन, क्रेन मौके पर मौजूद रहा. इसके अलावा करीब 6 गाड़ियां, फायर ब्रिगेड़, 4 एंबुलेंस भी मौके पर खड़ी की गई.

सिरसा में ट्रांसपोर्ट ठप, फंसे कई ट्रक: सिरसा जिला में भी किसानों के दिल्ली कूच को लेकर प्रशासन की तरफ से बैरिकेडिंग की गई थी. जिसकी वजह से आम लोगों को तो परेशानी हुई ही. साथ में ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप हो गया. पिछले तीन दिन से ट्रक सिरसा में फंसे हैं. ये सभी ट्रक गुजरात से चलकर पंजाब जा रहे थे, लेकिन सिरसा में हरियाणा और पंजाब बॉर्डर के सभी रास्ते बंद होने की वजह से आवाजाही रुक गई है.

ट्रक चालक रास्ते बंद होने की वजह से वापस लौटने को मजबूर हो गए हैं. ड्राइवरों का कहना है कि ना तो उनके खाने के लिए अब सरकार और पुलिस प्रशासन ने कोई इंतजाम किए हैं और ना ही उनके रुकने के लिए कोई इंतजाम किया है. जिसके चलते वो अपने ट्रक में ही रात को सोने को मजबूर हो गए हैं. उनका कहना है कि अगर रात को उनके साथ कोई हादसा हो जाता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.

ये भी पढ़ें- अंबाला में शंभू बॉर्डर पर बवाल, दिल्ली कूच से पहले किसानों और पुलिस में भिड़ंत, ड्रोन से दागे गए आंसू गैस के गोले

ये भी पढ़ें- MSP पर नहीं बनी बात तो दिल्ली चले किसान, अंबाला में छोड़े गए आंसू गैस के गोले, शंभू बॉर्डर पर कई किसान हिरासत में

ये भी पढ़ें- केंद्र सरकार और किसानों के बीच बैठक नाकाम! दिल्ली कूच की तैयारी में किसान, हरियाणा के बॉर्डर सील

फतेहाबाद/जींद/सिरसा/पानीपत/झज्जर: मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी एमएसपी को लागू करने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, कर्ज माफ करने जैसी कई मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है. दिल्ली कूच के आह्वान के तहत मंगलवार को किसानों और पुलिस के बीच जंग जैसी स्थिति देखने को मिली. एक तरफ किसान दिल्ली कूच की जिद्द पर अड़े तो दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन किसानों को रोकने का हर संभव प्रयास करती दिखी.

जींद में किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले: जींद में पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसाए. बेकाबू होती भीड़ को देखकर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया. जब किसान बैरिकेड्स को पास करने की कोशिश करने लगे तो पुलिस और किसानों के बीच बहस देखने को मिली. विवाद बढ़ता देख सीआरपीएफ को बुलाया गया. इसके बाद किसान कुछ देर बाद दूसरी जगह डेरा डालकर बैठ गए.

फतेहाबाद में पंजाब से आने वाले किसानों के लिए लगाया गया लंगर: किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान के तहत हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया से सैकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली के रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने पहले से ही थ्री लेयर बैरिकेडिंग की हुई थी. यहां किसानों ने पंजाब से आने वाले किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था भी की हुई थी.

टिकरी बॉर्डर पर कड़ी रही सुरक्षा: किसानों के दिल्ली कूच को लेकर दिल्ली और हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर पैरामिलिट्री के जवान तैनात रहे. दिल्ली पुलिस के बड़े अधिकारियों की टीम भी टिकरी बॉर्डर पर मौजूद रही. इसके अलावा बड़ी संख्या में सीसीटीवी इंस्टॉल किए गए. इतना ही नहीं लोहे के कंटीले तार से लैस बेरिगेट्स भी लगाए गए. सड़कों पर लोहे की कील गाड़ दी गई.

किसान दिल्ली कूच ना कर सके इसके लिए लोहे के कंटेनरों में मिट्टी डालकर सड़क पर रखा गया. हालांकि किसान बहुत की कम संख्या में वहां पहुंचे. इसलिए सब शांतिपूर्ण रहा. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए झज्जर जिले में धारा 144 लगाई गई है. दिल्ली पुलिस की तरफ से दो डीसीपी और 6 एसीपी लेवल के अधिकारियों के साथ-साथ करीब 500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी टिकरी बॉर्डर और झाडोदा बॉर्डर पर लगाई गई है.

धारा 144 जारी, इंटरनेट बैन: किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए झज्जर में सात अस्थाई डिटेंशन सेंटर बनाए गए. पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की 11 कंपनियां भी तैनात की गई. झज्जर जिले के एसपी अर्पित जैन ने कहा कि किसी भी कीमत पर किसानों को आगे नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि झज्जर जिले में धारा 144 भी लगाई गई है. कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.

पानीपत में सुरक्षा रही कड़ी: किसानों के दिल्ली कूच को लेकर पानीपत में भी सुरक्षा कड़ी रही. पानीपत और सोनीपत के हल्द्वानी बॉर्डर पर पुलिस और फोर्स की आठ कंपनी तैनाती रही. पट्टीकल्याणा गांव के पास पानीपत और सोनीपत पुलिस ने संयुक्त रूप से नाकाबंदी की. किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन मशीन, वज्र वाहन, क्रेन मौके पर मौजूद रहा. इसके अलावा करीब 6 गाड़ियां, फायर ब्रिगेड़, 4 एंबुलेंस भी मौके पर खड़ी की गई.

सिरसा में ट्रांसपोर्ट ठप, फंसे कई ट्रक: सिरसा जिला में भी किसानों के दिल्ली कूच को लेकर प्रशासन की तरफ से बैरिकेडिंग की गई थी. जिसकी वजह से आम लोगों को तो परेशानी हुई ही. साथ में ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप हो गया. पिछले तीन दिन से ट्रक सिरसा में फंसे हैं. ये सभी ट्रक गुजरात से चलकर पंजाब जा रहे थे, लेकिन सिरसा में हरियाणा और पंजाब बॉर्डर के सभी रास्ते बंद होने की वजह से आवाजाही रुक गई है.

ट्रक चालक रास्ते बंद होने की वजह से वापस लौटने को मजबूर हो गए हैं. ड्राइवरों का कहना है कि ना तो उनके खाने के लिए अब सरकार और पुलिस प्रशासन ने कोई इंतजाम किए हैं और ना ही उनके रुकने के लिए कोई इंतजाम किया है. जिसके चलते वो अपने ट्रक में ही रात को सोने को मजबूर हो गए हैं. उनका कहना है कि अगर रात को उनके साथ कोई हादसा हो जाता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.

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Last Updated : Feb 13, 2024, 6:44 PM IST
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