कोटा. कृषि उपज मंडियों में सरसों के भाव तेज होने के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद धीमी पड़ गई है. कोटा संभाग में अब तक लक्ष्य की मात्र 38 फीसदी सरसों खरीद हुई है. बीते एक सप्ताह में तौल केंद्र पर आवक कम हो रही है, जिसके बाद खरीद का आंकड़ा भी काफी कम होता जा रहा है. दूसरी तरफ चने के भाव मंडी में शुरुआत से ही ज्यादा रहे, ऐसे में खरीद केंद्र पर किसान चने लेकर नहीं आए. लक्ष्य की तुलना में चने की खरीद महज एक फीसदी हुई है.
राजफैड के कार्यवाहक क्षेत्रीय अधिकारी विष्णुदत्त शर्मा ने बताया कि कोटा संभाग के सभी खरीद केंद्र पर सरसों की 5 हजार क्विंटल के आसपास ही आवक हो रही है. आने वाले दिनों में यह और कम हो जाएगी. वर्तमान में भामाशाह कृषि उपज मंडी में सरसों के दाम 5140 से लेकर 5740 रुपए के बीच है. औसत भाव 5300 है, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 5650 रुपए में खरीद हो रही है. इसके बावजूद भी किसान फसल बेचने नहीं पहुंच रहे है. शर्मा ने कहा कि कोटा संभाग के खरीद केंद्र पर 707335 क्विंटल खरीद हुई है. यह खरीद का लक्ष्य 18.45 लाख क्विंटल था. ऐसे में लक्ष्य की आधी से कम ही खरीद अभी तक हो पाई है.
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चने की खरीद भी कम ही हुई: न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चने का भाव 5440 रुपए प्रति क्विंटल था, लेकिन कोटा की भामाशाह कृषि उपज मंडी में यह भाव 6300 रुपए है. इसलिए अधिकतम 6625 के आसपास चल रहा है. वहीं, औसत भाव 6450 रुपए प्रति क्विंटल है. मंडी में करीब 900 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा मिल रहे थे. चने की खरीद का लक्ष्य 8.50 लाख था, जिसमें से महज 12138 क्विंटल ही खरीद हुई है. किसानों ने मंडी में ज्यादा दाम पर ही बेचा है, इसलिए केवल डेढ़ फीसदी ही चने की खरीद हो पाई है.