नूंह: जमीन अधिग्रहण का मुआवजा नहीं मिलने से किसान नाराज हो गए हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनको जल्द से जल्द मुआवजे की राशि नहीं मिलती तो वे रेलवे का काम रोक देंगे. भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान इसके विरोध में एक महापंचायत करने वाले हैं. उस पंचायत में राकेश टिकैत भी शामिल हो सकते हैं.
किसानों मुआवजे के लिए 4 फरवरी को महापंचायत करने जा रहे हैं. इस पंचायत में रेलवे का काम रोकने पर फैसला लिया जा सकता है. किसानों का आरोप है कि उनकी जमीनों का मुआवजा कहीं पर 2 करोड़ प्रति एकड़ और कहीं 3 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जा रहा है. किसानों का ये भी कहना है कि सरकार किसानों के धर्म देखकर मुआवजे तय कर रही है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता आजाद खेड़ी ने कहा कि रेलवे जिस काम को कर रही है वो किसानों की जमीन पर हो रहा है. इसके लिए पहले किसानों को मुआवजा देना होगा. उसके बाद काम शुरू हो. अगर सरकार इन किसानों को मुआवजा नहीं देगी तो किसान महापंचायत में आगे की रणनीति बनाकर विरोध किया जायेगा.
आपको बता दें कि कई गांव के किसान सहसोला गांव में पिछले 29 जनवरी से धरने पर बैठे हुए हैं. किसान लगातार रेलवे से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक रेलवे ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई है. जिसकी वजह से किसान और रेलवे में आर-पार की जंग भी छिड़ सकती है. इस धरने में सहसोला, पीपाका, पाटुका, घुसबैठी, किरुरी, भूतलाका, मेंढला और धुलावट गांव के किसान धरना दे रहे हैं.
नूंह में निर्माणाधीन ऑर्बिटल रेलवे लाइन के लिए जो सुरंग बनाई जा रही है, उसके लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है. किसान आरोप लगा रहे हैं कि काम शुरू हो गया लेकिन उनको मुआवजा नहीं मिला है.
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