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धान की कटाई शुरू.. चौंकिये मत! यह है गरमा धान, जिसकी खेती से कम समय और कम लागत में मिलेगा अधिक मुनाफा - Garma Dhaan Cultivation

GARMA DHAAN IN MASAURHI: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में किसान एक खास धान की खेती करके कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. इस धान की खेती से किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं. यहां जानें कैसे लगाएं कम लागत में गरमा धान.

GARMA DHAAN CULTIVATION
मसौढ़ी में गरमा धान की खेती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 17, 2024, 2:31 PM IST

मसौढ़ी में गरमा धान की कटाई (ETV Bharat)

मसौढ़ी: एक तरफ जहां जोर-शोर से सभी किसान धान रोपनी कर रहे हैं, वहीं कई जगहो पर किसान धान की कटाई में भी लगे हुए हैं. दरअसल यह गरमा धान है जो मई या जून महीने में खेतों में लगाई जाती है. कहा जाता है कि ये कम समय में ही अधिक मुनाफा और उपज देती है. इस धान की खेती कर किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं. पटना से सटे मसौढ़ प्रखंड के जगपुरा गांव में गरमा धान की बंपर पैदावार होती है और तकरीबन 70 किसान इसका रोपन अपने खेतों में करते हैं.

जानें कितने समय में फसल होगी तैयार: जगपुरा गांव के किसान सीताराम सिंह ने कहा कि कम समय में अधिक मुनाफा इस धान से मिलता है. मई-जून में उन्होंने अपनी खेतों फसल लगाया था, जो फसल अब तैयार हो गई है. इस कटने के बाद इसी महीने इस खेत में चना की खेती की जाएगी. उन्होंने कहा कि जब गेहूं की कटाई होती है तो उसके बाद खेत खाली ना रहे इसको लेकर वो सभी किसान गरमा धान लगा देते हैं, क्योंकि यह 90 दिनों में ही तैयार हो जाती है.

किसानों को मिल रहा डबल फायदा: कम समय में अधिक मुनाफा देने वाला गरमा धान किसानों के लिए बहुत ही फायदामंद है. इसके साथ ही सीताराम ने बताया कि गरमा धान में सिर्फ धान की बाली काटी जाती हैं, बाकी अवशेष खेत में ही छोड़ दिया जाता है, जिससे खाद और उर्वरक बनते हैं. अलग से जो धान की रोपाई होगी तो उसमें यूरिया खाद देने की जरूरत नहीं होती है. ये धान की बची फसल ऑरगेनिक खाद का काम करती है.

"कम समय में अधिक मुनाफा देने वाला यह गरमा धान है, जिसके कारण इसकी खेती हम सभी करते हैं. अगली फसल के लिए अब खेत तैयार हो गया है. जब खेत खाली रहे तो किसानों को गरमा धान लगा देना चाहिए और फिर अगस्त महीने में ये धान काट ली जाती है. फिर नए सिरे से नई फसल या फिर चना लगा सकते हैं."-सीताराम सिंह, किसान

पढ़ें-पारंपरिक गीतों के साथ गरमा धान की रोपाई कर रही महिलाएं, कम समय में अच्छी कमाई - garma dhan farming in patna

मसौढ़ी में गरमा धान की कटाई (ETV Bharat)

मसौढ़ी: एक तरफ जहां जोर-शोर से सभी किसान धान रोपनी कर रहे हैं, वहीं कई जगहो पर किसान धान की कटाई में भी लगे हुए हैं. दरअसल यह गरमा धान है जो मई या जून महीने में खेतों में लगाई जाती है. कहा जाता है कि ये कम समय में ही अधिक मुनाफा और उपज देती है. इस धान की खेती कर किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं. पटना से सटे मसौढ़ प्रखंड के जगपुरा गांव में गरमा धान की बंपर पैदावार होती है और तकरीबन 70 किसान इसका रोपन अपने खेतों में करते हैं.

जानें कितने समय में फसल होगी तैयार: जगपुरा गांव के किसान सीताराम सिंह ने कहा कि कम समय में अधिक मुनाफा इस धान से मिलता है. मई-जून में उन्होंने अपनी खेतों फसल लगाया था, जो फसल अब तैयार हो गई है. इस कटने के बाद इसी महीने इस खेत में चना की खेती की जाएगी. उन्होंने कहा कि जब गेहूं की कटाई होती है तो उसके बाद खेत खाली ना रहे इसको लेकर वो सभी किसान गरमा धान लगा देते हैं, क्योंकि यह 90 दिनों में ही तैयार हो जाती है.

किसानों को मिल रहा डबल फायदा: कम समय में अधिक मुनाफा देने वाला गरमा धान किसानों के लिए बहुत ही फायदामंद है. इसके साथ ही सीताराम ने बताया कि गरमा धान में सिर्फ धान की बाली काटी जाती हैं, बाकी अवशेष खेत में ही छोड़ दिया जाता है, जिससे खाद और उर्वरक बनते हैं. अलग से जो धान की रोपाई होगी तो उसमें यूरिया खाद देने की जरूरत नहीं होती है. ये धान की बची फसल ऑरगेनिक खाद का काम करती है.

"कम समय में अधिक मुनाफा देने वाला यह गरमा धान है, जिसके कारण इसकी खेती हम सभी करते हैं. अगली फसल के लिए अब खेत तैयार हो गया है. जब खेत खाली रहे तो किसानों को गरमा धान लगा देना चाहिए और फिर अगस्त महीने में ये धान काट ली जाती है. फिर नए सिरे से नई फसल या फिर चना लगा सकते हैं."-सीताराम सिंह, किसान

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