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पटना में पपीते की खेती बढ़ा रही है किसानों की आमदनी, युवा किसान बन रहे आत्मनिर्भर - cash crop

Papaya Farming In Patna: पटना में पपीता की खेती से किसानों को काफी फायदा हो रहा है. अब युवा भी खेती-किसानी कर स्वावलंबी बनने की राह पर चल रहे हैं. वहीं सरकार की तरफ से भी किसानों को जागरुक किया जा रहा है.

पटना में पपीते की खेती
पटना में पपीते की खेती
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 29, 2024, 10:30 AM IST

पटना में पपीते की खेती

पटना: राष्ट्रीय बागवानी मिशन से जुड़कर कई किसान आत्मनिर्भर और स्वावलंबी की राह पर चल पड़े हैं. सरकार भी खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान उद्यान निदेशालय की ओर से किसानों को जागरुक कर रही है. युवाओं का भी रुझान खेती की तरफ देखने को मिल रहा है. पटना के मसौढ़ी में युवा किसान पपीता की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.

पटना में पपती की खेती: मसौढ़ी प्रखंड के बिजोरा गांव में पपीते की खेती से किसानों की आमदनी दोगुनी हो रही है. यहां कई युवा किसान मिलकर पपीते की खेती कर रहे हैं, स्टार्टअप इंडिया के तहत शुरुआत में तकरीबन एक एकड़ में 100 पपीते का पौधा लगाकर खेती की शुरुआत की है.

पपीते की खेती
पपीते की खेती कर रहे युवा किसान

पपीता की बिक्री से किसानों को फायदा: बताया जाता है कि एक पौधे में तकरीबन डेढ़ सौ किलो पपीता का उत्पादन होता है. बाजारों में 40-50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से पपीता की बिक्री भी हो रही है, जिससे यह किसान अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा जैविक खेती कर खेती में बढ़ावा दे रहे हैं. वहीं सरकार भी राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को महज 6 रुपए में पौधे का वितरण कर रही है.

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युवा ने किया पपीता की खेती का स्टार्टअप: इसको लेकर युवा किसान कुंदन कुमार ने बताया कि अभी तो उन्होंने स्टार्टअप के तौर पर 10 कट्ठा में इसकी शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि रेड लेडी प्रजाति के पपीते काफी फायदेमंद है. इसे तोड़ने के एक सप्ताह तक यह फ्रेश ही रहता है. इसकी खेती अगर तरीके से की जाए तो लोगों को काफी फायदा मिलेगा.

"अपने खेतों में रेड लेडी प्रजाति के पपीते के पौधे लगाए हैं. स्टार्टअप में अभी एक एकड़ में 100 पपीते के पेड़ को लगाकर शुरुआत किए हैं. धीरे-धीरे इसे और बढ़ाएंगे, पपीते की खेती एक अच्छी आमदनी का बढ़ावा देती है."- कुंदन कुमार, किसान

ये भी पढ़ें: मंगरैल की खेती से मालामाल हो रहे किसान, कम लागत में दोगुना मुनाफा

पटना में पपीते की खेती

पटना: राष्ट्रीय बागवानी मिशन से जुड़कर कई किसान आत्मनिर्भर और स्वावलंबी की राह पर चल पड़े हैं. सरकार भी खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान उद्यान निदेशालय की ओर से किसानों को जागरुक कर रही है. युवाओं का भी रुझान खेती की तरफ देखने को मिल रहा है. पटना के मसौढ़ी में युवा किसान पपीता की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.

पटना में पपती की खेती: मसौढ़ी प्रखंड के बिजोरा गांव में पपीते की खेती से किसानों की आमदनी दोगुनी हो रही है. यहां कई युवा किसान मिलकर पपीते की खेती कर रहे हैं, स्टार्टअप इंडिया के तहत शुरुआत में तकरीबन एक एकड़ में 100 पपीते का पौधा लगाकर खेती की शुरुआत की है.

पपीते की खेती
पपीते की खेती कर रहे युवा किसान

पपीता की बिक्री से किसानों को फायदा: बताया जाता है कि एक पौधे में तकरीबन डेढ़ सौ किलो पपीता का उत्पादन होता है. बाजारों में 40-50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से पपीता की बिक्री भी हो रही है, जिससे यह किसान अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा जैविक खेती कर खेती में बढ़ावा दे रहे हैं. वहीं सरकार भी राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को महज 6 रुपए में पौधे का वितरण कर रही है.

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युवा ने किया पपीता की खेती का स्टार्टअप: इसको लेकर युवा किसान कुंदन कुमार ने बताया कि अभी तो उन्होंने स्टार्टअप के तौर पर 10 कट्ठा में इसकी शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि रेड लेडी प्रजाति के पपीते काफी फायदेमंद है. इसे तोड़ने के एक सप्ताह तक यह फ्रेश ही रहता है. इसकी खेती अगर तरीके से की जाए तो लोगों को काफी फायदा मिलेगा.

"अपने खेतों में रेड लेडी प्रजाति के पपीते के पौधे लगाए हैं. स्टार्टअप में अभी एक एकड़ में 100 पपीते के पेड़ को लगाकर शुरुआत किए हैं. धीरे-धीरे इसे और बढ़ाएंगे, पपीते की खेती एक अच्छी आमदनी का बढ़ावा देती है."- कुंदन कुमार, किसान

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