कोरिया/एमसीबी: जिले में अब तक 2 लाख 13 हजार 404 क्विंटल धान की खरीदी हुई है. इसमें 1 लाख 25 हजार 250 क्विंटल धान का उठाव हुआ है. 43 धान खरीदी केंद्रों में धान की आवक जारी है. हालांकि सॉफ्टवेयर में रकबा शून्य होने से करीब 300 किसान धान बेचने के लिए टोकन नहीं ले पा रहे हैं. केंद्रों पर जूट बारदाने की कमी भी बनी हुई है, जिसके बदले प्लास्टिक बोरियों का अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है.
गलत एंट्री किए जाने से भी किसान परेशान: धान बेचने पहुंच रहे किसान गिरदावरी रिपोर्ट की गलत एंट्री से परेशान हैं. खरीदी तेज होने के साथ ही ऐसी शिकायतें भी लगातार सामने आ रही हैं. अब तक दोनों जिले में 5 हजार 231 किसानों ने अपना धान बेचा है. इन किसानों से एक करोड़ रुपए से अधिक की वसूली भी लिंकिंग के माध्यम से की गई है. किसानों ने समिति प्रबंधक पर वसूली करने का भी आरोप लगाया है.
ग्राम मनसुख का किसान सुभाष ने बताया मैं यहां धान बेचने आया हुआ था. जहां पर नमी बताया गया. उसके बाद मुझसे 6 हजार लिया गया था. - सुभाष , किसान
कलेक्टर के आदेश पर जांच करने पहुंचे अधिकारी: मामले में धान समिति प्रबंधक अजय साहू ने बताया कि उन पर जो आरोप लगे हैं, वो निराधार हैं. उनके पास किसानों ने कोई भी समस्या नहीं बताई. वहीं कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारी बयान लेने पहुंचे. जांच अधिकारी विजय सिंह यूके का कहना है कि ग्राम मनसुख के नौ किसानों ने जनदर्शन में कलेक्टर से शिकायत की थी. जिसको लेकर कलेक्टर के निर्देश पर वे सभी जांच करने पहुंचे हैं.
खरीदी और परिवहन में तेजी से मिली राहत: कोरिया जिले के 20 उपार्जन केंद्रों में 187 किसानों ने 663.84 टन धान बेचा. यहां कुल 2944 किसानों ने अब तक 11381.20 टन धान की बिक्री की है. इसमें 6159 टन धान का उठाव हो गया है. वहीं मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के 23 खरीदी केंद्रों में 119 किसानों ने 456.32 टन धान बेचा है. यहां अब तक कुल 2287 किसानों ने 9959.20 टन धान की बिक्री की है. जिसमें 6366 टन धान का उठाव हो गया है. कोरिया में 9 और एमसीबी में 15 मिलर्स से अनुबंध किया गया है. नवंबर में खरीदी काफी कमजोर रहा. लेकिन दिसंबर शुरुआत के साथ ही खरीदी और परिवहन में तेजी से काफी राहत मिली है. किसानों को भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है.
इस सीजन में धान बेचने के लिए 28 हजार 304 किसानों ने पंजीयन कराया था. कोरिया में कुल 94450 मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य तय किया गया है. खरीदी केंद्रों में किसानों को परेशानी न हो, इसलिए रोज मानिटरिंग की जा रही है. रकबा सुधारने का काम तहसील की ओर से किया जा रहा है.