साहिबगंज: जिला बरहेट प्रखंड की सिमलढ़ाव पंचायत के झबरी गांव का ये मामला भले ही 9 साल पुराना है. लेकिन पीड़ित किसान श्रृजल मंडल के जख्म आज भी हरे हैं. न्याय के लिए कोर्ट और दफ्तर के चक्कर लगाते-लगाते हुए वो परेशान हो चुके हैं. एक फिर से उन्होंने प्रशासन और सहकारिता विभाग से राशि के भुगतान की मांग की है.
बता दें कि किसान श्रृजल मंडल को धान देने पर बरहेट लैम्पस लिमिटेड ने 2015 में एक लाख 20 हजार रुपये का चेक दिया. श्रृजल मंडल ने वनांचल ग्रामीण बैंक की कुसमा बाजार शाखा में उसे जमा करया. एक माह बाद वो बैलेंस पता लगाने के लिए पहुंचे तो पता चला कि उनका चेक बाउंस हो गया है. बैंक कर्मी ने बताया कि लैम्पस के खाते में रुपया ही नहीं है, इस वजह से चेक बाउंस हो गया.
इस पर किसान श्रृजल मंडल ने साहिबगंज व्यवहार न्यायालय में केस दर्ज करा दिया. इस बीच श्रृजल मंडल के पुत्र प्रदीप मंडल ने पिता द्वारा लैम्पस में धान बेचने और पैसा न मिलने पर नाराज हो गया. इसी गुस्से में आकर प्रदीप ने पिता के साथ मारपीट की और श्रृजल मंडल के पैर तोड़ दिये. श्रृजल मंडल ने काफी इलाज कराया लेकिन वह पूरी तरह ठीक नहीं हुआ, उनके पैर में स्टील लगाना पड़ा. पिछले दिनों लंगड़ाते हुए बरहेट के नए बीडीओ अंशु कुमार पांडेय के यहां पहुंचा और राशि दिलाने की गुहार लगाई.
श्रृजल मंडल ने अपने आवेदन में कहा कि बरहेट लैम्पस ने धान क्रय के बाद मुझे एक लाख 20 हजार का चेक दिया था लेकिन आज तक बैंक में चेक क्लियर नहीं हुआ. इस संबंध में साहिबगंज व्यवहार न्यायालय में केस भी चल रहा है. लैम्पस से मिले चेक में पैसे नहीं रहने पर गुस्साए बेटे ने पैर तोड़ दिया. ये चेक उन्हें 2015 में चेक मिला और आज तक राशि नहीं मिली, जिला प्रशासन हमारी राशि दिलाए.
इस मामले को लेकर सहकारिता पदाधिकारी राम कुमार प्रसाद ने कहा कि ये उनके मामला संज्ञान में आया है. किसान और लैम्पस के अध्यक्ष व सचिव को बुलाकर विस्तार से मामले की जानकारी लिया जा रहा है, श्रृजल मंडल की हरसंभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि अब तक मेरे सामने यह मामला नहीं आया था, मामला कहां फंसा है यह जानने का प्रयास किया जाएगा और तकनीकी समस्या को दूर कर जल्द किसान को धान की राशि दिलाई जाएगी.
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