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किसानों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य, एक महीने तक चलेगा अभियान, एग्री स्टैक के पहले चरण की शुरुआत - registry mandatory for farmer

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 8:09 PM IST

यूपी में एग्री स्टैक की स्थापना के पहले चरण का आगाज शुक्रवार को कर दिया गया. इसके साथ ही फॉर्मर रजिस्ट्री तैयार करने के लिए चलेगा एक माह का अभियान. पीएम किसान योजना के लिए फॉर्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दिया गया है. किसान को तभी जारी होगी किश्त

एग्री स्टैक की स्थापना के पहले चरण का आगाज
एग्री स्टैक की स्थापना के पहले चरण का आगाज (PHOTO credits ETV BHARAT)

लखनऊ: सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को एग्री स्टैक की स्थापना के पहले चरण की शुरुआत की. इस पहल का उद्देश्य किसानों को सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि निवेश और बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच उपलब्ध कराना है. राजधानी लखनऊ स्थित कृषि भवन के सभागार में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि, किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा जब उनके पास फार्मर रजिस्ट्री होगी. खासकर पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए भी यह अनिर्वाय है.

इसके साथ ही शाही ने कहा कि, प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री के लिए एक महीने तक अभियान चलाया जाएगा. वहीं मंत्री ने कहा कि, एग्री स्टैक के पहले चरण में तीन बुनियादी रजिस्ट्री शामिल हैं. जिसमें भू-संदर्भित राजस्व ग्राम मानचित्र (Geo Reference Village Map), जीआईएस बेस रियल टाइम क्रॉप सर्वे (Crop Son Registry) और किसानों का डेटाबेस (Farmer Registry) है.

वहीं सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि, उत्तर प्रदेश के सभी राजस्व ग्राम के सजरा मानचित्र को हाई-रेजुलेशन सेटेलाइट मैप के साथ मैपिंग कराकर भू-संदर्भित राजस्व ग्राम मानचित्र के रूप में डिजिटाइज किया जा रहा है. जिससे हर खेत का जियो रेफरेंसिंग संभव हो सकेगा. शाही ने कहा कि क्रॉप सोन रजिस्ट्री के तहत प्रदेश के सभी खेतों में बोई गई फसलों का खरीफ, रबी और जायद में केंद्र सरकार के बनाए मोबाइल ऐप के जरिए फसल सर्वेक्षण किया जा रहा है.

खरीफ 2023 में उत्तर प्रदेश के 21 जनपदों और बांकी 54 जनपदों के 10-10 राजस्व ग्रामों में ई-खसरा पड़ताल हुई. फार्मर रजिस्ट्री में प्रदेश के कृषक विवरण को एग्री स्टैक के अंतर्गत तैयार किए जा रहे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा. इसके लिए भारत सरकार की तरफ से भूलेख के डेटाबेस को इकट्ठा कर राज्य को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जायेगा. प्रदेश भर में फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने के लिए एक माह का अभियान शुरू किया जा रहा है. इस अभियान के संचालन के लिए मुख्यालय स्तर पर एक हेल्प डेस्क भी स्थापित की गई है.

अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि, दिसंबर 2024 से पीएम किसान योजना की मिलने वाली किश्त के लिए फार्मर रजिस्ट्री का होना अनिवार्य कर दिया गया है. इससे किसानों को फसली ऋण, फसल बीमा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मार्केटिंग में आसानी रहेगी. और दूसरे सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि फर्रूखाबाद में पायलट आधार पर फॉर्मर रजिस्ट्री तैयार करने का काम पूरा किया गया है.

ये भी पढ़ें:यूपी के 12 लाख किसानों के लिए जरूरी खबर, मुफ्त बिजली के रजिस्ट्रेशन अब 15 जुलाई तक होंगे

लखनऊ: सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को एग्री स्टैक की स्थापना के पहले चरण की शुरुआत की. इस पहल का उद्देश्य किसानों को सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि निवेश और बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच उपलब्ध कराना है. राजधानी लखनऊ स्थित कृषि भवन के सभागार में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि, किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा जब उनके पास फार्मर रजिस्ट्री होगी. खासकर पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए भी यह अनिर्वाय है.

इसके साथ ही शाही ने कहा कि, प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री के लिए एक महीने तक अभियान चलाया जाएगा. वहीं मंत्री ने कहा कि, एग्री स्टैक के पहले चरण में तीन बुनियादी रजिस्ट्री शामिल हैं. जिसमें भू-संदर्भित राजस्व ग्राम मानचित्र (Geo Reference Village Map), जीआईएस बेस रियल टाइम क्रॉप सर्वे (Crop Son Registry) और किसानों का डेटाबेस (Farmer Registry) है.

वहीं सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि, उत्तर प्रदेश के सभी राजस्व ग्राम के सजरा मानचित्र को हाई-रेजुलेशन सेटेलाइट मैप के साथ मैपिंग कराकर भू-संदर्भित राजस्व ग्राम मानचित्र के रूप में डिजिटाइज किया जा रहा है. जिससे हर खेत का जियो रेफरेंसिंग संभव हो सकेगा. शाही ने कहा कि क्रॉप सोन रजिस्ट्री के तहत प्रदेश के सभी खेतों में बोई गई फसलों का खरीफ, रबी और जायद में केंद्र सरकार के बनाए मोबाइल ऐप के जरिए फसल सर्वेक्षण किया जा रहा है.

खरीफ 2023 में उत्तर प्रदेश के 21 जनपदों और बांकी 54 जनपदों के 10-10 राजस्व ग्रामों में ई-खसरा पड़ताल हुई. फार्मर रजिस्ट्री में प्रदेश के कृषक विवरण को एग्री स्टैक के अंतर्गत तैयार किए जा रहे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा. इसके लिए भारत सरकार की तरफ से भूलेख के डेटाबेस को इकट्ठा कर राज्य को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जायेगा. प्रदेश भर में फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने के लिए एक माह का अभियान शुरू किया जा रहा है. इस अभियान के संचालन के लिए मुख्यालय स्तर पर एक हेल्प डेस्क भी स्थापित की गई है.

अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि, दिसंबर 2024 से पीएम किसान योजना की मिलने वाली किश्त के लिए फार्मर रजिस्ट्री का होना अनिवार्य कर दिया गया है. इससे किसानों को फसली ऋण, फसल बीमा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मार्केटिंग में आसानी रहेगी. और दूसरे सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि फर्रूखाबाद में पायलट आधार पर फॉर्मर रजिस्ट्री तैयार करने का काम पूरा किया गया है.

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