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किसान आंदोलन को मिला खाप पंचायतों का साथ, व्यापारियों को सता रही नुकसान की चिंता - किसान आंदोलन साइड इफेक्ट

Farmer Movement Side Effect: किसानों के प्रदर्शन के चलते आम जनजीवन पर बुरा असर पड़ रहा है. इंटरनेट सेवा बंद होने और बॉर्डर सील होने से व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है. दूसरी तरफ अब खाप पंचायत भी किसानों के समर्थन में आ गई हैं.

Farmer Movement Side Effect
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 17, 2024, 7:27 AM IST

Updated : Feb 17, 2024, 9:18 AM IST

जींद/नूंह/झज्जर: किसानों के प्रदर्शन के चलते हरियाणा के सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है. जिसके चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. रास्ते बंद होने से व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है. व्यापारियों के मुताबिक पुलिस की बैरिकेडिंग की वजह से ट्रांसपोर्ट में काफी परेशानी हो रही है. ट्रक ड्राइवर को काफी घूम कर आना पड़ता है. जिसकी वजह से समय और डीजल दोनों बर्बाद हो रहा है. जो परेशानी हो रही है वो अलग है.

किसान आंदोलन से व्यापारियों को नुकसान: व्यापारियों ने कहा कि मोबाइल इंटरनेट बंद होने से ऑनलाइन पेमेंट नहीं हो पा रही. जिसकी वजह से व्यापार ठप हो गया है. शुक्रवार को जींद में सर्वजातीय खाप पंचायत के राष्ट्रीय संयोजक और भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष टेकराम कंडेला के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. उन्होंने कहा कि किसानों की जो मांगे हैं. सरकार को उन्हें जल्द पूरा करना चाहिए.

कंडेला खाप ने प्रशासन को बैरिकेड्स खोलने के लिए 48 घंटे का समय दिया: टेकराम कंडेला ने केंद्र सरकार से मांग की है कि लोकसभा चुनाव से पहले इन मांगों को पूरा किया जाए. इसके अलावा सर्व जातीय खाप की जींद में बैठक हुई. जिसकी अध्यक्षता खाप के प्रधान सूरजभान घसो ने की. बैठक में किसानों को समर्थन देने का फैसला किया गया. इस दौरान खाप पंचायत ने प्रशासन को बैरिकेड्स हटाने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया है.

किसानों के समर्थन में आई खाप पंचायतें: सूरजभान घसो ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जा रहे हैं. किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा जिस तरीके से रोका जा रहा है. वो गलत है. जगह-जगह कई लेयर की सुरक्षा ऐसी की गई है. जैसे हरियाणा में किसान नहीं बल्कि दुश्मन गुजरेंगे. दिल्ली सरकार किसानों को जाने दें, ताकि वो अपना धरना वहां दे सकें. किसानों के इस आंदोलन को खाप का पूरा समर्थन है.

उन्होंने कहा कि कई दिनों से इंटरनेट सेवा बंद की हुई है. इन दिनों परीक्षाओं का समय है. सबसे अधिक परेशानी विद्यार्थियों को हो रही है. दुकानों, रेहड़ी पर भी अधिकांश कार्य इंटरनेट से होने वाले गूगल, फोन पे से चलता है. ऐसे में नेट बंद होने से हर कोई परेशान हैं.

नूंह में किसान मजदूर संगठनों ने किया प्रदर्शन: शुक्रवार को नूंह में KMP हाईवे रेवासन टोल टैक्स पर किसान, ड्राइवर, मजदूर यूनियन संगठनों ने किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया. आंदोलन के उन्होंने अपनी मांगे भी सरकार और प्रशासन के सामने रखी. इस दौरान ड्राइवरों ने कहा कि हिट एंड रन जैसे काले कानून को रद्द किया जाए. साथ में किसानों की मांगों को भी पूरा किया जाए.

किसान आंदोलन को लेकर झज्जर जिला पुलिस अलर्ट मोड पर है. झज्जर जिला पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अर्पित जैन ने कहा कि टिकरी बॉर्डर के पास बहादुरगढ़ सेक्टर 9 के मोड पर पुलिस ने जो 11 लेयर की सुरक्षा लगा रखी है. उसको बढ़ाया भी जा सकता है. उन्होंने कहा कि जिले में फिलहाल शांति का माहौल है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. पुलिस फिलहाल माहौल को देख रही है यदि माहौल शांतिपूर्ण रहा, तो आने वाले समय में दिल्ली जाने वाले बॉर्डर पर कुछ रास्ते खोले भी जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- गुरनाम सिंह चढ़ूनी का बयान- बोले- 'पंजाब किसानों का नहीं उनकी मांगों का करते हैं समर्थन, कल होगा किसानों का ट्रैक्टर मार्च'

ये भी पढ़ें- हरियाणा में भारत बंद का रहा मिलाजुला असर, किसानों ने करवाया टोल फ्री, रोडवेज कर्मचारियों ने भी दिया समर्थन

जींद/नूंह/झज्जर: किसानों के प्रदर्शन के चलते हरियाणा के सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है. जिसके चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. रास्ते बंद होने से व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है. व्यापारियों के मुताबिक पुलिस की बैरिकेडिंग की वजह से ट्रांसपोर्ट में काफी परेशानी हो रही है. ट्रक ड्राइवर को काफी घूम कर आना पड़ता है. जिसकी वजह से समय और डीजल दोनों बर्बाद हो रहा है. जो परेशानी हो रही है वो अलग है.

किसान आंदोलन से व्यापारियों को नुकसान: व्यापारियों ने कहा कि मोबाइल इंटरनेट बंद होने से ऑनलाइन पेमेंट नहीं हो पा रही. जिसकी वजह से व्यापार ठप हो गया है. शुक्रवार को जींद में सर्वजातीय खाप पंचायत के राष्ट्रीय संयोजक और भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष टेकराम कंडेला के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. उन्होंने कहा कि किसानों की जो मांगे हैं. सरकार को उन्हें जल्द पूरा करना चाहिए.

कंडेला खाप ने प्रशासन को बैरिकेड्स खोलने के लिए 48 घंटे का समय दिया: टेकराम कंडेला ने केंद्र सरकार से मांग की है कि लोकसभा चुनाव से पहले इन मांगों को पूरा किया जाए. इसके अलावा सर्व जातीय खाप की जींद में बैठक हुई. जिसकी अध्यक्षता खाप के प्रधान सूरजभान घसो ने की. बैठक में किसानों को समर्थन देने का फैसला किया गया. इस दौरान खाप पंचायत ने प्रशासन को बैरिकेड्स हटाने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया है.

किसानों के समर्थन में आई खाप पंचायतें: सूरजभान घसो ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जा रहे हैं. किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा जिस तरीके से रोका जा रहा है. वो गलत है. जगह-जगह कई लेयर की सुरक्षा ऐसी की गई है. जैसे हरियाणा में किसान नहीं बल्कि दुश्मन गुजरेंगे. दिल्ली सरकार किसानों को जाने दें, ताकि वो अपना धरना वहां दे सकें. किसानों के इस आंदोलन को खाप का पूरा समर्थन है.

उन्होंने कहा कि कई दिनों से इंटरनेट सेवा बंद की हुई है. इन दिनों परीक्षाओं का समय है. सबसे अधिक परेशानी विद्यार्थियों को हो रही है. दुकानों, रेहड़ी पर भी अधिकांश कार्य इंटरनेट से होने वाले गूगल, फोन पे से चलता है. ऐसे में नेट बंद होने से हर कोई परेशान हैं.

नूंह में किसान मजदूर संगठनों ने किया प्रदर्शन: शुक्रवार को नूंह में KMP हाईवे रेवासन टोल टैक्स पर किसान, ड्राइवर, मजदूर यूनियन संगठनों ने किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया. आंदोलन के उन्होंने अपनी मांगे भी सरकार और प्रशासन के सामने रखी. इस दौरान ड्राइवरों ने कहा कि हिट एंड रन जैसे काले कानून को रद्द किया जाए. साथ में किसानों की मांगों को भी पूरा किया जाए.

किसान आंदोलन को लेकर झज्जर जिला पुलिस अलर्ट मोड पर है. झज्जर जिला पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अर्पित जैन ने कहा कि टिकरी बॉर्डर के पास बहादुरगढ़ सेक्टर 9 के मोड पर पुलिस ने जो 11 लेयर की सुरक्षा लगा रखी है. उसको बढ़ाया भी जा सकता है. उन्होंने कहा कि जिले में फिलहाल शांति का माहौल है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. पुलिस फिलहाल माहौल को देख रही है यदि माहौल शांतिपूर्ण रहा, तो आने वाले समय में दिल्ली जाने वाले बॉर्डर पर कुछ रास्ते खोले भी जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- गुरनाम सिंह चढ़ूनी का बयान- बोले- 'पंजाब किसानों का नहीं उनकी मांगों का करते हैं समर्थन, कल होगा किसानों का ट्रैक्टर मार्च'

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Last Updated : Feb 17, 2024, 9:18 AM IST
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