हापुड़ : भारतीय किसान यूनियन संघर्ष की बैठक रविवार को कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला चमरी में हुई. इसमें किसान नेताओं ने किसानों की समस्याओं पर चर्चा की. सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया. ओवरलोड वाहनों को सड़क पर न चलने देने का ऐलान भी किया. कहा कि जहां भी ओवरलोड वाहन दिखेंगे, चाहे वे भूसे के हों, सवारियों के हों या सामानों के हों, उन्हें रोककर किसान वहीं पर धरने पर बैठ जाएंगे.
बैठक में भारतीय किसान यूनियन संघर्ष के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरनजीत सिंह गुर्जर ने गन्ना किसानों की परेशानियों को लेकर सरकार पर निशाना साधा. कहा कि किसान आज बहुत पीड़ित हैं. परेशान हैं. सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. अगर यही स्थिति रही तो निश्चित रूप से सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. हमारा क्षेत्र गन्ने की बेल्ट है. गन्ने में कुल ₹20 रेट बढ़ाकर सरकार ने किसानों के साथ मजाक करने का काम किया है. गन्ने की संस्था ने भी माना है की 360 रुपए गन्ने का लागत मूल्य है. सरकार कहती है कि हम डेढ़ गुना देंगे, लेकिन सरकार ने ₹370 कर दिया है. ₹370 में कैसे पूर्ति होगी. किसान पूरी तरह से बर्बाद है. जो किसानों की बात करेगा वही देश पर राज करेगा.
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 26 जनवरी को सिंभावली क्षेत्र में गन्ने का ओवरलोड ट्रक पलटने से एक छात्र की मौत हो गई थी. प्रशासन को 50 बार ओवरलोड वाहनों के बारे में ज्ञापन दिए गए. ओवरलोड वाहनों के द्वारा हर साल कई लोगों की जान चली जाती है, इसके बावजूद इन्हें रोका नहीं जाता है. पता नहीं पुलिस-प्रशासन की क्या मजबूरी है. अब हमने घोषणा कर दी है. हमारे संगठन की कोर कमेटी ने बैठकर यह तय किया है कि हापुड़ और आसपास के जनपदों में ओवरलोड ट्रक चाहे वह भूसे का हो, चाहे वह गन्ने का हो, या सवारी का हो. हम किसी भी रूप में ओवरलोड वाहन नहीं चलने देंगे. इसके लिए हमारी टीम घूमेगी और जहां पर भी ओवरलोड गाड़ी मिलेगी, उसे रोककर वहीं पर धरना दिया जाएगा.
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