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सूरजकुंड मेले की शान बनी सिल्क साड़ी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर नीता अंबानी कारीगरों से खरीद चुकी हैं एक्सपेंसिव साड़ियां

Faridabad Surajkund Fair 2024: फरीदाबाद में चल रहे इंटरनेशनल सूरजकुंड मेंले में कारगीरों ने लाजवाब सिल्क साड़ियां बनाने का स्टॉल लगाया है. सिल्क साड़ी को बनता देख लोग काफी एक्साइटेड हो रहे हैं. जिसकी वजह से स्टॉल पर दिनभर भीड़ लगी रहती है. बनारस से आए कारीगरों की बनी साड़ियां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उद्योगरपति नीता अंबानी भी खरीद चुकी है जो काफी महंगी है. खबर में जानिए सिल्क साड़ियों कि कीमत और एक साड़ी बनाने में कितना समय लगता है.

Faridabad Surajkund Fair 2024
Faridabad Surajkund Fair 2024
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 5, 2024, 11:06 PM IST

सूरजकुंड मेले की शान बनी सिल्क साड़ी

फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में इन दिनों सूरजकुंड मेले की धूम है. यहां पर देश-विदेश के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों से ही नहीं बल्कि अपनी कारीगरी से भी खूब चर्चा में है. सूरजकुंड मेले में आम लोगों को बड़ी ही आसानी से और सस्ते में टॉप क्लास की चीजें मिल रही हैं. वहीं, मेले में एक बनारसी सिल्क साड़ी का भी स्टॉल लगा हुआ है. जहां कारीगर बेहद ही खूबसूरत सिल्क साड़ी बनाकर लोगों को बेच रहे हैं. ये सिल्क साड़ियां मेले में बनाई जा रही हैं.

साड़ियों को बनाने में लगती है कड़ी मेहनत: दरअसल, सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में बनारस से आये कारीगर अपने हाथों से बनारसी सिल्क साड़ी तैयार कर रहे हैं. उन साड़ियों को बेच भी रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में कारीगर हारून बताते हैं कि यह काम वह साल 1973 से करते आ रहे हैं. कारीगरों की शिद्दत ऐसी की कोई इनसे खूबसूरत साड़ी लिए बिना नहीं रह सकता. इसकी बड़ी वजह है कि इन साड़ियों को बनाने में काफी ज्यादा मेहनत लगती है. कारीगरों ने बताया कि एक साड़ी को तैयार करने में 20 दिन से लेकर 3 महीने तक का समय लग जाता है.

काफी एक्सपेंसिव है सिल्क साड़ियां: कारीगरों का कहना है कि चूंकि ये साड़ियां सिल्क धागे से बनाई जाती है, जिसके लिए काफी मेहनत लगती है. सिल्क का धागा वेल्लोर से लाया जाता है. जिसे काफी मेहनत से बनाया जाता है. यही वजह है की कीमत करीब 10 हजार रुपये से शुरू होकर डेढ़ लाख रुपए तक रहती है. बनारसी सिल्क साड़ी की डिमांड काफी ज्यादा है. आपको बता दें इस साड़ी को तैयार करने के लिए खास तरह के कीड़े से उत्पन्न रेशम का प्रयोग किया जाता है. जो काफी मजबूत और टिकाऊ होता है. यही वजह है कि सिल्क साड़ी का मार्केट अभी भी खूब चल रहा है.

'राष्ट्रपति से लेकर नीता अंबानी ने खरीदी सिल्क साड़ियां': बनारस से आए साड़ी बनाने वाले कारीगर कोई मामूली कारीगर नहीं है. इन कारीगरों को साड़ी बनाते बहुत ज्यादा समय हो गया है. उनकी इस मेहनत से वो काफी विख्यात भी है. जी हां, उन्होंने देश की सबसे रईस और बिजनेस वुमैन नीता अंबानी के लिए भी उनके घर पर रहकर साड़ियां बनाई हैं. इसके अलावा, सूरजकुंड मेले का शुभारंभ करने पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उनके स्टॉल पर आई थीं. उन्होंने यहां से साड़ी ली और उनकी कारीगरी की भी खूब सराहना की.

स्टॉल पर लोगों की भीड़: आपको बता दें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में हर तरफ देश और विदेश से आए कारीगर अपने कारीगरी का हुनर दिखाते नजर आ रहे हैं. वहीं, देश और विदेश में फेमस बनारसी सिल्क साड़ी का स्टॉल दर्शकों को खूब भा रहा है. स्टॉल पर लोगों की भीड़ लगी होती है. जहां एक तरफ लोग बनारसी सिल्क साड़ी को खरीदने पहुंच रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर अपने सामने साड़ी को बनते हुए देख काफी हैरान हो जाते हैं. क्योंकि एक साड़ी को बनाने में दो कारीगरों को काफ़ी मेहनत लगती है.

बांस से बनी मशीन में तैयार होती है सिल्क साड़ी: कारीगर एक-एक बारीकियां ध्यान में रखते हुए साड़ियों की फिनिशिंग करते हैं. लोग उत्साहित इसलिए भी हो रहे हैं क्योंकि उन्होंने सिल्क साड़ी के बारे में सुना है और खरीदा है. लेकिन बहुत कम लोगों ने इसको अपने सामने बनते हुए देखा है. बांस और लकड़ियों की बनी मशीन से दोनों कारीगर अपने हाथ और पैरों के सहारे इस मशीन को चालाते हैं और साड़ी को तैयार करते हैं.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सूरजकुंड मेले का उद्घाटन, 40 से ज्यादा देश ले रहे हिस्सा, जानें मेले की खासियत

ये भी पढ़ें: सूरजकुंड मेले में पहुंचे उप राष्ट्रपति, सरकारी नौकरी की भर्ती प्रकिया को पारदर्शी बनाने पर हरियाणा सरकार की तारीफ

सूरजकुंड मेले की शान बनी सिल्क साड़ी

फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में इन दिनों सूरजकुंड मेले की धूम है. यहां पर देश-विदेश के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों से ही नहीं बल्कि अपनी कारीगरी से भी खूब चर्चा में है. सूरजकुंड मेले में आम लोगों को बड़ी ही आसानी से और सस्ते में टॉप क्लास की चीजें मिल रही हैं. वहीं, मेले में एक बनारसी सिल्क साड़ी का भी स्टॉल लगा हुआ है. जहां कारीगर बेहद ही खूबसूरत सिल्क साड़ी बनाकर लोगों को बेच रहे हैं. ये सिल्क साड़ियां मेले में बनाई जा रही हैं.

साड़ियों को बनाने में लगती है कड़ी मेहनत: दरअसल, सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में बनारस से आये कारीगर अपने हाथों से बनारसी सिल्क साड़ी तैयार कर रहे हैं. उन साड़ियों को बेच भी रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में कारीगर हारून बताते हैं कि यह काम वह साल 1973 से करते आ रहे हैं. कारीगरों की शिद्दत ऐसी की कोई इनसे खूबसूरत साड़ी लिए बिना नहीं रह सकता. इसकी बड़ी वजह है कि इन साड़ियों को बनाने में काफी ज्यादा मेहनत लगती है. कारीगरों ने बताया कि एक साड़ी को तैयार करने में 20 दिन से लेकर 3 महीने तक का समय लग जाता है.

काफी एक्सपेंसिव है सिल्क साड़ियां: कारीगरों का कहना है कि चूंकि ये साड़ियां सिल्क धागे से बनाई जाती है, जिसके लिए काफी मेहनत लगती है. सिल्क का धागा वेल्लोर से लाया जाता है. जिसे काफी मेहनत से बनाया जाता है. यही वजह है की कीमत करीब 10 हजार रुपये से शुरू होकर डेढ़ लाख रुपए तक रहती है. बनारसी सिल्क साड़ी की डिमांड काफी ज्यादा है. आपको बता दें इस साड़ी को तैयार करने के लिए खास तरह के कीड़े से उत्पन्न रेशम का प्रयोग किया जाता है. जो काफी मजबूत और टिकाऊ होता है. यही वजह है कि सिल्क साड़ी का मार्केट अभी भी खूब चल रहा है.

'राष्ट्रपति से लेकर नीता अंबानी ने खरीदी सिल्क साड़ियां': बनारस से आए साड़ी बनाने वाले कारीगर कोई मामूली कारीगर नहीं है. इन कारीगरों को साड़ी बनाते बहुत ज्यादा समय हो गया है. उनकी इस मेहनत से वो काफी विख्यात भी है. जी हां, उन्होंने देश की सबसे रईस और बिजनेस वुमैन नीता अंबानी के लिए भी उनके घर पर रहकर साड़ियां बनाई हैं. इसके अलावा, सूरजकुंड मेले का शुभारंभ करने पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उनके स्टॉल पर आई थीं. उन्होंने यहां से साड़ी ली और उनकी कारीगरी की भी खूब सराहना की.

स्टॉल पर लोगों की भीड़: आपको बता दें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में हर तरफ देश और विदेश से आए कारीगर अपने कारीगरी का हुनर दिखाते नजर आ रहे हैं. वहीं, देश और विदेश में फेमस बनारसी सिल्क साड़ी का स्टॉल दर्शकों को खूब भा रहा है. स्टॉल पर लोगों की भीड़ लगी होती है. जहां एक तरफ लोग बनारसी सिल्क साड़ी को खरीदने पहुंच रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर अपने सामने साड़ी को बनते हुए देख काफी हैरान हो जाते हैं. क्योंकि एक साड़ी को बनाने में दो कारीगरों को काफ़ी मेहनत लगती है.

बांस से बनी मशीन में तैयार होती है सिल्क साड़ी: कारीगर एक-एक बारीकियां ध्यान में रखते हुए साड़ियों की फिनिशिंग करते हैं. लोग उत्साहित इसलिए भी हो रहे हैं क्योंकि उन्होंने सिल्क साड़ी के बारे में सुना है और खरीदा है. लेकिन बहुत कम लोगों ने इसको अपने सामने बनते हुए देखा है. बांस और लकड़ियों की बनी मशीन से दोनों कारीगर अपने हाथ और पैरों के सहारे इस मशीन को चालाते हैं और साड़ी को तैयार करते हैं.

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