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धौलपुर में कांग्रेस को बड़ा झटका, विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिजनों ने थामा भाजपा का दामन - Loksabha Election 2024

धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह के चाचा, ससुर और देवर ने रविवार को समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया. कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और लोकसभा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई.

FAMILY OF MLA SHOBHARANI KUSHWAHA
विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिजन भाजपा का थामेंगे दामन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 7, 2024, 12:30 PM IST

Updated : Apr 7, 2024, 7:11 PM IST

धौलपुर. प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को रविवार को बड़ा झटका लगा. रविवार शाम को धौलपुर विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा और देवर उपेंद्र कुशवाहा ने सैकड़ों समर्थकों की तादाद में भाजपा पार्टी का दामन थाम लिया. बीजेपी के जिला कार्यालय पर कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और लोकसभा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई.

भाजपा जिला अध्यक्ष सत्येंद्र पाराशर ने बताया कि धौलपुर शहर विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिजनों की भाजपा परिवार में वापसी हु है. करीब डेढ़ हजार समर्थकों के साथ विधायक शोभारानी कुशवाहा के चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा और देवर उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा पार्टी का दामन थामा. इससे बीजेपी के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है.

करौली-धौलपुर सीट का पलटा पासा : धौलपुर विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिजनों का भाजपा में शामिल होने से करौली धौलपुर संसदीय सीट का सियासी गणित पूरी तरह बदल जाएगा. विधायक शोभारानी कुशवाहा का परिवार कुशवाहा और माली समाज का भरतपुर संभाग में खासा दखल रखता है. इससे भाजपा को बड़ा फायदा मिल सकता है.

इसे भी पढ़ें : आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व विधायक बीएल कुशवाहा को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

शोभारानी कुशवाहा कार्यक्रम से रहेंगी दूर : कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा का परिवार भाजपा में शामिल हो रहा है, लेकिन जानकारी के अनुसार बीजेपी के सदस्यता कार्यक्रम में शोभारानी कुशवाहा शामिल नहीं होंगी. इसके अलावा परिवार के सभी सदस्य बीजेपी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे.

कांग्रेस सरकार में गहलोत के साथ किया था काम : वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में शोभारानी कुशवाहा भाजपा से चुनाव जीती थीं, लेकिन वर्ष 2020 में कांग्रेस में आए सियासी भूचाल के दौरान विधायक शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस की बिना सदस्यता लिए हुए पर्दे के पीछे से अशोक गहलोत सरकार के साथ खड़ी हुई थीं, जिसकी बानगी राज्यसभा चुनाव में देखने को मिली. विधायक शोभारानी कुशवाहा ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को क्रॉस वोट कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट दिया था. तत्कालीन समय पर भाजपा ने शोभारानी को नोटिस देकर पार्टी से बर्खास्त भी कर दिया था. 2023 के विधानसभा चुनाव में शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस से विधायक चुनी गईं.

पति को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत : धौलपुर की कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के पति बीएल कुशवाह को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. हत्या षड्यंत्र के मामले में बीएल कुशवाह को आजीवन कारावास की सजा हुई है. करीब 9 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने बीएल कुशवाह की जमानत अर्जी को स्वीकार किया है.

इसे भी पढ़ें : वसुंधरा के गढ़ में बीजेपी की हालत पतली, मंच से भाजपा विधायक शोभारानी ने की सीएम गहलोत की तारीफ

परिवार ने की दल बदल की राजनीति : विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिवार की दल बदलने की पुरानी राजनीति रही है. वर्ष 2013 में विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिवार ने राजनीति में कदम रखा था. वर्ष 2013 का चुनाव शोभारानी कुशवाहा के पति बीएल कुशवाह ने बहुजन समाज पार्टी से जीता था, लेकिन इसके बाद शोभारानी कुशवाहा के पति बीएल कुशवाह पर झील गांव निवासी नरेश कुशवाहा की हत्या के षड्यंत्र का आरोप लगा था. वर्ष 2016 में धौलपुर न्यायालय ने बीएल कुशवाह को हत्या के षड्यंत्र का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

इसके बाद 2017 में उपचुनाव कराया गया. वर्ष 2017 के उपचुनाव में शोभारानी कुशवाहा ने बहुजन समाज पार्टी को छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया और विधायक बन गईं. इसके बाद वर्ष 2018 के चुनाव में शोभारानी कुशवाहा फिर से भाजपा के सिंबल से विधायक चुन ली गईं, लेकिन शोभारानी कुशवाह की नजदीकियां कांग्रेस सरकार से बढ़ गई. पर्दे के पीछे शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस का साथ दिया. मानेसर की घटना के दौरान शोभारानी कुशवाहा अशोक गहलोत के पाले में रही थीं. वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में शोभारानी ने कांग्रेस से जीत दर्ज की थीं.

धौलपुर. प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को रविवार को बड़ा झटका लगा. रविवार शाम को धौलपुर विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा और देवर उपेंद्र कुशवाहा ने सैकड़ों समर्थकों की तादाद में भाजपा पार्टी का दामन थाम लिया. बीजेपी के जिला कार्यालय पर कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और लोकसभा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई.

भाजपा जिला अध्यक्ष सत्येंद्र पाराशर ने बताया कि धौलपुर शहर विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिजनों की भाजपा परिवार में वापसी हु है. करीब डेढ़ हजार समर्थकों के साथ विधायक शोभारानी कुशवाहा के चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा और देवर उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा पार्टी का दामन थामा. इससे बीजेपी के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है.

करौली-धौलपुर सीट का पलटा पासा : धौलपुर विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिजनों का भाजपा में शामिल होने से करौली धौलपुर संसदीय सीट का सियासी गणित पूरी तरह बदल जाएगा. विधायक शोभारानी कुशवाहा का परिवार कुशवाहा और माली समाज का भरतपुर संभाग में खासा दखल रखता है. इससे भाजपा को बड़ा फायदा मिल सकता है.

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शोभारानी कुशवाहा कार्यक्रम से रहेंगी दूर : कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा का परिवार भाजपा में शामिल हो रहा है, लेकिन जानकारी के अनुसार बीजेपी के सदस्यता कार्यक्रम में शोभारानी कुशवाहा शामिल नहीं होंगी. इसके अलावा परिवार के सभी सदस्य बीजेपी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे.

कांग्रेस सरकार में गहलोत के साथ किया था काम : वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में शोभारानी कुशवाहा भाजपा से चुनाव जीती थीं, लेकिन वर्ष 2020 में कांग्रेस में आए सियासी भूचाल के दौरान विधायक शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस की बिना सदस्यता लिए हुए पर्दे के पीछे से अशोक गहलोत सरकार के साथ खड़ी हुई थीं, जिसकी बानगी राज्यसभा चुनाव में देखने को मिली. विधायक शोभारानी कुशवाहा ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को क्रॉस वोट कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट दिया था. तत्कालीन समय पर भाजपा ने शोभारानी को नोटिस देकर पार्टी से बर्खास्त भी कर दिया था. 2023 के विधानसभा चुनाव में शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस से विधायक चुनी गईं.

पति को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत : धौलपुर की कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के पति बीएल कुशवाह को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. हत्या षड्यंत्र के मामले में बीएल कुशवाह को आजीवन कारावास की सजा हुई है. करीब 9 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने बीएल कुशवाह की जमानत अर्जी को स्वीकार किया है.

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परिवार ने की दल बदल की राजनीति : विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिवार की दल बदलने की पुरानी राजनीति रही है. वर्ष 2013 में विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिवार ने राजनीति में कदम रखा था. वर्ष 2013 का चुनाव शोभारानी कुशवाहा के पति बीएल कुशवाह ने बहुजन समाज पार्टी से जीता था, लेकिन इसके बाद शोभारानी कुशवाहा के पति बीएल कुशवाह पर झील गांव निवासी नरेश कुशवाहा की हत्या के षड्यंत्र का आरोप लगा था. वर्ष 2016 में धौलपुर न्यायालय ने बीएल कुशवाह को हत्या के षड्यंत्र का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

इसके बाद 2017 में उपचुनाव कराया गया. वर्ष 2017 के उपचुनाव में शोभारानी कुशवाहा ने बहुजन समाज पार्टी को छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया और विधायक बन गईं. इसके बाद वर्ष 2018 के चुनाव में शोभारानी कुशवाहा फिर से भाजपा के सिंबल से विधायक चुन ली गईं, लेकिन शोभारानी कुशवाह की नजदीकियां कांग्रेस सरकार से बढ़ गई. पर्दे के पीछे शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस का साथ दिया. मानेसर की घटना के दौरान शोभारानी कुशवाहा अशोक गहलोत के पाले में रही थीं. वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में शोभारानी ने कांग्रेस से जीत दर्ज की थीं.

Last Updated : Apr 7, 2024, 7:11 PM IST
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