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GMCH में दो बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने काटा बवाल, चिकित्सकों पर लगाया लापरवाही का आरोप - ruckus In Bettiah GMCH

Ruckus In Bettiah GMCH: बेतिया के जीएमसीएच में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने दो मासूम की जान ले ली. अपने बच्चों की मौत के बाद आपे से बाहर परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. पढ़ें पूरी खबर.

बेतिया GMCH में दो बच्चे की मौत
बेतिया GMCH में दो बच्चे की मौत
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 10, 2024, 10:44 AM IST

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बेतिया: 'मैम, बच्चे का पानी रुक गया है. एक बार देख लीजिए. क्या हुआ मैम? बच्चा सीरियस है, मेरी बात क्यों नहीं सुन रही हैं?' बेतिया जीएमसीएच में कुछ इस तरह से अपने बच्चे की मौत के पहले परिजन नर्सिंग स्टाफ से उसके जिंदगी की भीख मांग रहे थे, लेकिन बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि स्थिति आज भी लगभग वही है. घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया.

बेतिया जीएमसीएच में दो बच्चे की मौत: बता दें कि जीएमसीएच सी ब्लॉक में नौतन के राजू यादव की पुत्री रागिनी का इलाज चल रहा था. साथ ही मदुआहा के कमलेश ठाकुर के तीन माह के बच्चे का भी इलाज चल रहा था. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने दोनों बच्चों को मौत की नींद सुला दिया. दोनों बच्चों की मौत एक घंटे के अंदर हो गई.

परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाया आरोप: बताया जाता है कि तबीयत खराब होने की वजह से बच्चों का इलाज जीएमसीएच में चल रहा था, जहां उन्हें पानी चढ़ाया जा रहा था. रागिनी के परिजनों का आरोप है कि पानी रुक गया और बार-बार बुलाने पर भी नर्सिंग स्टॉफ नहीं पहुंचे. परिजन ने पानी रुकने की जानकारी कई बार उन्हें दी, लेकिन परिजनों की बातों को अनसुना कर नर्स मोबाइल चलाती रही, उन्हें कोई जवाब नहीं दिया. जिसके कुछ ही देर बाद बच्ची की मौत हो गई. वहीं इलाज के अभाव में एक घंटे के अंदर दूसरे बच्चे की भी मौत हो गई.

क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक?: इस मामले को लेकर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि बच्चों की स्थिति नाजुक थी. गांव से इलाज कराकर परिजन अस्पताल पहुंचे थे. एक बच्चा पहले से सीरियस था और दूसरे की किडनी फेल थी. जिसके बाद इलाज के दौरान बच्चों की मौत हो गई. अगर किसी चिकित्सक कर्मी की लापरवाही से मौत हुई है, तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

"अस्पताल में भर्ती करने से पहले ही एक बच्चे की स्थिति काफी नाजुक थी. उसका सीआरपी काफी कम था. परिजनों को बता दिया गया था कि बच्चा काफी सिरियस है, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. दूसरा बच्चा इंफेंट था, जिसकी किडनी फेल थी. लूज मोशन की गांव में उसकी दवा चल रही थी. बच्चे को हमलोगों ने रेफर कर दिया था. एम्बुलेंस लाने के दौरान बच्चे की मौत हो गई."- डॉ राजेश कुमार, उपाधीक्षक

आक्रोशित परिजनों ने किया हंगामा: मौत के बाद अस्पताल में आपे से बाहर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. हंगामा होने की सूचना पर नगर थाना पुलिस अस्पताल पहुंची. परिजनों को घंटो समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हुआ. बहरहाल अब जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा.

ये भी पढ़ें: बेतिया GMCH में हड़ताल, डॉक्टर के समर्थन में उतरे मेडिकल स्टूडेंट, पुलिस मुर्दाबाद के लगाए नारे

ये भी पढ़ें: GMCH Bettiah: जिले के सबसे बड़े अस्पताल में पानी के लिए हाहाकार, मरीज खरीदकर पी रहे पानी, किडनी पेशेंट परेशान

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बेतिया: 'मैम, बच्चे का पानी रुक गया है. एक बार देख लीजिए. क्या हुआ मैम? बच्चा सीरियस है, मेरी बात क्यों नहीं सुन रही हैं?' बेतिया जीएमसीएच में कुछ इस तरह से अपने बच्चे की मौत के पहले परिजन नर्सिंग स्टाफ से उसके जिंदगी की भीख मांग रहे थे, लेकिन बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि स्थिति आज भी लगभग वही है. घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया.

बेतिया जीएमसीएच में दो बच्चे की मौत: बता दें कि जीएमसीएच सी ब्लॉक में नौतन के राजू यादव की पुत्री रागिनी का इलाज चल रहा था. साथ ही मदुआहा के कमलेश ठाकुर के तीन माह के बच्चे का भी इलाज चल रहा था. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने दोनों बच्चों को मौत की नींद सुला दिया. दोनों बच्चों की मौत एक घंटे के अंदर हो गई.

परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाया आरोप: बताया जाता है कि तबीयत खराब होने की वजह से बच्चों का इलाज जीएमसीएच में चल रहा था, जहां उन्हें पानी चढ़ाया जा रहा था. रागिनी के परिजनों का आरोप है कि पानी रुक गया और बार-बार बुलाने पर भी नर्सिंग स्टॉफ नहीं पहुंचे. परिजन ने पानी रुकने की जानकारी कई बार उन्हें दी, लेकिन परिजनों की बातों को अनसुना कर नर्स मोबाइल चलाती रही, उन्हें कोई जवाब नहीं दिया. जिसके कुछ ही देर बाद बच्ची की मौत हो गई. वहीं इलाज के अभाव में एक घंटे के अंदर दूसरे बच्चे की भी मौत हो गई.

क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक?: इस मामले को लेकर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि बच्चों की स्थिति नाजुक थी. गांव से इलाज कराकर परिजन अस्पताल पहुंचे थे. एक बच्चा पहले से सीरियस था और दूसरे की किडनी फेल थी. जिसके बाद इलाज के दौरान बच्चों की मौत हो गई. अगर किसी चिकित्सक कर्मी की लापरवाही से मौत हुई है, तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

"अस्पताल में भर्ती करने से पहले ही एक बच्चे की स्थिति काफी नाजुक थी. उसका सीआरपी काफी कम था. परिजनों को बता दिया गया था कि बच्चा काफी सिरियस है, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. दूसरा बच्चा इंफेंट था, जिसकी किडनी फेल थी. लूज मोशन की गांव में उसकी दवा चल रही थी. बच्चे को हमलोगों ने रेफर कर दिया था. एम्बुलेंस लाने के दौरान बच्चे की मौत हो गई."- डॉ राजेश कुमार, उपाधीक्षक

आक्रोशित परिजनों ने किया हंगामा: मौत के बाद अस्पताल में आपे से बाहर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. हंगामा होने की सूचना पर नगर थाना पुलिस अस्पताल पहुंची. परिजनों को घंटो समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हुआ. बहरहाल अब जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा.

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