नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश पुलिस के यूपी कॉप से एफआईआर की कॉपी निकालकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस दौरान पुलिस ने ठगी में इस्तेमाल होने वाली मोबाइल को भी कब्जे में ले लिया है. गिरोह के सरगना को सक्रिय सिम उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति को भी पुलिस ने वांछित बनाया है. गिरफ्तार आरोपी खुद को फर्जी पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर बताकर वारदात को अंजाम देता था. पीड़ित से वादा करता था कि वह आरोपी को कम से कम छह महीने की जेल कराकर दम लेगा. अगर ऐसा नहीं कर पाया तो पैसा वापस कर देगा.
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते दिनों सेक्टर-63 थाना में रहने वाले एक शख्स अपनी पत्नी के साथ सब्जी खरीदकर कमरे पर जा रहा था. इसी दौरान रास्ते में एक व्यक्ति उस शख्स और उसकी पत्नी से गाली गलौज करने लगा. विरोध करने पर आरोपी ने पीड़ित के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत सेक्टर-63 थाने की पुलिस से की.
कॉल करने वाले ने खुद को जिला कलेक्टर बताया: इस घटना के बाद पीड़ित शख्स के पास अनजान नंबर से एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को जिला कलेक्टर बताते हुए एफआईआर संबंधी जानकारी दी. कॉल करने वाले ठग ने कहा कि मामले में आरोपी की गिरफ्तारी कर उसे कम से कम छह महीने के लिए जेल भेजा जाएगा. अगर पीड़ित शख्स तुरंत तीन हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करता है तो पुलिस की गाड़ी आरोपी को गिरफ्तार करने अभी निकल पड़ेगी. जब पीड़ित ने ऑनलाइन भुगतान करने से इनकार किया तो जिला कलेक्टर बने ठग ने गाली गलौज की और मुकदमा में कोई कार्रवाई न होने की धमकी दी.
पीड़ित ने पूरी बातचीत को रिकॉर्ड किया और इसे पुलिस को सौंप दिया. बातचीत का करीब छह मिनट का ऑडियो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर वायरल भी हुआ. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम बनाई. टीम ने आरोपी 24 वर्षीय धीरेंद्र यादव को उसके निवास स्थान मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. धीरेंद्र को सक्रिय सिम उपलब्ध कराने वाले पुष्पेंद्र यादव को भी पुलिस ने वांछित बनाया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं. यूपी कॉप से आरोपी एफआईआर निकालकर पीड़ितों को कॉल करता था.
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20 प्रतिशत कमीशन लेता है पुष्पेंद्र: जिस सिम से कॉल की जाती है, उस सिम के धारक का नाम पता फर्जी रहता है. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि ये सिम गांव के ही पुष्पेंद्र यादव से लिया जाता था. प्रत्येक ट्रांजेक्शन में पुष्पेंद्र यादव के ही बैंक खाते और क्यूआर कोड का प्रयोग किया जाता था. जिसके लिए उसको प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 20 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था. जिस सिम का प्रयोग नोएडा में पीड़ित के साथ ठगी में किया गया, वो आरोपी के गांव से 40 किलोमीटर दूर दूसरे गांव के अशोक कुमार के नाम पर था.
10वीं फेल है आरोपी: पकड़ा गया आरोपी धीरेन्द्र यादव 10वीं फेल है. इसके द्वारा एक साल से यह काम किया जा रहा है. पूर्व में भी उसके द्वारा जनपद गाजियाबाद एवं गौतमबुद्ध नगर में शिकायकर्ता से कॉल कर पैसे की मांग की जा चुकी है. बरेली और अलीगढ़ में भी पीड़ितों के साथ धीरेंद्र ठगी कर चुका है. संगठित गिरोह बनाकर वह पूरी तरह से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था.