जमुईः फर्जी आईपीएस बनने के बाद चर्चा में आए मिथलेश मांझी आज पहचान की मोहताज नहीं है. गुगल पर नाम डालते ही कई फोटो, वीडियो और न्यूज देखने को मिलता है. मिथलेश मांझी बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी छा गया है. ऐसा मानो फर्जी आईपीएस बनने के बाद मिथलेश की लौटरी लग गयी. यूट्यूब पर गाना भी गाने लगा. कई एलबम रिलीज हो चुका है.
फर्जी आईपीएस से बना ठगः फिर मिथलेश मांझी चर्चा में आ गया है. दरअसल, इसके खिलाफ लखीसराय पुलिस में एफआईआर दर्ज करायी गयी है. मिथलेश मांझी पर आरोप है कि उसने कई लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपया का ठगी किया है. ठगी के शिकार विमल मांझी और जयराम कुमार सहित कई लोगों ने थाने में एफआईआर दर्ज करायी है.
रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगीः विमल मांझी ने बताया कि उसे रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर लिया. कहा कि उसे मिथलेश मांझी ने कहा था कि रेलवे में गार्डी का नौकरी दिला देगा. 'जब मैं बिना पढ़े लिखे आईपीएएस बन सकता हूं तो तुम्हें रेलवे की नौकरी क्यों नहीं मिल सकती है.' इसी लोभ में उसने मिथलेश मांझी को रुपया दे दिया.
"मिथलेश मेरे पास आया था. नौकरी दिलाने के नाम पर एक बार 15 हजार फिर 13 हजार लिया था. बोला पटना में कागज बन रहा है. धीरे-धीरे कर 90 हजार रुपया ले लिया. जमुई रेलवे स्टेशन पर भी धुमाया था, गार्ड को दिखाकर बोला था कि यही नौकरी मिलेगी." -विमल मांझी
रिश्तेदारों को भी चूना लगायाः यही मिथलेश मांझी ने अपने रिश्तेदार को भी जमकर चूना लगाया. बताया जाता है कि जैसे ही आईपीएस बनने की खबर आयी उसके रिश्तेदार नौकरी दिलाने के लिए पैरवी करने लगे. इसके बाद मिथलेश मांझी ने सभी से नौकरी के नाम पर ठगी की. इसके इस ठगी के धंधे में इसका फूफा सोखो मांझी का भी नाम सामने आ रहा है.
12 युवकों से ठगीः बताया जा रहा कि कुल 12 युवकों से नौकरी के नाम पर कुल 1 लाख 95 हजार रुयया ठगकर फरार हो गया है. सभी लोग मिथलेश मांझी को खोज रहे हैं. हालांकि ठगी के आरोप मामले को लखीसराय पुलिस नकार रही है. जमुई के सिकंदरा थाना प्रभारी ने कहा कि कुछ लोग ठगी की शिकायत करने के लिए आए थे लेकिन मामला लखीसराय का होने का कारण उन्हें लखीसराय भेज दिया गया.
"अभी मिथलेस मांझी के खिलाफ किसी प्रकार का शिकायत आवेदन नहीं दिया गया है. किसी के द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं है." -विकास तिवारी, थाना प्रभारी, हलसी
2 लाख 30 हजार में बना था आईपीएसः बता दें 20 सितंबर को मिथलेश मांझी को जमुई पुलिस ने गिरफ्तार किया था. फर्जी आईपीएस की वर्दी में पकड़ा गया था. उसने बताया था कि उसने किसी मनोज सिंह नामक व्यक्ति को 2 लाख 30 हजार रुपए दिए थे और उसे पुलिस की नौकरी दी थी. हालांकि पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि मनोज सिंह नामक कोई व्यक्ति नहीं है. उसने पुलिस को गुमराह किया था.
फर्जी आईपीएस के बाद बनना था डॉक्टरः इसके बाद तो मिथलेश मांझी पूरे तरीके से छा गया था. उसने एक मीडिया में दिए इंटरव्यू में कहा था कि अब वह पुलिस नहीं बनेगा बल्कि डॉक्टर बनेगा. इसका यूट्यूब पर कई एलबम भी आया है जिसमें गाना गाते नजर आ रहा है. पहले फर्जी आईपीएस, इसके बाद डॉक्टर का सपना, फिर सिंगर और अब ठग बनने के बाद चर्चा में आ गया है.
लखीसराय का रहने वाला है मिथलेशः बता दें कि मिथलेश मांझी का धर गोवर्धनविघा लखीसराय जिले के हलसी थाना क्षेत्र में पड़ता है. जमुई जिले का सिकंदरा थाना क्षेत्र का बॉर्डर इलाका है. मिथलेश मांझी को पहले जमुई पुलिस ने ही उठाया था. पुछताछ के बाद छोड़ दिया था.
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