गरुग्राम: साइबर क्राइम की पुलिस टीम को विश्वशनीय सूत्रों के माध्यम से एक सूचना मिली कि सेक्टर 39 झाड़सा के दुर्ग कॉलोनी स्थित मकान नम्बर 684 में फर्जी तरीके से कॉल सेंटर चलाकर USA के नागरिकों को कस्टमर सर्विस देने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी की जाती है. जिस पर गुरुग्राम पुलिस ने टीम गठित करके रेड डाली.
रेड के दौरान की कार्रवाई- रेड के दौरान कॉल सेंटर फर्जी तरीके से संचालित होना और विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी करना पाया जाने पर कॉल सेंटर के मालिक/संचालक सहित कुल 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
आरोपियों की हुई पहचान- पुलिस टीम द्वारा कॉल सेंटर से काबू किए गए आरोपियों की पहचान अमनदीप सिंह उर्फ प्रिन्स (उम्र-34 वर्ष) निवासी टैगोर गार्डन एक्सटेन्शन (नई दिल्ली), पलविन्द्र सिंह (उम्र-25 वर्ष) निवासी संतगढ, तिलक नगर (नई दिल्ली) व ईशव घई (उम्र-25 वर्ष) निवासी संन्त गढ, तिलक नगर (नई दिल्ली) के रुप मे हुई. पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के खिलाफ धारा 318(4), 319 BNS व IT एक्ट के तहत थाना साईबर अपराध दक्षिण, गुरुग्राम में मुकदमा भी दर्ज किया गया.
सेलरी और कमीशन बेस पर रखे हुए थे एम्पलाई- आरोपियों से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी अमनदीप सिंह उर्फ प्रिन्स इस कॉल सेन्टर का मालिक है और यह अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर इस कॉल सेंटर को चलाता है. कॉल सेंटर मलिक अपने कर्मचारीयो को प्रतिमाह 35 हजार रुपए वेतन और ठगी गई राशि का 1 प्रतिशत कमीशन देता था.
ऐसे करते थे ठगी- कॉल सेंटर के मालिक से पुलिस पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि यह अगस्त 2024 से अपने साथी आरोपियों के साथ मिलकर यह काम कर रहा है. ये लोग विदेशी मूल के नागरिकों को Tech. Support की कस्टमर केयर सर्विस प्रदान करने के नाम पर ठगी करते हैं. आरोपी वेंडर के माध्यम से विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर में Pop-Up के माध्यम से ऐड भेजते हैं. Pop-Up में टोल फ्री नंबर (TFN) होता है. विदेशी नागरिकों द्वारा टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर VLCL Dialer, Xlite, Eyebem के माध्यम से कॉल इनके कॉल सेंटर पर आती है.
बातचीत के दौरान आरोपी विदेशी नागरिकों को खुद को एक नामी कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर उनकी समस्या दूर करने के नाम पर उनके कंप्यूटर में Ultra Viewer एप्लिकेशन डाउनलोड करवाकर विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं फिर उनका कंप्यूटर हैक करने की बात कहकर व उनकी उस समस्या को दूर करने के नाम पर उनसे 100-500 डॉलर तक के गिफ्ट कार्ड खरीदवा लेते हैं और ये उनसे खरीदे गए गिफ्ट कार्ड का नंबर पूछ लेते हैं. फिर इनके अन्य साथी द्वारा उन गिफ्ट कार्ड को रिडीम करवा लिया जाता है.
पुलिस ने मोबाइल फोन और लैपटॉप किये बरामद- पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के कब्जे से इस जालसाजी में प्रयोग किए जाने वाले 2 लैपटॉप, 1 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. फिलहाल गुरुग्राम पुलिस आरोपियों से गहनता से पूछताछ करने में जुटी है.
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