जयपुर: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद फजलुर्रहीम ने गुरुवार को प्रेस वार्ता कर भाजपा नेता डॉ किरोड़ी लाल मीना द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया. उनके वकील ने किरोड़ी लाल मीना द्वारा लगाए गए आरोपों पर सिलसिलेवार जवाब दिया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किरोड़ीलाल मीना के बयान और फजलुर्रहीम पर आरोप राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित हैं. प्रेस वार्ता में मोहम्मद फजलुर्रहीम ने कहा कि डॉ किरोड़ी लाल मीना ने उन पर झूठे आरोप लगाए हैं. जो बातें उन्होंने कही हैं उनसे जुड़े कई मामले कोर्ट में चल रहे हैं. इसके बाद उनके वकील एमए खान ने फजलुर्रहीम पर लगाए गए आरोपों का जवाब दिया.
फजलुर्रहीम के लीगल एडवाइजर एमए खान बोले, किरोड़ीलाल मीना ने मीडिया को एक वीडियो दिखाया था. इसके आधार पर उन्होंने मोहम्मद फजलुर्रहीम पर मुसलमानों को भड़काने का आरोप लगाया है. वह वीडियो फजलुर्रहीम का नहीं बल्कि जियाउर्रहीम का है. हालांकि, जियाउर्रहीम इनके भाई हैं. लेकिन उनके गलत काम के लिए हम जवाबदेह नहीं हैं. उन्होंने (जियाउर्रहीम ने) यह बेहूदा और वाहियात बयान दिया है. उनके वीडियो को किरोड़ीलाल मीना ने जान-बूझकर फजलुर्रहीम का बताया है. क्योंकि ये ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी हैं और वक्फ अमेंडमेंट बिल का विरोध कर रहे हैं. इस बिल में जो गैर-कानूनी बातें हैं, उसका विरोध कर रहे हैं.
नया पाकिस्तान बसाने का बयान बेहूदा और बचकाना: किरोड़ीलाल मीना के सडवा मोड पर नया पाकिस्तान बसाने के बयान को उन्होंने हलके स्तर का, बेहूदा और बचकाना बयान बताया. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है. भारत के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान बताना राष्ट्रद्रोह है. कर्नाटक हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने मुस्लिम बाहुल्य इलाके को पाकिस्तान कहकर संबोधित किया था. सुप्रीम कोर्ट के पांच जज की बेंच ने हाईकोर्ट के जज से इस मामले में लिखित माफीनामा लिया और अपने फैसले में उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रविरोधी बयान है.
हम कांग्रेस ही नहीं भाजपा नेताओं से भी मिल रहे: उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी की हैसियत से वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के सिलसिले में फजलुर्रहीम विभिन्न नेताओं से मिल रहे हैं. इसमें भड़काने जैसी कोई बात नहीं है. किरोड़ीलाल मीना ने आरोप लगाया है कि ये कांग्रेस नेताओं से मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. जबकि वक्फ संशोधन बिल पर विमर्श के लिए बनी जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने भी इन्हें बुलाया था. ये दो बार उनसे भी मिले हैं और वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा की है.
जामिया हिदायत की संपत्ति कोई नहीं बेच सकता: एमए खान ने कहा, 30 सितंबर को डॉ किरोड़ी लाल मीना ने भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झूठे आरोप लगाए हैं. पहला आरोप है कि जामिया हिदायत की वक्फ संपत्तियों को मोहम्मद फजलुर्रहीम बेच रहे हैं. यह गलत आरोप है. जामिया हिदायत की ज्यादातर संपत्तियां मोहम्मद फजलुर्रहीम ने खरीदी हैं और उनका वक्फ के तहत इंद्राज करवाया गया है.
इनमें से कुछ संपत्तियों को लेकर इनके भाई जियाउर्रहीम, नदीम रहीम, रिजवान फाहिद रहीम और शकील फर्जी इकरारनामे संपत्तियों की फर्जी खरीद-फरोख्त और जबरन कब्जे के लिए करना चाह रहे हैं. जिसे लेकर हमने जयसिंहपुरा खोर थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया गया है. फजलुर्रहीम ने कोई जमीन नहीं बेची है. हमने अखबार में सार्वजनिक नोटिस भी जारी करवाए हैं. खुद फजलुर्रहीम भी जामिया हिदायत की संपत्ति नहीं बेच सकते हैं.
मंदिर माफी की जमीन से हमारा कोई लेना-देना नहीं: किरोड़ीलाल मीना का आरोप है कि 1400 बीघा मंदिर माफी की जमीन फजलुर्रहीम ने बेच दी. यह भी झूठा आरोप है. मानपुर सड़वा में फजलुर्रहीम ने जामिया हिदायत के लिए जमीन पट्टेदारों से खरीदी है. जिसे राजस्व रिकॉर्ड में जामिया के नाम दर्ज करवाया गया है. इस जमीन का मंदिर माफी की जमीन से कोई लेना-देना नहीं है. यह आरोप झूठा है.
किरोड़ीलाल ने यह भी आरोप लगाया कि फजलुर्रहीम ने 1400 बीघा जमीन पर बूचड़खाने खोल दिए और मस्जिद बनवा दी और मुसलमानों को बसा दिया. यह आरोप भी झूठा है. जिस जमीन का यहां जिक्र किया गया है. उसमें से 152 बीघा जमीन जामिया हिदायत ने पट्टेदारों से खरीदी थी. उस 1400 बीघा जमीन को सरकार ने गलत तरीके से पुलिस और सीआरपीएफ को अलॉट किया था. जिसे लेकर कोर्ट में केस चल रहा है. जो जमीन इन्होंने खरीदी है, वह भी ओपन लैंड है. वहां किसी भी तरह का कोई निर्माण नहीं किया गया है.