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दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में सावन में उमड़ता है आस्था का सैलाब, जानिए क्या है मान्यता - Dudheshwar Nath Math temple

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 20, 2024, 1:28 PM IST

Dudheshwar Nath Math temple IN SAWNA : गाजियाबाद स्थित प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में यूं तो सालों भर हीभक्तों का आना लगा रहता है. लेकिन सावन के महीने में यहां आस्था का सैलाब उमड़ता है. मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है.यहां के बारे में लोगों की आस्था है कि दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है.

दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में सावन में उमड़ता है आस्था का सैलाब
दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में सावन में उमड़ता है आस्था का सैलाब (ETV BHARAT REPORTER)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: 22 जुलाई से सावन मास की शुरुआत होने जा रही है. सावन के महीने में प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ वापस नहीं लौटता है. यही वजह है कि दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में केवल गाजियाबाद ही नहीं बल्कि देश विदेश से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं.

महंत नारायण गिरी प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के 16वें महंत है. नारायण गिरी बताते हैं रावण के पिता विश्वश्नवा मंदिर में मौजूद शिवलिंग की स्थापना की थी. प्राचीन काल में मंदिर में गाय आती थी. जिसका स्वयंभू दूध निकलता था. मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है. मंदिर में मौजूद शिवलिंग की काशी विश्वनाथ के उप ज्योतिर्लिंग के रूप में मान्यता प्राप्त है. मंदिर में शिव भक्त देश और विदेश से आते हैं.
दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में सावन में उमड़ता है आस्था का सैलाब,
दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में सावन में उमड़ता है आस्था का सैलाब, (ETV BHARAT REPORTER)
नारायण गिरी बताते हैं बीते वर्ष सावन के महीने में प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में सिंगापुर, नेपाल, इंग्लैंड, अमेरिका आदि देश से श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा और दर्शन करने के लिए पहुंचे थे. प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में तकरीबन 28 समाधियां हैं. दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर को लेकर मानता है कि मंदिर में जो भक्त परिवार सहित आकर 40 दिन तक पूजा करने और घी का दिया जलाने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सावन के महीने में प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में एक अलग रौनक दिखाई देती है. सावन सोमवार को यहां भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई दिखाई देती हैं. वही बात अगर सावन शिवरात्रि की करें तो सावन शिवरात्रि पर यहां भक्तों का जन सैलाब उमड़ता है. साफ शब्दों में कहीं तो सावन शिवरात्रि पर महिला और पुरुष की दो अलग-अलग लाइन लगती हैं और यह लाइन तकरीबन डेढ़ से 2 किलोमीटर तक फैली होती हैं. दर्शन करने के लिए भक्तों को 3 से 4 घंटे लाइन में लगा रहना पड़ता है.

ये भी पढ़ें : दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में रावण ने चढ़ाया था 10वां शीश, जानें महात्म्य

महंत नारायण गिरी का कहना है कि इस साल सावन शिवरात्रि पर तकरीबन 12 लाख शिव भक्त श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने की संभावना है. पिछले साल तकरीबन आठ लाख शिव भक्त दूधेश्वर नाथ मंदिर जल चढ़ाने के लिए पहुंचे थे. बीते कई सालों में यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. भक्तों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसके लिए मंदिर प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा तमाम इंतजाम किए जाते हैं.

ये भी पढ़ें : दूधेश्वर नाथ मठ मंदिरः होती है भक्तों की हर मनोकामना पूरी, उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

नई दिल्ली/गाजियाबाद: 22 जुलाई से सावन मास की शुरुआत होने जा रही है. सावन के महीने में प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ वापस नहीं लौटता है. यही वजह है कि दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में केवल गाजियाबाद ही नहीं बल्कि देश विदेश से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं.

महंत नारायण गिरी प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के 16वें महंत है. नारायण गिरी बताते हैं रावण के पिता विश्वश्नवा मंदिर में मौजूद शिवलिंग की स्थापना की थी. प्राचीन काल में मंदिर में गाय आती थी. जिसका स्वयंभू दूध निकलता था. मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है. मंदिर में मौजूद शिवलिंग की काशी विश्वनाथ के उप ज्योतिर्लिंग के रूप में मान्यता प्राप्त है. मंदिर में शिव भक्त देश और विदेश से आते हैं.
दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में सावन में उमड़ता है आस्था का सैलाब,
दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में सावन में उमड़ता है आस्था का सैलाब, (ETV BHARAT REPORTER)
नारायण गिरी बताते हैं बीते वर्ष सावन के महीने में प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में सिंगापुर, नेपाल, इंग्लैंड, अमेरिका आदि देश से श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा और दर्शन करने के लिए पहुंचे थे. प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में तकरीबन 28 समाधियां हैं. दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर को लेकर मानता है कि मंदिर में जो भक्त परिवार सहित आकर 40 दिन तक पूजा करने और घी का दिया जलाने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सावन के महीने में प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में एक अलग रौनक दिखाई देती है. सावन सोमवार को यहां भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई दिखाई देती हैं. वही बात अगर सावन शिवरात्रि की करें तो सावन शिवरात्रि पर यहां भक्तों का जन सैलाब उमड़ता है. साफ शब्दों में कहीं तो सावन शिवरात्रि पर महिला और पुरुष की दो अलग-अलग लाइन लगती हैं और यह लाइन तकरीबन डेढ़ से 2 किलोमीटर तक फैली होती हैं. दर्शन करने के लिए भक्तों को 3 से 4 घंटे लाइन में लगा रहना पड़ता है.

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महंत नारायण गिरी का कहना है कि इस साल सावन शिवरात्रि पर तकरीबन 12 लाख शिव भक्त श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने की संभावना है. पिछले साल तकरीबन आठ लाख शिव भक्त दूधेश्वर नाथ मंदिर जल चढ़ाने के लिए पहुंचे थे. बीते कई सालों में यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. भक्तों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसके लिए मंदिर प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा तमाम इंतजाम किए जाते हैं.

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