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गरीब रथ एक्सप्रेस में लगेंगे एलएचबी कोच; 7 जुलाई से वाराणसी-आनंद विहार के बीच चलेगी ट्रेन, जानें खासियत - Facilities in Garib Rath

पूर्वोत्तर रेलवे गरीब रथ में एलएचबी कोच (LHB COACHES IN GARIB RATH) की सुविधा बढ़ाने जा रहा है. इसी कड़ी में 7 जुलाई से वाराणसी-आनंद विहार के बीच एलएचबी कोच युक्त गरीब रथ ट्रेन चलाने की तैयारी कर ली गई है.

FACILITIES IN GARIB RATH
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह (Photo Credit-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 6:29 PM IST

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह (Video Credit-Etv Bharat)

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे ने 7 जुलाई से गरीब रथ ट्रेन को अत्याधुनिक स्वरूप में अपग्रेड करते हुए एलएचबी कोच की सुविधा बढ़ाने जा रहा है. यह कोच राजधानी समेत कई वीआईपी और सुपरफास्ट ट्रेनों में देखने को मिलती है. पूर्वात्तर रेलवे अपने तीनों मंडल की गरीब रथ में यह सुविधा शुरू करने जा रहा है, लेकिन उसकी प्राथमिकता में पहले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हैं.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि एलएचबी कोच वाली पहली ट्रेन 7 जुलाई को वाराणसी से आनंद विहार के बीच चलेगी. गरीब रथ अब 12 के बजाय 20 कोच की होगी. जिसमें आठ कोच एलएचबी के लगाए जाएंगे. इससे ट्रेन में कुल 664 सीट बढ़ जाएंगी. जिससे दिल्ली और बनारस के बीच यात्रियों को आने-जाने में काफी सहूलियत होगी.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार एलएचबी कोच दुर्घटना के समय सुरक्षित रहता है. दो कोच के बीच में लगा कपलिंग सिस्टम ट्रेन की गति को कम करता है और दुर्घटना की स्थिति में एक दूसरे के ऊपर कोच नहीं चढ़ते हैं. कोच औसत गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ सकता है.

एलएचबी कोच को दुर्घटना क्षमता के हिसाब से डिजाइन किया गया है. यह दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा में योगदान देता है. भारतीय रेलवे द्वारा तैयार यह कोच बेहद सुविधाजनक है. एक कोच की कीमत करीब 1 करोड़ 68 लाख रुपये है. एलएचबी कोच खास तौर पर लाल रंग के होते हैं, जबकि आईसीएफ कोच नीले रंग के डिब्बे के रूप में दिखाई देते हैं.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक गरीब रथ ट्रेन में जब यह कोच जुड़ जाएंगे, तो उसका लुक भी राजधानी और कुछ सुपरफास्ट और प्रीमियम क्लास की ट्रेनों जैसा नजर आएगा. एलएचबी कोच खूबसूरती के साथ सुरक्षा और अन्य सुविधाओं से युक्त है. ऐसे में गरीब रथ उच्च स्तरीय ट्रेनों की कैटेगरी में आ जाएगी. फिलहाल रेलवे में दो तरह के कोच की सुविधा है.

आईसीएफ यानी कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री और एलएचबी यानी लिंक हॉफमैन बुश. आईसीएफ कोच की तुलना में एलएचबी कोच ज्यादा बेहतर और सुरक्षित होते हैं. यह एंटीटेलीस्कोप डिजाइन के स्तर पर तैयार किया गया है. कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं जो दुर्घटना होने की स्थिति में ठोकर सहने की क्षमता को बढ़ा देता है. एलएचबी कोच करीब 25 वर्षों तक निर्माण के साथ टिका रह सकता है. आईसीएफ की उम्र 17 वर्ष अधिकतम है.

यह भी पढ़ें : वाराणसी से दिल्ली जाने वाली गरीब रथ में 7 जुलाई से 664 अतिरिक्त बर्थ की सौगात

यह भी पढ़ें : यात्रीगण कृपया ध्यान दें! अवध आसाम एक्सप्रेस अब बदले समय पर लखनऊ पहुंचेगी, गरीब रथ का भी समय बदला

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह (Video Credit-Etv Bharat)

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे ने 7 जुलाई से गरीब रथ ट्रेन को अत्याधुनिक स्वरूप में अपग्रेड करते हुए एलएचबी कोच की सुविधा बढ़ाने जा रहा है. यह कोच राजधानी समेत कई वीआईपी और सुपरफास्ट ट्रेनों में देखने को मिलती है. पूर्वात्तर रेलवे अपने तीनों मंडल की गरीब रथ में यह सुविधा शुरू करने जा रहा है, लेकिन उसकी प्राथमिकता में पहले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हैं.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि एलएचबी कोच वाली पहली ट्रेन 7 जुलाई को वाराणसी से आनंद विहार के बीच चलेगी. गरीब रथ अब 12 के बजाय 20 कोच की होगी. जिसमें आठ कोच एलएचबी के लगाए जाएंगे. इससे ट्रेन में कुल 664 सीट बढ़ जाएंगी. जिससे दिल्ली और बनारस के बीच यात्रियों को आने-जाने में काफी सहूलियत होगी.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार एलएचबी कोच दुर्घटना के समय सुरक्षित रहता है. दो कोच के बीच में लगा कपलिंग सिस्टम ट्रेन की गति को कम करता है और दुर्घटना की स्थिति में एक दूसरे के ऊपर कोच नहीं चढ़ते हैं. कोच औसत गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ सकता है.

एलएचबी कोच को दुर्घटना क्षमता के हिसाब से डिजाइन किया गया है. यह दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा में योगदान देता है. भारतीय रेलवे द्वारा तैयार यह कोच बेहद सुविधाजनक है. एक कोच की कीमत करीब 1 करोड़ 68 लाख रुपये है. एलएचबी कोच खास तौर पर लाल रंग के होते हैं, जबकि आईसीएफ कोच नीले रंग के डिब्बे के रूप में दिखाई देते हैं.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक गरीब रथ ट्रेन में जब यह कोच जुड़ जाएंगे, तो उसका लुक भी राजधानी और कुछ सुपरफास्ट और प्रीमियम क्लास की ट्रेनों जैसा नजर आएगा. एलएचबी कोच खूबसूरती के साथ सुरक्षा और अन्य सुविधाओं से युक्त है. ऐसे में गरीब रथ उच्च स्तरीय ट्रेनों की कैटेगरी में आ जाएगी. फिलहाल रेलवे में दो तरह के कोच की सुविधा है.

आईसीएफ यानी कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री और एलएचबी यानी लिंक हॉफमैन बुश. आईसीएफ कोच की तुलना में एलएचबी कोच ज्यादा बेहतर और सुरक्षित होते हैं. यह एंटीटेलीस्कोप डिजाइन के स्तर पर तैयार किया गया है. कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं जो दुर्घटना होने की स्थिति में ठोकर सहने की क्षमता को बढ़ा देता है. एलएचबी कोच करीब 25 वर्षों तक निर्माण के साथ टिका रह सकता है. आईसीएफ की उम्र 17 वर्ष अधिकतम है.

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