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श्रीनगर संयुक्त अस्पताल में शुरू हुई लेजर तकनीक, आंखों के इलाज के लिए अब शहरों का नहीं करना होगा रुख - Srinagar Sub District Hospital - SRINAGAR SUB DISTRICT HOSPITAL

Eye treatment with laser machine आंखों में होने वाली दिक्कतों में जब ऑपरेशन करने की नौबत आ जाए, तो हर कोई ऑपरेशन के नाम से डर जाता है. लेकिन अब श्रीनगर में आंखों में होने वाली दिक्कतों को ऑपरेशन से नहीं, बल्कि लेजर तकनीक से ठीक किया जाएगा.

Eye treatment with laser machine
श्रीनगर संयुक्त अस्पताल में लेजर तकनीक से आंखों का इलाज (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 25, 2024, 6:11 PM IST

श्रीनगर: आंख से संबंधित मरीजों को लेजर तकनीक से आंखों का इलाज करवाने के लिए देहरादून और ऋषिकेश नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि अब श्रीनगर के संयुक्त अस्पताल में लेजर मशीन लगा दी गई है. जिससे आंखों की समस्या से पीड़ित मरीज को अपने ही क्षेत्र में लेजर तकनीक की सुविधा मिलेगी. वहीं संयुक्त अस्पताल में श्रीनगर निवासी वीरेंद्र सिंह की आंखों का लेजर तकनीक से इलाज किया गया है.

बता दें कि इससे पहले टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी के मरीजों को एम्स या देहरादून के प्राइवेट अस्पतालों में रेटिना के लेजर के लिए जाना पड़ता था और प्राइवेट अस्पताल में मोटी फीस चुकानी पड़ती थी. लेजर तकनीक से 2 से पांच मिनट के बीच में मरीज की आंख का इलाज किया जाता है, जिससे मरीज को राहत के साथ- साथ 10 मिनट के भीतर ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है.

श्रीनगर निवासी वीरेंद्र सिंह आंख की समस्या से पीड़ित हैं. वहीं, जब उनकी जांच की गई, तो शुगर के कारण उनकी आंखों की झिल्लियों में खून का जमा होना पाया गया. साथ ही झिल्ली उतरने लगी थी. जिससे संयुक्त अस्पताल के नेत्र चिकित्सक डॉक्टर मोहित कुमार ने लेजर विधि से उनकी आंखों में जॉइंट दिया और आंख में जमे खून को लेजर मशीन से हटाया.

डॉक्टर मोहित कुमार ने बताया कि लेजर तकनीक से आंख के मरीज का इलाज करना आसान हो गया है और ऑपरेशन की दिक्कत भी दूर हो गई है. उन्होंने कहा कि संयुक्त अस्पताल से इस तकनीक की शुरुआत की गई है.

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बता दें कि इससे पहले टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी के मरीजों को एम्स या देहरादून के प्राइवेट अस्पतालों में रेटिना के लेजर के लिए जाना पड़ता था और प्राइवेट अस्पताल में मोटी फीस चुकानी पड़ती थी. लेजर तकनीक से 2 से पांच मिनट के बीच में मरीज की आंख का इलाज किया जाता है, जिससे मरीज को राहत के साथ- साथ 10 मिनट के भीतर ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है.

श्रीनगर निवासी वीरेंद्र सिंह आंख की समस्या से पीड़ित हैं. वहीं, जब उनकी जांच की गई, तो शुगर के कारण उनकी आंखों की झिल्लियों में खून का जमा होना पाया गया. साथ ही झिल्ली उतरने लगी थी. जिससे संयुक्त अस्पताल के नेत्र चिकित्सक डॉक्टर मोहित कुमार ने लेजर विधि से उनकी आंखों में जॉइंट दिया और आंख में जमे खून को लेजर मशीन से हटाया.

डॉक्टर मोहित कुमार ने बताया कि लेजर तकनीक से आंख के मरीज का इलाज करना आसान हो गया है और ऑपरेशन की दिक्कत भी दूर हो गई है. उन्होंने कहा कि संयुक्त अस्पताल से इस तकनीक की शुरुआत की गई है.

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