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बरसात के इस मौसम में फैलता है आई फ्लू, अपनी और बच्चों की आंखों का ऐसे रखें ख्याल - eye flu symptoms

Conjunctivitis Eye Flu: बरसात में आई फ्लू की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. गर्मी, उमस, बारिश के बाद कई इलाकों में स्वास्थ संबंधी कई परेशानी देखनो को मिल रही हैं. इसी बीच आंखों से संबंधित कई वायरल बीमारियों सामने आती हैं. पढ़ें पूरी खबर..

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 7, 2024, 4:11 PM IST

Updated : Jul 16, 2024, 1:44 PM IST

शिमला: सूबे में मानसून का दौर शुरू हो गया है. मानसून आते ही आंखों में संक्रमण की समस्या बढ़ जाती है. 2023 में बरसात के मौसम में अकेले आईजीएमसी में आई फ्लू के 230 मामले आए थे. ये वायरस से होने वाली एक समस्या है. इस दौरान मरीजों को आंखों में दर्द, लाली आने समेत कई समस्याएं हो जाती हैं. ऐसे में इस मौसम के दौरान आंखों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

क्या है आई फ्लू?

आईफ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस को "पिंक आई" के रूप में भी जाना जाता है. यह एक संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है. कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है. मानसून के दौरान, कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण, लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं, जो एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं. मानसून के दौरान आंखों का ख्याल कैसे रखें इसे लेकर ईटीवी भारत ने नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रामलाल से बातचीत की.

आईजीएमसी नेत्र रोग विशेषज्ञ (ईटीवी भारत)

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रामलाल ने कहा 'बारिश के मौसम में आईफ्लू होना सामान्य बीमारी है. बरसात में सबसे ज्यादा मामले आई फ्लू के सामने आते हैं. आई फ्लू से आंखों में लालपन, सूजन और दर्द बढ़ जाता है. कुछ मरीजों में आंखों में बार-बार सफेद कीचड़ आने और पानी बहने के लक्षण भी दिखाई देते हैं. इस बीमारी को पिंक आई या कंजंक्टिवाइटिस के नाम से भी जाना जाता है.'

2023 में आईफ्लू ने लिया था विकराल रूप

डॉ. रामलाल ने बताया कि 2023 में भी आई फ्लू ने विकराल रूप धारण कर लिया था. उन्होंने बताया कि बीते साल आईजीएमसी में इसके 230 मामले आये थे. एक मरीज हमारे पास आता था और चार घर मे होते थे, क्योंकि ये ऐसा रोग है जो एक से दूसरे को फैलता है. बरसात के मौसम में 'बैक्टीरियल संक्रमण से बचने के लिए आप अपना ध्यान रखें. डॉ. रामलाल ने आई फ्लू से बचने के लिए नीचे कुछ सुझाव दिए हैं.

  • बारिश में भीगने के बाद आंखों को साफ पानी से धोएं. यह इसलिए कि बारिश के पानी में धूल के कण पाए जाते हैं, जिससे आपकी आंखों में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.
  • आंखों को धोने के बाद साफ कपड़े से इन्हें साफ करें.
  • आंखों को गंदे हाथों से न छुएं.
  • बच्चों को बार-बार आंखों को मलने और छूने से रोकें.
  • आस-पास किसी को आई फ्लू की आशंका लगे तो आंखों को साफ पानी से धोएं और ठंडे पानी से सिकाई करें.
  • अगर किसी को घर में आई फ्लू की दवा डालते हैं तो उसके बाद अपने हाथों को साबुन से धोएं.
  • आंखों में लाली, जलन और खुजली होने पर चिकित्सक की सलाह लें, खुद से दवा न डालें.
  • दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे तौलिया इत्यादि अलग रखें और किसी को इस्तेमाल न करने दें.
  • अगर आप कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं तो संक्रमण के दौरान इन्हें न लगाएं और अपने चिकित्सक से सलाह लें.
  • बरसात में बच्चों को पानी से भरे गड्ढों और पोखरों से दूर रखें, क्योंकि अधिकतर इन्हीं स्थानों से बैक्टीरिया पनपते हैं.
  • ताजा खाना खाएं और साफ पानी ही पिएं.
  • बाहर से आने पर हमेशा हाथ साबुन से धोएं.

घबराने की नहीं जरूरत

इससे घबराने की ज्यादा जरूरत नहीं है. तीन से पांच दिन में यह ठीक हो जाता है. बरसात के मौसम में खासतौर पर जब कहीं पर पानी जमा होता है तो वहां पर मच्छर मक्खियों के साथ-साथ कई तरीके के संक्रमित जीवों का पनपना भी शुरू हो जाता है और इस दौरान पानी और खाने को बेहद साफ सफाई के साथ रखना और खाना चाहिए. इस दौरान खुले में या दूसरी जगह पर रखी गई कोई भी वस्तु को खाने पीने से बचना चाहिए. हमेशा पैकेट बंद सामानों का इस्तेमाल करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: आपके करियर-रोजगार में आ रही है रुकावट? गुरु पूर्णिमा पर कर लें ये काम...राह हो जाएगी आसान

शिमला: सूबे में मानसून का दौर शुरू हो गया है. मानसून आते ही आंखों में संक्रमण की समस्या बढ़ जाती है. 2023 में बरसात के मौसम में अकेले आईजीएमसी में आई फ्लू के 230 मामले आए थे. ये वायरस से होने वाली एक समस्या है. इस दौरान मरीजों को आंखों में दर्द, लाली आने समेत कई समस्याएं हो जाती हैं. ऐसे में इस मौसम के दौरान आंखों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

क्या है आई फ्लू?

आईफ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस को "पिंक आई" के रूप में भी जाना जाता है. यह एक संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है. कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है. मानसून के दौरान, कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण, लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं, जो एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं. मानसून के दौरान आंखों का ख्याल कैसे रखें इसे लेकर ईटीवी भारत ने नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रामलाल से बातचीत की.

आईजीएमसी नेत्र रोग विशेषज्ञ (ईटीवी भारत)

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रामलाल ने कहा 'बारिश के मौसम में आईफ्लू होना सामान्य बीमारी है. बरसात में सबसे ज्यादा मामले आई फ्लू के सामने आते हैं. आई फ्लू से आंखों में लालपन, सूजन और दर्द बढ़ जाता है. कुछ मरीजों में आंखों में बार-बार सफेद कीचड़ आने और पानी बहने के लक्षण भी दिखाई देते हैं. इस बीमारी को पिंक आई या कंजंक्टिवाइटिस के नाम से भी जाना जाता है.'

2023 में आईफ्लू ने लिया था विकराल रूप

डॉ. रामलाल ने बताया कि 2023 में भी आई फ्लू ने विकराल रूप धारण कर लिया था. उन्होंने बताया कि बीते साल आईजीएमसी में इसके 230 मामले आये थे. एक मरीज हमारे पास आता था और चार घर मे होते थे, क्योंकि ये ऐसा रोग है जो एक से दूसरे को फैलता है. बरसात के मौसम में 'बैक्टीरियल संक्रमण से बचने के लिए आप अपना ध्यान रखें. डॉ. रामलाल ने आई फ्लू से बचने के लिए नीचे कुछ सुझाव दिए हैं.

  • बारिश में भीगने के बाद आंखों को साफ पानी से धोएं. यह इसलिए कि बारिश के पानी में धूल के कण पाए जाते हैं, जिससे आपकी आंखों में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.
  • आंखों को धोने के बाद साफ कपड़े से इन्हें साफ करें.
  • आंखों को गंदे हाथों से न छुएं.
  • बच्चों को बार-बार आंखों को मलने और छूने से रोकें.
  • आस-पास किसी को आई फ्लू की आशंका लगे तो आंखों को साफ पानी से धोएं और ठंडे पानी से सिकाई करें.
  • अगर किसी को घर में आई फ्लू की दवा डालते हैं तो उसके बाद अपने हाथों को साबुन से धोएं.
  • आंखों में लाली, जलन और खुजली होने पर चिकित्सक की सलाह लें, खुद से दवा न डालें.
  • दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे तौलिया इत्यादि अलग रखें और किसी को इस्तेमाल न करने दें.
  • अगर आप कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं तो संक्रमण के दौरान इन्हें न लगाएं और अपने चिकित्सक से सलाह लें.
  • बरसात में बच्चों को पानी से भरे गड्ढों और पोखरों से दूर रखें, क्योंकि अधिकतर इन्हीं स्थानों से बैक्टीरिया पनपते हैं.
  • ताजा खाना खाएं और साफ पानी ही पिएं.
  • बाहर से आने पर हमेशा हाथ साबुन से धोएं.

घबराने की नहीं जरूरत

इससे घबराने की ज्यादा जरूरत नहीं है. तीन से पांच दिन में यह ठीक हो जाता है. बरसात के मौसम में खासतौर पर जब कहीं पर पानी जमा होता है तो वहां पर मच्छर मक्खियों के साथ-साथ कई तरीके के संक्रमित जीवों का पनपना भी शुरू हो जाता है और इस दौरान पानी और खाने को बेहद साफ सफाई के साथ रखना और खाना चाहिए. इस दौरान खुले में या दूसरी जगह पर रखी गई कोई भी वस्तु को खाने पीने से बचना चाहिए. हमेशा पैकेट बंद सामानों का इस्तेमाल करना चाहिए.

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Last Updated : Jul 16, 2024, 1:44 PM IST
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