लखनऊ : पैसा लेकर हलाल सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाओं पर यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है. एसटीएफ ने मुंबई की हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के चार पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार होने वालों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष शामिल हैं. ये सभी पैसा लेकर बिना किसी जांच, बिना किसी लैब टेस्ट के ही हलाल सर्टिफिकेट दे रहे थे.
एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि चेन्नई की कंपनी हलाल इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड, जीमयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया मुम्बई विभिन्न उत्पादों पर उसकी ब्रिकी बढ़ाने के लिए पैसे कमाने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे. जिसके चलते लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज करते हुए इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी. जिसके बाद जांच के बाद सोमवार को हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई के अध्यक्ष मौलाना हबीब युसुफ पटेल, उपाध्यक्ष मौलाना मुइदस्सिर सपाडिआ, महासचिव मो. ताहिर जाकिर हुसैन चैहान, कोषाध्यक्ष मोहम्मद अनवर को गिरफ्तार किया गया.
कैसे दे रहे थे हलाला सर्टिफिकेट
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि जांच में सामने आया है कि हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा अवैध रूप से हलाल सर्टिफिकेट मीट व मीट प्रोडक्ट के अलावा भी अन्य खाद्य पदार्थों पर भी जारी किया जा रहा है. इसके लिए कंपनी प्रति वर्ष सर्टिफिकेट व प्रति प्रोडक्ट अलग-अलग कम्पनी से अलग-अलग रूपये लेती है. जिसमें से लगभग 10 हजार रुपये सर्टिफिकेट व 1 हजार रुपये प्रति प्रोडक्ट के लिए चार्ज करते हैं. जबकि हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई को NABCB व अन्य किसी सरकारी संस्था द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है. एसएसपी ने बताया कि हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा विभिन्न कम्पनियों को देश व विदेश में अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी किया जाता है. जिसके लिए यह अधिकृत नहीं हैं.
रेस्टोरेंट को भी जारी करते थे सर्टिफिकेट
पूछताछ में कंपनियों के मालिक ने बताया कि काउन्सिल आफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए किसी भी प्रोडक्ट का लैब टेस्ट नहीं करवाया गया है. बताया कि हलाल काउन्सिल आफ इण्डिया हलाल प्रोडक्ट के उपभोक्ताओं को बिना किसी जांच के व बिना किसी लैब टेस्ट के केवल ‘‘हलाल’’ का लोगो देकर जबरन वसूली की जा रही है. अनावष्यक रूप से एक अलग प्रकार का वित्तीय बोझ कम्पनियों पर डाला जा रहा है. एसटीएफ ने जब कंपनी द्वारा जारी किए गए हलाल प्रमाण पत्र की जांच के तो सामने आया कि रेस्टोरेन्ट को भी इनके द्वारा हलाल प्रमाण पत्र दिया गया है, जबकि रेस्टोरेन्ट द्वारा परोसी जाने वाली खाद्य सामग्री के बनने के तरीके और उपलब्ध सामानों पर इनका कोई नियंत्रण नहीं है.
दरअसल, हलाल सर्टिफिकेट को इस बात की गारंटी माना जाता है कि प्रोडक्ट को मुसलमानों के हिसाब से बनाया गया है. यानी उसमें किसी तरह की मिलावट नहीं है और उसमें किसी ऐसे जानवर या उसके बाय-प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिसे इस्लाम में हराम माना गया है. हलाल सर्टिफिकेशन वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के प्रोडक्ट के लिए होता है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हलाल प्रोडक्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है.
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