देहरादून: भारतीय वन्यजीव संस्थान में वार्षिक शोध संगोष्ठी के दौरान देश भर के वैज्ञानिक और रिसर्चर्स ने हिस्सा लिया. इस दौरान वन्यजीव संरक्षण की चुनौतियों और शोध को लेकर जानकारियां साझा की गई. संगोष्ठी में कई प्रेजेंटेशंस भी दिए गए. साथ ही वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले लोगों के साथ ही अच्छे शोध के लिए भी रिसचर्स को सम्मानित किया गया.
भारतीय वन्यजीव संस्थान की 35वीं वार्षिक शोध संगोष्ठी वन्यजीव सप्ताह के साथ शुरू हुई. दो दिवसीय वार्षिक शोध संगोष्ठी में भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ ही देश भर के वैज्ञानिक और रिसचर्स भी मौजूद रहे. इस दौरान कुल 62 प्रेजेंटेशन दिए जाने हैं. जिसमें 6 थीम पर चिंतन किया गया. जिसमें मानव वन्य जीव संघर्ष, संरक्षण और विकास, पापुलेशन मॉनिटरिंग, जलीय जंतुओं के इको सिस्टम और समुद्री इकोसिस्टम शामिल है.
तमाम रिसचर्स ने अपने प्रेजेंटेशन के दौरान अलग-अलग विषयों पर की गई शोध की जानकारी दी. इस दौरान इसके वन्य जीव प्रभावों को भी सबके सामने रखा गया. खास बात यह थी कि संगोष्ठी में ऐसे लोगों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने पर्यावरण या वन्य जीव संरक्षण को लेकर बेहतर कार्य किए थे. साथ ही बेहतर शोध करने वाले शोधार्थियों को भी सम्मानित किया गया.
भारतीय वन्यजीव संस्थान में संगोष्ठी के दौरान वाइल्डलाइफ वीक से जुड़ी लघु फिल्म भी दिखाई गई. साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं जिसमें फोटो प्रतियोगिता, राष्ट्रीय लघु फिल्म प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार दिए गए. इस दौरान माय स्टैंप का विमोचन, राष्ट्रीय वन्य जीव सप्ताह समारोह के लिए विशेष डाक कवर का विमोचन भी किया गया. दो दिवसीय सेमिनार में पहले दिन तकनीकी सत्र चला. जिसकी अध्यक्षता वन्यजीव क्षेत्र के विशेषज्ञों ने की.
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