रांची: झारखंड सरकार ने पहली बार बाल बजट का कॉन्सेप्ट लाया है. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश की गई इस बजट में बच्चों के लिए लाए गए प्रावधान की सराहना की जा रही है. ईटीवी भारत संवाददाता भुवन किशोर झा से खास बातचीत में हरिश्वर दयाल ने इसकी सराहना करते हुए कहा है कि बच्चे हमारे समाज के महत्वपूर्ण भाग हैं जिनके लिए बजटीय प्रावधान किए गए हैं जिससे आकलन करने में सहुलियत होगी.
वहीं, यह भी पता चलता है कि इस सेक्टर पर सरकार कितना खर्च करती है. आम तौर पर महिला एवं अन्य सेक्टर पर बजट में फोकस रहता था और इस बार भी कई योजनाएं हैं मगर बच्चों के लिए पहली बार इस तरह के प्रयास किए गए हैं. 2024-25 के लिए तैयार की गई आउटकम बजट की कुल 216 योजनाओं में से बच्चों से संबंधित लगभग 80 योजनाओं के आधार पर बाल बजट तैयार किया गया है जिसमें 8 हजार 8 सौ 66 करोड़ 69 लाख रुपए की राशि उपबंधित की गई है. यह राशि आउटकम बजट के अंतर्गत दिए गए योजनाओं के लिए कुल उपबंधित राशि का लगभग 18% है तथा राज्य के कुल योजना आकार का लगभग 11% है.
बजट आकार बढ़ने से राज्य पर बोझ नहीं बढे़गा- अर्थशास्त्री
वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में बजट का आकार 2024-25 में 51% की वृद्धि के साथ 1 लाख 28 हजार 900 करोड रुपए का है. ऐसे में लगातार राज्य का बजट आकार में वृद्धि हो रही है. बजट आकार में हो रही वृद्धि से राज्य पर बोझ पड़ने की संभावना से इनकार करते हुए अर्थशास्त्री हरिश्वर दयाल कहते हैं कि बेहतर ऋण प्रबंधन होने से इसका कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वर्तमान राज्य सरकार के द्वारा सिंकिंग फंड में लगातार निवेश किया जा रहा है.
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