भोपाल। अमृत योजना में सीवरेज का 60 और जलापूर्ति का 85 प्रतिशत नेटवर्क बिछाने के लिए देश के सभी नगर निगमों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे. इसमें मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों ने भी आवेदन किया था. इसमें सीवरेज और जलापूर्ति का नेटवर्क तय मात्रा में बिछाने पर इंदौर को 30 और भोपाल को 15 करोड़ रुपये मिलेंगे. नगर निगम भोपाल द्वारा सीवरेज के क्षेत्र में तय लक्ष्य से 49 फीसदी तक काम करने के कारण इस श्रेणी में राशि का लाभ नहीं मिल पाया है. इसके लिए तय लक्ष्य 60 फीसदी था.
भोपाल में सीवरेज नेटवर्क के बारे में ये डाटा भेजा
भोपाल शहर में अभी अमृत एक के तहत 400 और अमृत दो के तहत करीब 300 किलोमीटर का नेटवर्क बिछाया गया है. जबकि 82 हजार घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ चुका है. जलकार्य विभाग के अधीक्षण यंत्री उदित गर्ग ने बताया कि जलापूर्ति के लिए शहर में करीब 4 हजार किलोमीटर की पाइप लाइन और 2.62 लाख वैध नल कनेक्शन हैं. इसके साथ ही कवर्ड कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन दिए गए हैं. नगर निगम भोपाल और इंदौर द्वारा जो काम किया गया है, इस संबंध में करीब चार माह पहले कवायद की गई थी.
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हकीकत देखने के लिए दिल्ली से आएगी टीम
मध्यप्रदेश के सभी निकायों ने केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी. इसमें से भोपाल और इंदौर को बेहतर काम के लिए यह पुरस्कार मिला है. अब जो आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं. उसकी हकीकत जानने के लिए दिल्ली से टीम भोपाल और इंदौर आएगी. इसके बाद दोनों नगर निगम को राशि जारी की जाएगी. आयुक्त नगरीय प्रशासन भरत यादव का कहना है कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश के सभी नगरीय निकायों से सीवरेज और जलापूर्ति नेटवर्क का डाटा मंगाया गया था. इसके बाद अमृत योजना में बेहतर प्रयास करने वाले नगरीय निकायों को यह इसेंटिव दिया जा रहा है. इसी आधार पर भोपाल और इंदौर नगर निगम का चयन हुआ है.