हमीरपुर: सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा के तेवर ढीले पड़ते नहीं दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार पर लगातार हमलावर रुख अपनाया हुआ है. कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में आए राजेंद्र राणा ने एक बार फिर प्रदेश सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाया है.
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि, 'प्रदेश में सुक्खू सरकार ने फिजूल खर्ची के तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और महाराजाओं की तरह मित्रों पर खजाना लुटाया जा रहा है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों के हक मारे जा रहे हैं. हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए राजेंद्र राणा ने कहा कि सुक्खू सरकार आर्थिक संकट का राग अलाप कर प्रदेश के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और एरियर से वंचित रख रही है, जबकि दूसरी तरफ कैबिनेट रैंक प्राप्त मित्रों के साथ-साथ अपने चहेतों की कोठियों और दफ्तरों के सौंदर्यकरण पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है.'
राजेंद्र राणा ने कहा कि, 'प्रदेश सरकार अपने मित्रों के बारे में ही सोच रही है और कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं. प्रदेश के लोगों को दी रही योजनाओं के लाभों को बंद करने का काम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू किया है. सरकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार की रीढ़ होते हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी वो ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य और ड्यूटी का निर्वाहन करते हैं, लेकिन सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही सरकारी कर्मचारियों के हक मारना शुरू कर दिए हैं. सरकारी कर्मचारियों को ना तो महंगाई भत्ते की किश्तें दी जा रही है और न ही उनके एरियर का भुगतान किया जा रहा है. पेंशन धारकों को भी एरियर और महंगाई भत्ते की किस्तों से वंचित रखा गया रहा है. उनके मेडिकल बिलों तक का भुगतान रोक दिया गया है.'