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Himachal Pradesh Budget: 'केंद्र की योजनाओं पर अपना ठप्पा, बिना धन आवंटन के केवल घोषणाएं' - Prem Kumar Dhumal

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा पेश किए गए बजट पर पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बजट को लेकर सुक्खू सरकार जमकर निशाना साधा. धूमल ने कहा हिमाचल की कांग्रेस सरकार केंद्र की योजनाओं पर अपना ठप्पा लगा रही है. बजट में बिना धन के आवंटन की केवल घोषणाएं की गई है. पढ़िए पूरी खबर...

Himachal Pradesh Budget
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 17, 2024, 6:43 PM IST

Updated : Feb 17, 2024, 6:54 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पेश किया. जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो चुकी है. एक ओर जहां सत्ता पक्ष के नेता इस बजट को आम जनता का बजट बता रहे हैं. वहीं, विपक्षी दलों के नेता इस बजट को पूर्ण रूप से नाकाम बता रहे हैं. इसी कड़ी में हिमाचल के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने बजट को लेकर सुक्खू सरकार पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार केंद्र की योजनाओं पर अपना ठप्पा लगा रही है. इस बजट में बिना धन आवंटन के केवल घोषणाएं की गई है. केवल यही प्रदेश सरकार के बजट का सार है.

बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने कहा दिन-रात प्रदेश के खाली खजाने की दुहाई देने वालों द्वारा प्रस्तुत किया गया, यह बजट कहीं प्रदेश के इतिहास में मात्र घोषणाओं का बजट बनकर ही न रह जाए. केंद्र सरकार की योजनाओं पर अपना ठप्पा लगाकर, उसे नया नाम देकर प्रदेश में लागू करने की घोषणा और बिना किसी धन आवंटन के जनता को खूबसूरत घोषणाओं के सब्ज़बाग दिखाना केवल यही मात्र प्रदेश सरकार के बजट का सार है.

धूमल ने कहा सत्ता में आते ही जिस सरकार ने सैकड़ों शिक्षण संस्थान ही बंद कर दिए, अब वही पढ़ो हिमाचल की घोषणा कर रही है. बच्चों को पढ़ने के लिए दूर न जाना पड़े इसलिए शिक्षण संस्थान खोले गए थे. जिनको इस सरकार ने यह कह कर बंद कर दिया था कि खजाना खाली है. अब वही बोल रहे हैं कि स्कूल आने जाने की व्यवस्था करेंगे. सत्ता संभालने के बाद हजारों लोगों का रोजगार छीन लिया और अब बोल रहे हैं नौकरी देंगे. जब कांग्रेस सत्ता में आई तो आते ही भाजपा सरकार द्वारा चलाई गई जनकल्याण की योजनाओं को बंद कर दिया. अब चुनाव सामने देख उन्हीं योजनाओं को नया नाम देकर आक्रोशित जनता को शांत करने का प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा पहले अस्पतालों में चल रही मुफ्त लेबोरेटरियों को बंद कर दिया. अब बोल रहे इंटीग्रेटेड लैब्स खोलेंगे. पहले हिमकेयर कार्ड, जिससे लाखों लोगों को 1800 बीमारियों का मुफ्त में इलाज मिलता था, वो बंद कर दिया. अब हेल्थ कार्ड बनाने की बात कर रहे हैं. वरिष्ठ नागरिकों को पहले ही जिन योजनाओं से लाभ दिया जा रहा था अब उनको नया नाम दिया गया है. केंद्र सरकार की योजनाओं को अपना नाम देकर जनता को बेवकूफ बनाने का प्रयास किया गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए पैसे केंद्र सरकार देती है. कामगारों के लिए मनरेगा के तहत पैसा केंद्र सरकार भेजती है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश सरकार को सत्ता में बैठे हुए एक साल से अधिक हो चुका है और प्रदेश की जनता ने भली भांति सरकार की मंशा उनके काम करने के तरीके से समझ ली है. लोकसभा चुनाव सामने देखकर अब वही सरकार लुभावने सब्ज़बाग बजट में दिखाने का प्रयास कर रही है, जो पिछले 1 वर्ष से खजाना खाली होने की दुहाई दे रही थी. जनकल्याण और विकास की बातें कहीं नहीं थी, लेकिन अपने लिए सरकार के पास कोई कमी नहीं थी. बिना किसी धन प्रावधान के की गई घोषणाओं का यह बजट लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत जनता को भ्रमित करने का प्रयास है, जो इस सरकार की किसी काम नहीं आएगा.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा बजट में की गई इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा. यह बात कहीं भी नहीं है. बजट में प्रदेश को मजबूत करने के लिए संसाधन जुटाने और बचत करने की बात भी कहीं भी नहीं है. कहीं चुनावी गारंटियों की तरह यह बजट भी खाली घोषणाएं होकर न रह जाए.

ये भी पढ़ें: Himachal Budget 2024-25: 87,788 करोड़ का कर्ज, 58,444 करोड़ का बजट, 42% सैलरी और पेंशन पर होगा खर्च, 28% से विकास कार्य

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पेश किया. जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो चुकी है. एक ओर जहां सत्ता पक्ष के नेता इस बजट को आम जनता का बजट बता रहे हैं. वहीं, विपक्षी दलों के नेता इस बजट को पूर्ण रूप से नाकाम बता रहे हैं. इसी कड़ी में हिमाचल के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने बजट को लेकर सुक्खू सरकार पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार केंद्र की योजनाओं पर अपना ठप्पा लगा रही है. इस बजट में बिना धन आवंटन के केवल घोषणाएं की गई है. केवल यही प्रदेश सरकार के बजट का सार है.

बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने कहा दिन-रात प्रदेश के खाली खजाने की दुहाई देने वालों द्वारा प्रस्तुत किया गया, यह बजट कहीं प्रदेश के इतिहास में मात्र घोषणाओं का बजट बनकर ही न रह जाए. केंद्र सरकार की योजनाओं पर अपना ठप्पा लगाकर, उसे नया नाम देकर प्रदेश में लागू करने की घोषणा और बिना किसी धन आवंटन के जनता को खूबसूरत घोषणाओं के सब्ज़बाग दिखाना केवल यही मात्र प्रदेश सरकार के बजट का सार है.

धूमल ने कहा सत्ता में आते ही जिस सरकार ने सैकड़ों शिक्षण संस्थान ही बंद कर दिए, अब वही पढ़ो हिमाचल की घोषणा कर रही है. बच्चों को पढ़ने के लिए दूर न जाना पड़े इसलिए शिक्षण संस्थान खोले गए थे. जिनको इस सरकार ने यह कह कर बंद कर दिया था कि खजाना खाली है. अब वही बोल रहे हैं कि स्कूल आने जाने की व्यवस्था करेंगे. सत्ता संभालने के बाद हजारों लोगों का रोजगार छीन लिया और अब बोल रहे हैं नौकरी देंगे. जब कांग्रेस सत्ता में आई तो आते ही भाजपा सरकार द्वारा चलाई गई जनकल्याण की योजनाओं को बंद कर दिया. अब चुनाव सामने देख उन्हीं योजनाओं को नया नाम देकर आक्रोशित जनता को शांत करने का प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा पहले अस्पतालों में चल रही मुफ्त लेबोरेटरियों को बंद कर दिया. अब बोल रहे इंटीग्रेटेड लैब्स खोलेंगे. पहले हिमकेयर कार्ड, जिससे लाखों लोगों को 1800 बीमारियों का मुफ्त में इलाज मिलता था, वो बंद कर दिया. अब हेल्थ कार्ड बनाने की बात कर रहे हैं. वरिष्ठ नागरिकों को पहले ही जिन योजनाओं से लाभ दिया जा रहा था अब उनको नया नाम दिया गया है. केंद्र सरकार की योजनाओं को अपना नाम देकर जनता को बेवकूफ बनाने का प्रयास किया गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए पैसे केंद्र सरकार देती है. कामगारों के लिए मनरेगा के तहत पैसा केंद्र सरकार भेजती है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश सरकार को सत्ता में बैठे हुए एक साल से अधिक हो चुका है और प्रदेश की जनता ने भली भांति सरकार की मंशा उनके काम करने के तरीके से समझ ली है. लोकसभा चुनाव सामने देखकर अब वही सरकार लुभावने सब्ज़बाग बजट में दिखाने का प्रयास कर रही है, जो पिछले 1 वर्ष से खजाना खाली होने की दुहाई दे रही थी. जनकल्याण और विकास की बातें कहीं नहीं थी, लेकिन अपने लिए सरकार के पास कोई कमी नहीं थी. बिना किसी धन प्रावधान के की गई घोषणाओं का यह बजट लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत जनता को भ्रमित करने का प्रयास है, जो इस सरकार की किसी काम नहीं आएगा.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा बजट में की गई इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा. यह बात कहीं भी नहीं है. बजट में प्रदेश को मजबूत करने के लिए संसाधन जुटाने और बचत करने की बात भी कहीं भी नहीं है. कहीं चुनावी गारंटियों की तरह यह बजट भी खाली घोषणाएं होकर न रह जाए.

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Last Updated : Feb 17, 2024, 6:54 PM IST
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