लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में 2022 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनने पर रोडवेज बसों में बुजुर्ग महिलाओं को फ्री यात्रा करने का वादा किया था, लेकिन सरकार बने हुए करीब दो साल होने को हैं, लेकिन अभी तक बुजुर्ग महिलाओं को बसों में फ्री यात्रा की सौगात नहीं मिल पाई है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बुजुर्ग महिलाओं को फ्री यात्रा की सौगात देने के लिए लगातार परिवहन मंत्री बयान देते रहे, लेकिन अब ये तय हो गया है कि आठ मार्च को 'इंटरनेशनल विमेंस डे' पर भी बुजुर्ग महिलाओं को फ्री यात्रा की सौगात नहीं मिल पाएगी.
पिछले करीब दो साल से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में बुजुर्ग महिलाएं फ्री यात्रा का सपना संजोए बैठी हैं, लेकिन, उनकी उम्मीदों पर सरकार पानी ही फेरती जा रही है. बीजेपी ने संकल्प पत्र में बुजुर्ग महिलाओं को बसों में फ्री यात्रा देने का वादा किया था. लेकिन, अब भाजपा सरकार इस वादे को भूल ही गई है. हाल ही में यह चर्चा तेजी से चली थी कि सरकार की पूरी तैयारी है कि आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बुजुर्ग महिलाओं को मुफ्त यात्रा का तोहफा दे दिया जाए, लेकिन अब यह संभव इसलिए नहीं है क्योंकि कैबिनेट में यह प्रस्ताव ही नहीं रखा गया. इसके बाद अब चुनाव भी सिर पर हैं. लिहाजा, कुछ ही दिनों में आचार संहिता भी लग जाएगी. इसका सीधा सा मतलब है कि अब बुजुर्ग महिलाओं को बसों में फ्री यात्रा करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
एक करोड़ रुपए का प्रावधान : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 60 साल से ऊपर की महिलाओं को रोडवेज बसों में फ्री यात्रा का तोहफा देने के लिए बजट में भी प्रावधान किया था. महिलाओं के लिए नि:शुल्क यात्रा करने के उद्देश्य से परिवहन निगम को प्रतिकर का भुगतान करने की भी बात कही थी. बजट में एक करोड़ रुपए आवंटित किए गए. लेकिन, यह सिर्फ यहीं तक सीमित रह गया. आगे कोई कार्रवाई नहीं बढ़ने से बसों में मुफ्त यात्रा का बुजुर्ग महिलाओं का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है.
छह फीसद बुजुर्ग महिलाएं हर रोज करती हैं यात्रा : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में रोजाना 60 साल से ऊपर की महिलाओं की यात्रा का प्रतिशत लगभग छह है. कुल महिला यात्रियों में वरिष्ठ महिला यात्रियों का 17% है. सभी 60 साल से ऊपर बुजुर्ग महिलाएं यात्रा फ्री करेंगी या फिर बीपीएल श्रेणी में आने वाली महिलाएं, शासन को इस बारे में भी परिवहन निगम की तरफ से पत्र भेजा गया था.
सालाना 264 करोड़ खर्च का अनुमान : उत्तर प्रदेश में बुजुर्ग महिलाओं को रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा देने पर सालाना लगभग 264 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है. परिवहन निगम ने इसका आंकड़ा भी तैयार किया है. परिवहन निगम ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भी भेजा था. अधिकारियों का मानना है कि रोडवेज बस में बुजुर्ग महिलाओं को फ्री यात्रा देने से निगम को फायदा मिलेगा, क्योंकि बुजुर्ग महिलाएं अकेले यात्रा नहीं करतीं. उनके साथ कोई न कोई यात्री जरूर आएगा और उसका किराया रोडवेज को मिलेगा. इसके बावजूद परिवहन निगम बुजुर्ग महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा का तोहफा नहीं दे पा रहा है.
क्या कहते हैं एमडी : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर का कहना है कि यह कैबिनेट का फैसला है. कैबिनेट से अप्रूवल मिलने के बाद ही रोडवेज बसों में बुजुर्ग महिलाओं को फ्री यात्रा दी जा सकती है. सरकार जब भी कोई फैसला करेगी उसे तत्काल लागू किया जाएगा. फिलहाल, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बुजुर्ग महिलाओं को मुफ्त यात्रा का तोहफा मिलने की उम्मीद न के बराबर है.
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क्या कहते हैं प्रवक्ता : परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक प्राविधिक व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि यह मामला काफी बड़ा है. इससे पहले कैबिनेट से पास कराना होगा. जब कैबिनेट इस पर मुहर लगाएगी, उसके बाद इस आदेश को लागू किया जा सकता है. तब ही बुजुर्ग महिलाओं को फ्री यात्रा दी जा सकती है. फिलहाल इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बुजुर्ग महिलाओं को मुफ्त यात्रा का तोहफा नहीं मिल पाएगा. इसके अलावा महिला यात्रियों को भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुफ्त यात्रा देने का कोई विचार नहीं है.
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