लखनऊः एक तरफ लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) लोगों को प्लॉट और फ्लैट देने के लिए कई तरह की योजनाएं ला रहा है, वहीं आवंटन के बाद भी कब्जा न मिलने की शिकायतें आ रही हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें उपभोक्ता फोरम ने लखनऊ विकास प्राधिकरण पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. एलडीए पर उपभोक्ता को लॉटरी में प्लॉट निकलने पर भी आवंटित न करने का आरोप है.
सीएम रिलीफ फंड में जमा होगा जुर्माना, पीड़ित को मिलेंगे 25 लाख और प्लॉट: यह मामला साल 1982 का है. सर्वोदय नगर के गिरीश पंत ने तीन हजार रुपये देकर एलडीए में 200 स्क्वायर फीट भूखंड के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. लॉटरी में पंत के नाम प्लॉट निकल गया, लेकिन प्राधिकरण ने उन्हें दिया ही नहीं. राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यामूर्ति अशोक कुमार की पीठ ने जुर्माने की रकम मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का आदेश दिया है, जिसमें पीड़ित को मानसिक प्रताड़ना के बदले 25 लाख और मुकदमा खर्च 50 हजार रुपये अदा किए जाएंगे. आयोग ने यह भी आदेश दिया है कि यह रकम तीस दिन में भुगतान न करने पर मुकदमे की तारीख से 10 प्रतिशत ब्याज के साथ देना होगा. इतना ही नहीं, आयोग ने प्राधिकरण को यह भी आदेश दिया है कि वह पीड़ित को हाईकोर्ट लखनऊ पीठ से 3 किलोमीटर के दायरे में प्लॉट आवंटित करे.
1988 में जमा किए थे 48825 रुपये : दरअसल, गिरीश पंत ने लखनऊ विकाश प्राधिकरण की गोमती नगर योजना में 19 नवंबर 1982 को 200 स्क्वायर फीट प्लॉट के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 3000 रुपये जमा किया था. एलडीए ने 29 जुलाई 1985 को उन्हें प्लॉट नंबर 1/326 1985 में आवंटित किया. जिसके बाद पंत ने प्लॉट की रकम 48825 रुपये दो मार्च 1988 को जमा कर दी. इसके बावजूद LDA ने रजिस्ट्री नहीं की. पीड़ित लगातार एलडीए दफ्तर के चक्कर लगाता रहा. कई पत्र लिखे गए और शासन से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस बीच एलडीए ने यह प्लॉट किसी दूसरे को आवंटित कर दिया. कोई रास्ता न देख पीड़ित ने उपभोक्ता फोरम की शरण ली.