देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है. चुनाव में अपनी जीत दर्ज कराने के लिए प्रत्याशी और राजनीतिक दल जमकर पसीना बहा रहे हैं. कांग्रेस जहां केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार की योजनाओं पर निशाना साध रही है, तो वहीं बीजेपी अपनी उपलब्धियों की बदौलत जनता से वोट मांग रही है. इन सबके बीच उत्तराखंड की जनता के मन में क्या चल रहा है, इसी पर ईटीवी भारत ने देहरादून में लोगों से सवाल किए और उनकी राय जानी.
ईटीवी भारत ने जनता से उन्हीं तीन मुद्दों पर सवाल किए, जो इस लोकसभा चुनाव 2024 के केंद्र में हैं. इनमें सबसे पहला मुद्दा अग्निवीर योजना का है, जिसे कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया है. कांग्रेस ने कहा है कि यदि वो सत्ता में आते तो अग्निवीर योजना को खत्म करेगी. वहीं दूसरा मुद्दा अटल आयुष्मान योजना का है, जिस पर बीजेपी जनता से वोट मांग रही है और तीसरा मुद्दा राम मंदिर निर्माण का है. इसके अलावा विकास के जुड़े कई और मसलों पर ईटीवी भारत ने जनता की राय जानी.
अग्निवीर योजना से सबसे ज्यादा नाराजगी: ईटीवी भारत जब आम मतदाताओं के बीच पहुंचा, तो देखा कि लोगों की सबसे ज्यादा नाराजगी अग्निवीर योजना को लेकर है. कर्णप्रयाग के रहने वाले दिनेश उनियाल की मानें तो अग्निवीर योजना युवाओं के लिए हितकारी नहीं है.
ऐसा ही कुछ कहना है टिहरी के प्रीतम का. उनका भी मानना है कि अग्निवीर योजना में युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं है. सेना में चार साल की भर्ती के कॉन्सेप्ट को युवा स्वीकार नहीं कर रहा है. वहीं देहरादून की गीतिका और रमेश का मत भी अग्निवीर योजना के पक्ष में नहीं है.
हालांकि युवा मतदाता अंजलि और देवांश ने अग्निवीर योजना को सही बताया है. उनका मानना है कि इस योजना से युवाओं को बेहद कम समय में अच्छा मौका मिलता है. अग्निवीर योजना को दोनों सरकार के सकारात्मक पहलू में गिन रहे हैं.
अटल आयुष्मान योजना की तारीफ: इस चुनाव में बीजेपी अपनी उपलब्धियों के तौर पर अटल आयुष्मान योजना का जिक्र जरूर कर रही है. वहीं आम मतदाता भी बीजेपी की अटल आयुष्मान योजना से खुश हैं. कई मतदाताओं ने बताया कि कैसे उन्हें अटल आयुष्मान योजना का लाभ मिला.
वोटर दिनेश थपलियाल कहते हैं कि अटल आयुष्मान योजना में आम आदमी को पांच लाख तक का इलाज मुफ्त में मिल रहा है. गरीब परिवार के लिए ये बेहद लाभकारी योजना है.
राम मंदिर पर बंटी राय: राम मंदिर एक ऐसा मुद्दा है, जिससे देश की बड़ी जनसंख्या भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई है. इस पर भी ईटीवी भारत ने वोटरों की राय जानी. हरिद्वार की युवा मतदाता अंजलि का कहना है कि राम मंदिर का विषय भावनात्मक विषय है. इसका असर मतदान पर नहीं पड़ना चाहिए.
अंजलि का मानना है कि पढ़ा लिखा युवा राम मंदिर के मुद्दे का असर अपने मतदान पर नहीं पड़ने देगा. हालांकि देहरादून के देवांश और कर्णप्रयाग के दिनेश थपलियाल, अंजलि की बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका मानना है कि लोकसभा चुनाव 2024 में राम मंदिर का मुद्दा प्रभाव डालेगा. क्योंकि यह हिंदुस्तान और सनातन धर्म के लिए बेहद जरूरी था.
वहीं, देहरादून की मतदाता गीतिका का कहना है कि मंदिर और मस्जिद के मुद्दे आस्था का विषय हो सकते हैं, लेकिन इसे चुनाव से पहले बनवाना सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है. टिहरी के प्रीतम का कहना है कि राम मंदिर के मुद्दे से मतदाता को कोई फर्क नहीं पड़ता है. उनका कहना है कि राम मंदिर जहां बन रहा है उसे वहीं बनना था, इसमें किसी का भी कुछ रोल नहीं है.
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