कांकेर: जिले में संचालित रेत खदानों में समय अवधि खत्म होने के बाद भी धड़ल्ले से अवैध रेत उत्खनन जारी था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया. इस खबर के प्रकाशन के बाद से असर देखने को मिल रहा है. कांकेर कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने अवैध रेत उत्खनन को लेकर सख्त रुख अपनाया है. जिला कलेक्टर ने चंद घंटों के भीतर सभी रेत खदानों को बंद करने की बात कही है.
कलेक्टर ने दिया निर्देश: दरअसल, कांकेर जिले के चारामा में सबसे अधिक रेत खदान है. यहां महानदी के अलग-अलग तट पर रेत माफिया दिन-रात रेत का उत्खनन कर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. मामले को लेकर क्षेत्र के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने जब एसडीएम चारमा से शिकायत की तो उन्होंने जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार किया. इसके बाद मंगलवार देर रात जनप्रतिनिधियों ने मचानदुर जांच नाका के पास प्रदर्शन किया. सुबह करीब 5 बजे तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा. ये खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई.खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया. अब कलेक्टर ने सभी रेत खदानों को बंद करने का निर्देश दिया है.
रेत उत्खनन की समय अवधि खत्म हो चुकी है. इसके बाद भी रेत के उत्खनन की जानकारी मिली है.अब से चंद घंटों के भीतर ही सभी रेत खदानों को बंद किया जाएगा.: नीलेश क्षीरसागर, कलेक्टर, कांकेर
दिन-रात चल रही थी रेत की तस्करी: चारामा के रेत खदानों में आए दिन विवाद जैसी स्थिति बनी रहती है. इसके कारण कभी भी अनहोनी की आशंका स्थानीय जताते हैं. चारामा के रेत खदानों में रात भर चैनमाउंटन लगाकर रेत की तस्करी की जा रही है. नियम के तहत दिन ढलने के बाद नदियों से रेत नहीं निकाली जा सकती है. हालांकि ये नियम भी तब लागू होते हैं, जब खदान की स्वीकृति हो, लेकिन वर्तमान में समय अवधि ही खत्म हो चुकी है. बावजूद इसके अवैध तरीके से रेत का उत्खनन जारी है. बता दें कि रेत खदान की स्वीकृति सिर्फ 10 जून तक थी. उसके बाद भी रेत माफिया दिन-रात नदियों का सीना छलनी कर रहे हैं.