लखनऊ : यूपी की सड़कों पर युवतियां और महिलाएं गाड़ियां तो तेज रफ्तार से दौड़ा रही हैं, लेकिन गाड़ी चलाने के लिए अनिवार्य ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में फिसड्डी हैं. देश भर में डीएल बनवाने के मामले में यूपी की महिलाएं सबसे निचले पायदान पर हैं. बिना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए ही सड़क पर गाड़ी चलाने से कई बार वे खुद हादसे का शिकार बन रही हैं या फिर लोगों को हताहत कर रही हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं का लाइसेंस अनुपात बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही चेकिंग अभियान में अब सख्ती बरतने का प्लान है. टेस्ट देने के बाद ही महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा.
लाइसेंस लेने के अनुपात में यूपी की महिलाएं फिसड्डी : साल 2023 में मध्य प्रदेश में जहां महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का परसेंटेज करीब 15 है, वहीं गुजरात में 13 फीसद. पंजाब में 11, राजस्थान में नौ फीसद है. उत्तर प्रदेश में ये आंकड़ा सिर्फ 4.37% है. उत्तर प्रदेश में 2023 में पुरुषों के 24 लाख 21 हजार 588 ड्राइविंग लाइसेंस बने. वहीं महिलाओं के सिर्फ 11 लाख हजार 6 हजार 669 ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी हुए हैं. मध्य प्रदेश में 4 लाख 34 हजार 924 पुरुषों के तो 73 हजार 105 महिलाओं के लाइसेंस जारी हुए. गुजरात में 15 लाख 53 हजार 610 पुरुषों के और 2 लाख 34 हजार 559 डीएल महिलाओं के जारी किए गए. पंजाब में पुरुषों का आंकड़ा 8 लाख 71 हजार 111 है तो महिलाओं का आंकड़ा 1 लाख 10 हजार 789 है. राजस्थान में साल भर में 9 लाख 94 हजार 882 पुरुषों के ड्राइविंग लाइसेंस जारी हुए तो 88 हजार 604 महिलाओं के डीएल जारी किए गए. लाइसेंस के अनुपात में यूपी की महिलाएं फिसड्डी हैं.
सड़क हादसों का शिकार हो रहीं महिलाएं : यूपी में अगर सड़क हादसों की बात की जाए तो मृत्यु दर के मामले में यूपी सातवें नंबर पर है. एक्सीडेंट में मृत्यु दर सबसे ज्यादा सिक्किम में है जो 17 प्रतिशत है. दिल्ली में 1.2 फीसद, लक्षद्वीप में 0.9 फीसद और चंडीगढ़ में 0.8 फीसद है, जबकि उत्तर प्रदेश में 6.5 फीसद मृत्यु दर है. ओवरऑल रोड एक्सीडेंट में वर्ष 2021 में 1 लाख 33 हजार 25 पुरुष और 20 हजार 947 महिलाओं की मृत्यु हुई. मृतकों में पुरुषों का प्रतिशत 84.4 तो महिलाओं का प्रतिशत 13.6 था. साल 2022 में एक्सीडेंट में मरने वाले पुरुषों की संख्या 1 लाख 45 हजार 177 तो महिलाओं की संख्या 23 हजार 314 थी. मृतकों की कुल संख्या में पुरुषों का आंकड़ा 86.2 और महिलाओं का 13.8% था.