हैदराबाद : राजस्थान विकास के मार्ग पर अग्रसर है. राज्य की मौजूदा भजनलाल सरकार की ओर से बीते 11 माह में कई नीतिगत संरचनात्मक फैसले लिए गए हैं, जिसका आगामी दिनों में असर भी देखने को मिलेगा. पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना राज्य के 12 जिलों में सूखे की किल्लत को खत्म कर किसानों को पर्याप्त मात्रा में जल मुहैया कराने के साथ ही समृद्धि की नई इबारत लिखेगी. इसके अलावा यह आर्थिक दृष्टि से भी राज्य के लिए काफी मददगार साबित होगी. एक जिला एक उत्पाद भी लोकल स्तर पर जिलावासियों को लाभान्वित करने का काम करेगा. यही वजह है कि भजनलाल सरकार उत्तर प्रदेश की तर्ज पर इसे लागू करने की दिशा में अग्रसर है. हालांकि, इसके लिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है. यह बातें अप्रत्यक्ष कर समिति आईसीएआई के सहयोजित सदस्य सीए अनूप कुमार लुहारुका ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कही.
उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर राज्य में काम शुरू होने जा रहा है और इसके लिए भजनलाल सरकार ने कई एमओयू भी किए हैं. वही, कई अन्य परियोनाएं अभी पाइपलाइन में हैं. आगे उन्होंने कहा कि वो स्वयं शेखावाटी के झुंझुनू के रहने वाले हैं, लेकिन आज भी उनका क्षेत्र विकास की बाट जोह रहा है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि मौजूदा डबल इंजन की सरकार शेखावाटी के विकास के लिए भी काम करेगी. लुहारुका ने टूरिजम को लेकर कहा कि राजस्थान में इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और केंद्र की मदद से इस सेक्टर को बूस्ट करने की दिशा में भी लगातार काम हो रहा है.
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GST भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार : लुहारुका ने जीएसटी को भारत का एक ऐतिहासिक रिफॉर्म करार दिया. उन्होंने कहा कि जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का एक मजबूत आधार है. सरकार इसे सरल और आसान बनाने के लिए लगातार काम कर रही है. हाल ही में आई धारा 128A के तहत जीएसटी एमनेस्टी योजना ने शुरुआती 3 साल के विवादों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है. साथ ही डिजिटलीकरण से कर प्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो गई है.
संशोधन से बढ़ी पारदर्शिता : उन्होंने कहा कि जीएसटी एमनेस्टी स्कीम व धारा 16(5) व 16 (6) का नया प्रावधान व्यापारी वर्ग के विवादों का समाधान है. जीएसटी में साल 2017 से लेकर अब तक कई तरह के संशोधन हो चुके हैं. सरकार लगातार व्यापारी वर्ग की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रही है. 1 नवंबर, 2024 से लागू हुई जीएसटी एमनेस्टी स्कीम से व्यापारी वर्ग को बड़ी राहत मिली है.
2025 के आखिर तक GST ट्रिब्यूनल के गठन की संभावना : इसको लेकर लुहारुका ने कहा कि जीएसटी ट्रिब्यूनल के वित्तीय वर्ष 2025 के अंत तक ऑपरेशनल होने की संभावना है. यह ट्रिब्यूनल कई लिटिगेशन मामलों को तेजी से सुलझाने में मदद करेगा, जिससे कानूनी प्रक्रियाएं अधिक प्रभावी हो सकेंगी. साथ ही संभावना है कि ट्रिब्यूनल दोनों माध्यमों, फिजिकल और वर्चुअल मोड में काम करेगा. इससे करदाताओं और व्यवसायियों को अधिक लाभ होगा.
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सहज हुआ राज्यों के बीच व्यापार : लुहारुका ने कहा कि जीएसटी (गुड एंड सर्विस टैक्स) और भारतीय अर्थव्यवस्था एक-दूसरे से जुड़े हैं. जीएसटी ने देश में एक समान कर प्रणाली लागू की. इससे आज व्यापार करना आसान हुआ है. वही, सरकार की आय भी बढ़ी है और देश में निवेश को बढ़ावा दिया है. इसके कारण राज्यों के बीच व्यापार भी सरल और सहज हो सका है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं. यह देश की जीडीपी और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में भी मदद साबित हो रहा है.
जीएसटी फ्रॉड पर कही ये बात : जीएसटी धोखाधड़ी मामलों को लेकर लुहारुका ने कहा कि सरकार की ओर से लगातार इसके रोकथाम की दिशा में काम किया जा रहा है. बावजूद इसके धोखाधड़ी करने वाले किसी न किसी स्टेज पर पकड़े जाते है. वही, डिजिटल व अन्य तकनीकी माध्यमों के जरिए ऐसे मामलों को पूरी तरह से नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है.
ऐसे बने जीएसटी मैन : खुद को जीएसटी मैन कहे जाने के सवाल पर लुहारुका ने कहा कि वो हमेशा व्यवसायियों की मदद के लिए तैयार रहते हैं. खासकर जब उनकी जीएसटी से जुड़ी कोई समस्या या सवाल हो. उनका मानना है कि जब व्यापार बढ़ता है, तो देश प्रगति करता है और देश की प्रगति के साथ ही सभी का विकास होता है.