चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव के लिए तीसरा चरण का मतदान संपन्न हो चुका है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में 1 जून को अंतिम चरण में मतदान होना है. जिसके लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इन सबके बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं का एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी जारी है. ऐसे में हिमाचल के सियासी मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने हिमाचल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और ठियोग से विधायक कुलदीप राठौर से खास बातचीत की.
सवाल: लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण का मतदान हो चुका है, चुनाव को किस ओर जाते हुए आप देख रहे हैं?
जवाब: इसके जवाब में विधायक कुलदीप राठौर ने कहा तीसरे चरण का मतदान हो चुका है. पिछले दो चरणों के मतदान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या बीजेपी के नेता निराश दिखाई दे रहे हैं. उनको अपनी अपेक्षा के मुताबिक नतीजे नहीं मिल रहे हैं. इसी वजह से वे निराश दिखाई दे रहे हैं. इसलिए चुनाव का एजेंडा भी बदल गया है, यह चुनाव मुद्दों पर नहीं लड़ा जा रहा है. देश में भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा छोड़ पर्सनल टारगेट किया जा रहा है. मुद्दों से भटकाने की कोशिश हो रही है. सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश हो रही है. मुझे इस बात का संदेह है कि अंतिम चरण आते-आते देश में बहुत सी ऐसी परिस्थितियों पैदा हो जाएगी जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.
सवाल: आपको आने वाले दिनों में परिस्थितियों खराब होने का डर है, आप कांग्रेस की स्थिति को कैसे देखते हैं?
जवाब: कुलदीप राठौर ने कहा कांग्रेस बड़ी मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही हैं. आप देख रहे होंगे कि राहुल गांधी अगर वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं तो वह रायबरेली से भी चुनाव लड़ रहे हैं. हमारे तमाम बड़े नेता चुनाव मैदान में उतरे हैं, हम चुनाव को गंभीरता से ले रहे हैं. इंडिया गठबंधन को जन समर्थन भी मिल रहा है. हम आश्वस्त भी हैं, लेकिन चिंतित भी है. आश्वस्त इस बात को लेकर है कि एनडीए की जो 10 साल की नाकामियां रही कहीं ना कहीं वोटर पर इसका असर होगा. चिंतित हम इस बात को लेकर है कि कहीं कोई ऐसी घटना ना हो, जिससे हमारे देश के लिए, लोकतंत्र के लिए कोई प्रश्न चिन्ह ना लगे.
सवाल: हिमाचल की बात करें तो धर्मशाला में अभी तक आपकी पार्टी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, कब तक उम्मीद करें?
जवाब: उन्होंने कहा मुझे लगता है कि बहुत जल्द ही धर्मशाला के प्रत्याशी की घोषणा हो जाएगी. बस सोच समझ कर पार्टी ने फैसला किया है और दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है. जो कुछ बीते दोनों हिमाचल की सियासत में हुआ, उसके बाद परिस्थितियां बदली हैं. हमने सारी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. सिर्फ धर्मशाला बाकी है, वह भी जल्द हो जायेगा.
सवाल: रामलाल मारकंडे को लाहौल स्पीति से से टिकट नहीं मिला. क्या यह पार्टी की रणनीति है?
जवाब: कुलदीप राठौर ने कहा मारकंडे जी बीजेपी के हैं. एक सोच चल रही थी, लेकिन जो भी फैसला हुआ वह जमीनी हकीकत और परिस्थिति को देखकर हुआ. कांग्रेस पार्टी ने वहां पर पढ़ी-लिखी और युवा उम्मीदवार को मैदान में उतारा है.
सवाल: जैसे बीजेपी ने सभी आपके लोगों को मैदान में उतार दिया, कहीं पार्टी के मन में यह तो नहीं था कि इससे कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा?
जवाब: कुलदीप राठौर ने कहा बिल्कुल एक दो जगह पर टिकट दिया है. एक उनका टिकट दिया है, जो हमें छोड़कर चले गए थे और अब वह वापस आ गए. तो ऐसे में थोड़ा जमीनी परिस्थितियों को भी देखना पड़ता है.
सवाल: हिमाचल प्रदेश में इस बार चर्चा कंगना रनौत और विक्रमादित्य को लेकर हो रही है. कंगना की ओर से जो बयानबाजी हो रही है, उसे आप कैसे देखते हैं, शहजादे की बात हो रही है?
जवाब: उन्होंने कहा मुझे लगता है कि चुनाव में जो मुद्दा है, वह विकास को लेकर होना चाहिए. हर उम्मीदवार जो चुनाव लड़ता है, उसका अपने क्षेत्र के लिए क्या विजन है. उस पर चुनाव होना चाहिए. व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप ठीक नहीं है. जिस तरह से मंडी में हो रहा है, यह नहीं होना चाहिए. हमारा प्रत्याशी पढ़ा लिखा नौजवान है. एक अच्छी राजनीतिक पृष्ठभूमि से वे आते हैं. वीरभद्र सिंह जी के पुत्र हैं. बड़ी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं. मुझे लगता है कि वह सफल होंगे.
सवाल: कंगना रनौत ने कांग्रेस पार्टी को दीमक कहा है. उनके इस बयान को कैसे देखते हैं?
जवाब: देखिए मैं उन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. यह उनका अपना कहने का अंदाज है, लेकिन मुझे लगता है कि थोड़ा उन्हें संभालना चाहिए कि जिस पृष्ठभूमि से वे आई हैं और जो राजनीति है, वह अलग-अलग है. राजनीति बहुत गंभीर विषय है. इस बात को उन्हें समझना चाहिए.
सवाल: हिमाचल की जनता राष्ट्रीय मुद्दों से प्रभावित है या ऑफिस स्थानीय मुद्दे हावी हैं?
जवाब: देखिए हिमाचल में बहुत जागरूक मतदाता हैं. राष्ट्रीय मुद्दों का भी असर रहता है और जो स्थानीय मुद्दे हैं. वह भी कहीं ना कहीं चुनाव को प्रभावित करते हैं.
सवाल: किसने और बागवान के मुद्दों को लेकर खास तौर पर सेब वाले क्षेत्र से आप आते हैं. सरकार कैसे आगे बढ़ रही है?
जवाब: जी बिलकुल, देखिए विधायक बनने के बाद जो बागवानों से जुड़े मुद्दे हैं. वह मैंने जोर-शोर से उठाए. बहुत सारी हमारी मांगे पूरी भी हो गई, जैसे कि वजन के हिसाब से सेब बिकना चाहिए. यूनिवर्सल कार्टन की मांग थी. हमारे बागवान इस बात को लेकर बहुत खुश हैं कि कांग्रेस सरकार ने अच्छा फैसला किया. सेब का समर्थन मूल्य बढ़ाया. जो कीटनाशक थे, उनकी सब्सिडी बहाल करवाई. लेकिन हमारे बागवान इस बात को लेकर चिंतित है कि विदेशी सेब जो भारत आ रहा है, उससे हमारी बागवानी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. उनकी इस संबंध में मांग अभी तक पूरी हुई नहीं है. निश्चित तौर पर यह मुद्दा भी चुनाव को प्रभावित करने वाला है.
सवाल: वोटिंग प्रतिशत कम होने को लेकर सभी चिंतित है, हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं से क्या अपील करेंगे?
जवाब: उन्होंने कहा देखिए यह चिंता का विषय है, लेकिन मुझे लगता है कि यह लोकतंत्र का महान पर्व है. आज देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने की जरूरत है. मेरा प्रदेश के मतदाताओं से अनुरोध रहेगा कि वे चुनाव के दिन भारी संख्या में आए और मतदान करें. देश में जो लोकतंत्र और संविधान पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, उससे निजात दिलाने के लिए मतदान करें.
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