रांची: झारखंड में सत्ता का समीकरण फिर बदल गया है. हेमंत सोरेन राज्य के 13वें मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. सत्ताधारी विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुन लिया गया है. अब सबकी निगाहें राजभवन पर टिकी हैं. एक बार फिर 31 जनवरी 2024 वाली स्थिति झारखंड में दोहराई जाती दिखाई देगी. फर्क इतना भर होगा कि 31 जनवरी को हेमंत सोरेन इस्तीफा देने गए थे और चंपाई सोरेन सरकार बनाने का दावा पेश करने, इस बार हेमंत सोरेन दावा पेश करने जाएंगे और चंपाई सोरेन इस्तीफा देने.
दरअसल 31 जनवरी 2024 को लैंड स्कैम मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. इसकी वजह से उन्हें उसी दिन सीएम के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उनकी जगह दावा पेश करने के बाद 2 फरवरी को चंपाई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन 28 जून को झारखंड हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आते ही करीब करीब तय हो गया था कि झारखंड में सत्ता का समीकरण फिर बदलेगा.
झाखंड के राज्यपाल डॉ सीपी राधाकृष्ण फिलहाल राज्य में नहीं हैं. वे पुडुचेरी में हैं, वहां से वे चेन्नई जाएंगे और फिर झारखंड आएंगे. माना जा रहा है कि उनकी प्लाइट रांची के बिरसामुंडा एयरपोर्ट पर करीब 6.40 बजे लैंड करेगी और वे राजभवन जाएंगे. यहां करीब 7.30 बजे झामुमो नेता उनसे मिलने पहुंचेंगे. माना जा रहा है कि इस दौरान चंपाई सोरेन अपना इस्तीफा देंगे और हेमंत सोरेन सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
हेमंत सोरेन ने साबित कर दिया कि ताकत के बगैर राजनीति के मैदान में टिक पाना आसान नहीं होता. इसलिए उन्होंने बिना वक्त गंवाए सीएम की कुर्सी वापस लेने की कवायद शुरू कर दी. जहां तक बहुमत की बात है तो इस मामले में सत्ताधारी दल निश्चिंत है. हेमंत सोरेन के इस फैसले पर कांग्रेस भी मुहर लगा चुकी है. सत्ताधारी विधायक दल की बैठक से पहले कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर खुद हेमंत सोरेन से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे थे.
इससे पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि हेमंत सोरेन अपनी पत्नी और गांडेय उपचुनाव जीतने वाली कल्पना सोरेन को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहेंगे, लेकिन राजनीति के जानकार अच्छी तरह समझ रहे थे की हेमंत सोरेन ऐसा फैसला नहीं लेंगे. सत्ता की ताकत के साथ वह मैदान में उतरेंगे और लोगों को बताएंगे कि उन्हें झूठे मुकदमे में 5 माह तक जेल में रखा गया. हालांकि भाजपा ने चाल चल दिया है, भाजपा ने कहना शुरू कर दिया है कि सोरेन परिवार सत्ता के बगैर नहीं रह सकता.
यह बात सभी जानते हैं कि चंपाई सोरेन परिस्थितिवश मुख्यमंत्री बने थे. यह भी चर्चा है कि उनके मीडिया सलाहकार चंचल मीडिया मैनेजमेंट करने और परिस्थिति को भांपने में असफल रहे. अब राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का इंतजार हो रहा है. जब सत्ता परिवर्तन का समीकरण बन रहा था तब राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पुडुचेरी में थे. उनके रांची पहुंचते ही चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश करेंगे और हेमंत सोरेन सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. इसके बाद हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नए कैबिनेट का गठन होगा, फिर उनके नेतृत्व वाली सरकार सदन में बहुमत साबित करेगी. लिहाजा अगले कुछ दिनों तक झारखंड की राजनीति में गहमागहमी देखने को मिलेगी.
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