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मंत्री हीरालाल बोले- गहलोत सरकार ने पांच साल उत्पादन-वितरण पर ध्यान नहीं दिया, हम प्राथमिकता से कर रहे सुधार - Power Cut in Rajasthan

राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच बिजली किल्लत जारी है. इस बीच ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने प्रदेश में बिजली संकट के लिए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पांच साल बिजली उत्पादन और वितरण का ढांचा सुधारने पर ध्यान नहीं दिया गया. अब हमारी सरकार आने के बाद प्राथमिकता से सुधार कर रहे हैं.

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 22, 2024, 5:12 PM IST

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच बिजली की किल्लत जारी है. एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदने के बाद भी डिमांड पूरी नहीं होने से बिजली कटौती की जा रही है. इस बीच ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने प्रदेश में बिजली संकट के लिए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पांच साल बिजली उत्पादन और वितरण का ढांचा सुधारने पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसका खामियाजा आज भुगतना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि अब हमने सुधार की प्रक्रिया प्राथमिकता से शुरू की है. अगले साल आमजन को बिजली कटौती से पूरी तरह राहत मिल जाएगी. जितना संभव है, एक्सचेंज से बिजली की खरीद कर रहे हैं. प्रयास है कि कम से कम कटौती की जाए. अगर बाजार में हमें बिजली मिल रही है तो हम हर दर पर बिजली लेकर उपभोक्ता को देने को तैयार हैं, लेकिन मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है. बिजली की उपलब्धता नहीं है. ऐसी स्थिति में ही बिजली कटौती की जा रही है.

पढ़ें. गर्मी ने बढ़ाई बिजली की डिमांड, करोड़ों यूनिट की अतिरिक्त खरीद भी पड़ रही कम, कटौती से आमजन परेशान - demand of electricity increased

इस बार दोगुनी बढ़ी बिजली की डिमांड : मीडिया से बातचीत में मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि इस बार गर्मी के तेवर ज्यादा तीखे हैं. हर साल गर्मी ने 10-12 प्रतिशत की बिजली की डिमांड बढ़ती है. इस बार 20 प्रतिशत से ज्यादा की डिमांड बढ़ी है. इसके हिसाब से हम प्रयास कर रहे हैं कि निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके. डिस्कॉम कर्मचारियों और अधिकारियों को पाबंद किया है कि वे मुख्यालय पर ही रहें, छुट्टियों पर नहीं जाएं. सभी को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी समस्या को दुरुस्त किया जा सके.

पिछली सरकार ने गलतियां की, हम सुधार रहे हैं : उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में गहलोत सरकार के समय बिजली उत्पादन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. वितरण की लाइन और जीएसएस बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया. इसी वजह से आज हम यह कटौती झेल रहे हैं. बिजली की डिमांड हर साल बढ़ती है. इसके अनुरूप संसाधन नहीं बढ़ाएंगे तो बढ़ती मांग की पूर्ति किया जाना संभव नहीं होगा. पिछली सरकार ने जो गलतियां की हैं, हमने सरकार बनते ही उसमें सुधार करना शुरू कर दिया.

हमने 15 साल की जरूरत का आंकलन किया : मंत्री ने कहा कि हमने सबसे पहले आने वाले 10-15 साल की बिजली की जरूरत का आंकलन किया है. हमने 32 हजार मेगावाट के एमओयू किए हैं, जिसकी लागत करीब 225 लाख करोड़ की आएगी. उसे हमने प्लान में डाल दिया है और केंद्र सरकार के उपक्रमों के साथ एमओयू कर लिए हैं. इस साल हमें यह समस्या लग रही है, लेकिन अगले साल से निर्बाध बिजली आपूर्ति मिले. इसे लेकर प्रयास जारी हैं.

पढ़ें. भजनलाल सरकार का आदेश, बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे PHED और डिस्कॉम के अधिकारी - Scorching Heat in Rajasthan

पिछली सरकार ने बिना सोचे फैसले लिए : नागर ने कहा कि पिछली सरकार ने इस गर्मी में बैंकिंग की बिजली लौटने का वादा किया था. अभी भी हमें 900 मेगावाट बिजली बैंकिंग की लौटानी पड़ रही है. जिनसे हमने बिजली ली थी, अब लौटानी पड़ रही है. यह भी एक बहुत बड़ा कारण है. बिना सोचे-समझे इस तरह के निर्णय पूर्ववर्ती सरकार ने लिए थे, अब जब एग्रीमेंट हुआ है तो हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम बैंकिंग की बिजली लौटाएं. उसका भी भार हमारे ऊपर है. इन्हीं सब कारणों से हमें समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

आज से गैस आधारित प्लांट भी चालू : उन्होंने कहा कि गैस आधारित पावर प्लांट को भी चालू कर रहे हैं. वह आज शाम को चालू होगा और 300 मेगावाट की बिजली का उत्पादन होगा. इससे भी हमें राहत मिलेगी. हालांकि, उसकी लागत ज्यादा आती है फिर भी हम चाहते हैं कि उपभोक्ता को बिजली मिले. लागत की कोई चिंता नहीं है, बिजली उत्पादन की कॉस्ट ज्यादा आने के कारण उसे बंद कर रखा था. अब हमें उसे इसलिए चालू करना पड़ रहा है, क्योंकि जब आज हमें दस रुपए प्रति यूनिट में भी बिजली मिल नहीं रही है. इस प्लांट में बिजली उत्पादन की लागत 12-15 रुपए प्रति यूनिट है, लेकिन अब हम उसे भी चालू करेंगे ताकि बिजली मिले.

पहले कोयला ही पूरा नहीं मिलता था : उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय कोयले की कमी थी और उसकी वजह से हमारे थर्मल प्लांट पूरा उत्पादन नहीं कर पा रहे थे. किसी प्लांट में आधा दिन का कोयला था. किसी में एक दिन का कोयला था. किसी को कम कोयले से चलाया जा रहा था. जब हमें 22 से 24 रैक कोयले की जरूरत थी, तब 12 से 15 रैक कोयला ही मिल पाता था. अब 24-25 रैक कोयला मिल रहा है और हमारे थर्मल प्लांट की एफिशिएंसी भी 65 से बढ़कर 75 फीसदी हुई है.

पढ़ें. राजस्थान में भीषण गर्मी का कहर, राज्यवासियों को तपिश से बचाने के लिए सरकार ने बनाया ये मास्टर प्लान - Master Plan Ready

गहलोत चालू नहीं करवा पाए परसा माइंस : मंत्री नागर ने कहा कि राजस्थान को छत्तीसगढ़ में अलॉट परसा माइंस को वहां की कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया था. उसे अशोक गहलोत चालू नहीं करवा पाए. हमने परसा माइंस को चालू करवाया. आज हमें उससे आठ रैक कोयला मिल रहा है, इसलिए कोयले का कोई संकट नहीं है. निरंतर रूप से हमें 24-25 रैक कोयला मिल रहा है. यह डबल इंजन की सरकार का परिणाम है. कोयले की कमी के कारण कोई भी संयंत्र आज कम एफिशिएंसी पर नहीं चल रहा है.

राजस्थान में सभी 25 सीट भाजपा के खाते में आएगी : उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव का परिणाम सुखद आएगा. राजस्थान तीसरी बार सभी 25 सीट जीतकर रिकॉर्ड बनाने वाला है. जनता ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय लिया हुआ है. उन्होंने कहा कि जनता के कांग्रेस को वोट देने का कोई कारण नहीं है. जनता कांग्रेस को वोट क्यों दे? उनकी सरकार नहीं बन रही. देश को चलाने का कोई चेहरा या एजेंडा भी नहीं है. यह सब बातें जनता भली भांति जानती है.

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच बिजली की किल्लत जारी है. एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदने के बाद भी डिमांड पूरी नहीं होने से बिजली कटौती की जा रही है. इस बीच ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने प्रदेश में बिजली संकट के लिए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पांच साल बिजली उत्पादन और वितरण का ढांचा सुधारने पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसका खामियाजा आज भुगतना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि अब हमने सुधार की प्रक्रिया प्राथमिकता से शुरू की है. अगले साल आमजन को बिजली कटौती से पूरी तरह राहत मिल जाएगी. जितना संभव है, एक्सचेंज से बिजली की खरीद कर रहे हैं. प्रयास है कि कम से कम कटौती की जाए. अगर बाजार में हमें बिजली मिल रही है तो हम हर दर पर बिजली लेकर उपभोक्ता को देने को तैयार हैं, लेकिन मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है. बिजली की उपलब्धता नहीं है. ऐसी स्थिति में ही बिजली कटौती की जा रही है.

पढ़ें. गर्मी ने बढ़ाई बिजली की डिमांड, करोड़ों यूनिट की अतिरिक्त खरीद भी पड़ रही कम, कटौती से आमजन परेशान - demand of electricity increased

इस बार दोगुनी बढ़ी बिजली की डिमांड : मीडिया से बातचीत में मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि इस बार गर्मी के तेवर ज्यादा तीखे हैं. हर साल गर्मी ने 10-12 प्रतिशत की बिजली की डिमांड बढ़ती है. इस बार 20 प्रतिशत से ज्यादा की डिमांड बढ़ी है. इसके हिसाब से हम प्रयास कर रहे हैं कि निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके. डिस्कॉम कर्मचारियों और अधिकारियों को पाबंद किया है कि वे मुख्यालय पर ही रहें, छुट्टियों पर नहीं जाएं. सभी को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी समस्या को दुरुस्त किया जा सके.

पिछली सरकार ने गलतियां की, हम सुधार रहे हैं : उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में गहलोत सरकार के समय बिजली उत्पादन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. वितरण की लाइन और जीएसएस बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया. इसी वजह से आज हम यह कटौती झेल रहे हैं. बिजली की डिमांड हर साल बढ़ती है. इसके अनुरूप संसाधन नहीं बढ़ाएंगे तो बढ़ती मांग की पूर्ति किया जाना संभव नहीं होगा. पिछली सरकार ने जो गलतियां की हैं, हमने सरकार बनते ही उसमें सुधार करना शुरू कर दिया.

हमने 15 साल की जरूरत का आंकलन किया : मंत्री ने कहा कि हमने सबसे पहले आने वाले 10-15 साल की बिजली की जरूरत का आंकलन किया है. हमने 32 हजार मेगावाट के एमओयू किए हैं, जिसकी लागत करीब 225 लाख करोड़ की आएगी. उसे हमने प्लान में डाल दिया है और केंद्र सरकार के उपक्रमों के साथ एमओयू कर लिए हैं. इस साल हमें यह समस्या लग रही है, लेकिन अगले साल से निर्बाध बिजली आपूर्ति मिले. इसे लेकर प्रयास जारी हैं.

पढ़ें. भजनलाल सरकार का आदेश, बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे PHED और डिस्कॉम के अधिकारी - Scorching Heat in Rajasthan

पिछली सरकार ने बिना सोचे फैसले लिए : नागर ने कहा कि पिछली सरकार ने इस गर्मी में बैंकिंग की बिजली लौटने का वादा किया था. अभी भी हमें 900 मेगावाट बिजली बैंकिंग की लौटानी पड़ रही है. जिनसे हमने बिजली ली थी, अब लौटानी पड़ रही है. यह भी एक बहुत बड़ा कारण है. बिना सोचे-समझे इस तरह के निर्णय पूर्ववर्ती सरकार ने लिए थे, अब जब एग्रीमेंट हुआ है तो हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम बैंकिंग की बिजली लौटाएं. उसका भी भार हमारे ऊपर है. इन्हीं सब कारणों से हमें समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

आज से गैस आधारित प्लांट भी चालू : उन्होंने कहा कि गैस आधारित पावर प्लांट को भी चालू कर रहे हैं. वह आज शाम को चालू होगा और 300 मेगावाट की बिजली का उत्पादन होगा. इससे भी हमें राहत मिलेगी. हालांकि, उसकी लागत ज्यादा आती है फिर भी हम चाहते हैं कि उपभोक्ता को बिजली मिले. लागत की कोई चिंता नहीं है, बिजली उत्पादन की कॉस्ट ज्यादा आने के कारण उसे बंद कर रखा था. अब हमें उसे इसलिए चालू करना पड़ रहा है, क्योंकि जब आज हमें दस रुपए प्रति यूनिट में भी बिजली मिल नहीं रही है. इस प्लांट में बिजली उत्पादन की लागत 12-15 रुपए प्रति यूनिट है, लेकिन अब हम उसे भी चालू करेंगे ताकि बिजली मिले.

पहले कोयला ही पूरा नहीं मिलता था : उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय कोयले की कमी थी और उसकी वजह से हमारे थर्मल प्लांट पूरा उत्पादन नहीं कर पा रहे थे. किसी प्लांट में आधा दिन का कोयला था. किसी में एक दिन का कोयला था. किसी को कम कोयले से चलाया जा रहा था. जब हमें 22 से 24 रैक कोयले की जरूरत थी, तब 12 से 15 रैक कोयला ही मिल पाता था. अब 24-25 रैक कोयला मिल रहा है और हमारे थर्मल प्लांट की एफिशिएंसी भी 65 से बढ़कर 75 फीसदी हुई है.

पढ़ें. राजस्थान में भीषण गर्मी का कहर, राज्यवासियों को तपिश से बचाने के लिए सरकार ने बनाया ये मास्टर प्लान - Master Plan Ready

गहलोत चालू नहीं करवा पाए परसा माइंस : मंत्री नागर ने कहा कि राजस्थान को छत्तीसगढ़ में अलॉट परसा माइंस को वहां की कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया था. उसे अशोक गहलोत चालू नहीं करवा पाए. हमने परसा माइंस को चालू करवाया. आज हमें उससे आठ रैक कोयला मिल रहा है, इसलिए कोयले का कोई संकट नहीं है. निरंतर रूप से हमें 24-25 रैक कोयला मिल रहा है. यह डबल इंजन की सरकार का परिणाम है. कोयले की कमी के कारण कोई भी संयंत्र आज कम एफिशिएंसी पर नहीं चल रहा है.

राजस्थान में सभी 25 सीट भाजपा के खाते में आएगी : उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव का परिणाम सुखद आएगा. राजस्थान तीसरी बार सभी 25 सीट जीतकर रिकॉर्ड बनाने वाला है. जनता ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय लिया हुआ है. उन्होंने कहा कि जनता के कांग्रेस को वोट देने का कोई कारण नहीं है. जनता कांग्रेस को वोट क्यों दे? उनकी सरकार नहीं बन रही. देश को चलाने का कोई चेहरा या एजेंडा भी नहीं है. यह सब बातें जनता भली भांति जानती है.

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