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मार्च 2026: छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का अंत ! नक्सल एक्सपर्ट ने कहा सरकार के सामने 3 बड़ी चुनौती - MARCH 2026

छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के अंत की डेडलाइन धीरे धीरे पास आ रही है.

END OF NAXALISM FROM CHHATTISGARH
छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का अंत (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 19, 2024, 5:56 PM IST

Updated : Dec 19, 2024, 6:46 PM IST

रायपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिनों रायपुर में एक बार फिर मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का ऐलान किया. शाह के इस दावे के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है. कांग्रेस का कहना है कि जनता को भ्रमित करने के लिए भाजपा ने एक तारीख दे दी हैं. जबकि भाजपा का दावा है कि गृह मंत्री अमित शाह ने जो डेडलाइन नक्सलवाद के खात्मे में को लेकर दिया है वह सच होने वाला है. वहीं नक्सल एक्सपर्ट इस घोषणा को पूरा करने के दौरान कई चुनौतियों का सामना करने की बात कही हैं.

बस्तर में योजनाओं का सही क्रियान्वहन नहीं होने से बढ़ा नक्सलवाद: नक्सल एक्सपर्ट डॉक्टर वर्णिका शर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ जनजाति बाहुल्य और वन संपदा से पहचाना जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद के रूप में भी पहचान मिली हुई है. जब भी कोई नई सरकार बनती है तो उसकी पहली प्राथमिकता और सोच होती है कि नक्सलवाद को खत्म करना है. इसके लिए कई रणनीति भी बनाई जाती है. वर्णिका शर्मा बताती है कि कोई भी सरकार हो योजनाएं अच्छी बनाती है, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं हो पाने के कारण नक्सलवाद जैसी समस्या जस की तस बनी हुई है.

छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का अंत (ETV Bharat Chhattisgarh)

नक्सलवाद खत्म करने सरकार की योजना की डेडलाइन बहुत बड़ी बात है. बस्तर के आदिवासियों के बीच नया परिवर्तन ला पाना बड़ी चुनौती होगी. -डॉक्टर वर्णिका शर्मा, नक्सल एक्सपर्ट

"नक्सलवाद खत्म करने के दौरान सामने होंगी ये चुनौतियां": नक्सल एक्सपर्ट ने आगे बताया "नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कुछ चुनौतियों का सामना भी सरकार और पुलिस को करना होगा. नक्सली अपनी कार्रवाई कर रहे हैं. पुलिस बल अपनी कार्रवाई कर रहे हैं. ऐसे में इन दोनों की कार्रवाई का केंद्र बिंदु आम जनता होती है. आम जनता के बीच विश्वास बहाली के तमाम उपायों को स्थापित करना सबसे बड़ी चुनौती होगी. नक्सलवाद जैसी समस्या महीना, साल या 2 साल की बात नहीं है बल्कि कई दशकों से नक्सल समस्या प्रदेश में बनी हुई है. बस्तर के लोग बहुत सामान्य, सहज और सरल लोग है. ऐसे में उनके सामने एकदम से नया परिवर्तन ला पाना एक बड़ी चुनौती होगी. उस परिवर्तन को समझ पाना भी एक चुनौती होगी. ऐसे में अगर उन्हें समझा पाने में पुलिस और सरकार सक्षम हो पाती है तभी उस चीज की निरंतरता बनी रहेगी. इस समस्या से विजय तभी मिल सकती है जब गण और मन के सहारे लोगों का दिल जीता जा सके."

मार्च 2026: सरकार और पुलिस के सामने तीन बड़ी चुनौतियां:

  1. आम जनता के बीच विश्वास बहाली के तमाम उपायों को स्थापित करना.
  2. बस्तर के सामान्य, सहज और सरल लोगों के सामने नया परिवर्तन लाना.
  3. गण और मन के सहारे लोगों का दिल जीतना.

जनता को भ्रम में डालने भाजपा ने दी डेडलाइन: नक्सल एक्सपर्ट भले ही इसे चुनौती बता रही हो लेकिन पार्टियों के अपने अपने दावे और बातें हैं. कांग्रेस का कहना है नक्सलवाद को खत्म करने की ये डेडलाइन भाजपा के लिए कोई नई बात नहीं है. भाजपा ने पहले भी 1 साल में नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन दी थी. जिसकी सच्चाई सबके सामने हैं.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय ठाकुर का कहना है कि भाजपा की सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कोई ना कोई एक तारीख देकर जनता को भ्रमित करने का काम कर रही है. भाजपा की सरकार बनने के बाद नक्सली आतंक कम होने के बजाय बढ़ा है. जब भी कोई पुलिस नक्सली मुठभेड़ होता है उसमें निर्दोष लोगों के मारे जाने की सूचना मिलती है. यह गंभीर विषय है और इसे सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए.

धनंजय ठाकुर कहते हैं "भाजपा सरकार के पास नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं है. राज्य के गृह मंत्री कभी नक्सलियों को ऑफर देते हैं तो कभी वार्ता के लिए आमंत्रित करते हैं. पहले भी भाजपा सरकार ने 1 साल में नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन दी थी, लेकिन वह भी पूरी नहीं हो पाई है. नक्सलवाद जैसी समस्या छत्तीसगढ़ से समाप्त नहीं हो पाई है. छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के साथ-साथ आपराधिक घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. सरकार आपराधिक घटना और नक्सली समस्या को नियंत्रित करने में असफल हो गई है."

पहले भी भाजपा सरकार ने 1 साल में नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन दी थी, लेकिन वह भी पूरी नहीं हो पाई है.- धनंजय ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

नक्सल एक्सपर्ट के दावे और कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता का कहना है कि सारी पिक्चर अब दिखने लगी है. लगातार नक्सलियों की मांद में घुसकर सुरक्षा बल के जवान उनका सफाया करने में लगे हैं. बस्तर के कुछ जिले अब नक्सलवाद से मुक्त भी हो गए हैं. इसके साथ ही बस्तर संभाग के कुछ जिलों में सुरक्षा बलों के द्वारा अंदरूनी कार्रवाई जारी है. भाजपा नेता केदार गुप्ता का कहना है कि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने जो डेडलाइन नक्सलवाद के खात्मे में को लेकर दिया है वह सच होने वाला है. छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरे देश से नक्सलवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.

राजनीति के लिए कांग्रेस पर नक्सलवाद बढ़ाने का आरोप: भाजपा नेता नक्सलवाद समस्या बढ़ने का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा. गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस ने 6 दशक से ज्यादा समय देश में राज किया. कांग्रेस के राज में नक्सलवाद पनपने के साथ ही नक्सलवाद का कॉरिडोर बन गया. जो पूरे देश में फैल गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नक्सलवाद का उपयोग राजनीति के लिए करती थी. कांग्रेस में ना ही इच्छा शक्ति थी और ना ही नक्सलवाद को खत्म करना चाहते थे. लेकिन भाजपा कृत संकल्पित है. डबल इंजन की सरकार नक्सलवाद को जड़ सहित खत्म करेगी.

उत्तर बस्तर के जंगलों में 129 इनामी नक्सली मौजूद, सरकार और फोर्स लड़ रही आर-पार की लड़ाई
दंतेवाड़ा में मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेन्टर तक सड़क घोटाला, 4 अधिकारी सस्पेंड ठेकेदार के खिलाफ वसूली जांच
नक्सली घटनाओं में आम लोगों की मौत के सवाल पर भड़के गृहमंत्री विजय शर्मा, पिछले सत्र में पूछे सवाल दोहराया, हंगामा

रायपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिनों रायपुर में एक बार फिर मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का ऐलान किया. शाह के इस दावे के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है. कांग्रेस का कहना है कि जनता को भ्रमित करने के लिए भाजपा ने एक तारीख दे दी हैं. जबकि भाजपा का दावा है कि गृह मंत्री अमित शाह ने जो डेडलाइन नक्सलवाद के खात्मे में को लेकर दिया है वह सच होने वाला है. वहीं नक्सल एक्सपर्ट इस घोषणा को पूरा करने के दौरान कई चुनौतियों का सामना करने की बात कही हैं.

बस्तर में योजनाओं का सही क्रियान्वहन नहीं होने से बढ़ा नक्सलवाद: नक्सल एक्सपर्ट डॉक्टर वर्णिका शर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ जनजाति बाहुल्य और वन संपदा से पहचाना जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद के रूप में भी पहचान मिली हुई है. जब भी कोई नई सरकार बनती है तो उसकी पहली प्राथमिकता और सोच होती है कि नक्सलवाद को खत्म करना है. इसके लिए कई रणनीति भी बनाई जाती है. वर्णिका शर्मा बताती है कि कोई भी सरकार हो योजनाएं अच्छी बनाती है, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं हो पाने के कारण नक्सलवाद जैसी समस्या जस की तस बनी हुई है.

छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का अंत (ETV Bharat Chhattisgarh)

नक्सलवाद खत्म करने सरकार की योजना की डेडलाइन बहुत बड़ी बात है. बस्तर के आदिवासियों के बीच नया परिवर्तन ला पाना बड़ी चुनौती होगी. -डॉक्टर वर्णिका शर्मा, नक्सल एक्सपर्ट

"नक्सलवाद खत्म करने के दौरान सामने होंगी ये चुनौतियां": नक्सल एक्सपर्ट ने आगे बताया "नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कुछ चुनौतियों का सामना भी सरकार और पुलिस को करना होगा. नक्सली अपनी कार्रवाई कर रहे हैं. पुलिस बल अपनी कार्रवाई कर रहे हैं. ऐसे में इन दोनों की कार्रवाई का केंद्र बिंदु आम जनता होती है. आम जनता के बीच विश्वास बहाली के तमाम उपायों को स्थापित करना सबसे बड़ी चुनौती होगी. नक्सलवाद जैसी समस्या महीना, साल या 2 साल की बात नहीं है बल्कि कई दशकों से नक्सल समस्या प्रदेश में बनी हुई है. बस्तर के लोग बहुत सामान्य, सहज और सरल लोग है. ऐसे में उनके सामने एकदम से नया परिवर्तन ला पाना एक बड़ी चुनौती होगी. उस परिवर्तन को समझ पाना भी एक चुनौती होगी. ऐसे में अगर उन्हें समझा पाने में पुलिस और सरकार सक्षम हो पाती है तभी उस चीज की निरंतरता बनी रहेगी. इस समस्या से विजय तभी मिल सकती है जब गण और मन के सहारे लोगों का दिल जीता जा सके."

मार्च 2026: सरकार और पुलिस के सामने तीन बड़ी चुनौतियां:

  1. आम जनता के बीच विश्वास बहाली के तमाम उपायों को स्थापित करना.
  2. बस्तर के सामान्य, सहज और सरल लोगों के सामने नया परिवर्तन लाना.
  3. गण और मन के सहारे लोगों का दिल जीतना.

जनता को भ्रम में डालने भाजपा ने दी डेडलाइन: नक्सल एक्सपर्ट भले ही इसे चुनौती बता रही हो लेकिन पार्टियों के अपने अपने दावे और बातें हैं. कांग्रेस का कहना है नक्सलवाद को खत्म करने की ये डेडलाइन भाजपा के लिए कोई नई बात नहीं है. भाजपा ने पहले भी 1 साल में नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन दी थी. जिसकी सच्चाई सबके सामने हैं.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय ठाकुर का कहना है कि भाजपा की सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कोई ना कोई एक तारीख देकर जनता को भ्रमित करने का काम कर रही है. भाजपा की सरकार बनने के बाद नक्सली आतंक कम होने के बजाय बढ़ा है. जब भी कोई पुलिस नक्सली मुठभेड़ होता है उसमें निर्दोष लोगों के मारे जाने की सूचना मिलती है. यह गंभीर विषय है और इसे सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए.

धनंजय ठाकुर कहते हैं "भाजपा सरकार के पास नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं है. राज्य के गृह मंत्री कभी नक्सलियों को ऑफर देते हैं तो कभी वार्ता के लिए आमंत्रित करते हैं. पहले भी भाजपा सरकार ने 1 साल में नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन दी थी, लेकिन वह भी पूरी नहीं हो पाई है. नक्सलवाद जैसी समस्या छत्तीसगढ़ से समाप्त नहीं हो पाई है. छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के साथ-साथ आपराधिक घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. सरकार आपराधिक घटना और नक्सली समस्या को नियंत्रित करने में असफल हो गई है."

पहले भी भाजपा सरकार ने 1 साल में नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन दी थी, लेकिन वह भी पूरी नहीं हो पाई है.- धनंजय ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

नक्सल एक्सपर्ट के दावे और कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता का कहना है कि सारी पिक्चर अब दिखने लगी है. लगातार नक्सलियों की मांद में घुसकर सुरक्षा बल के जवान उनका सफाया करने में लगे हैं. बस्तर के कुछ जिले अब नक्सलवाद से मुक्त भी हो गए हैं. इसके साथ ही बस्तर संभाग के कुछ जिलों में सुरक्षा बलों के द्वारा अंदरूनी कार्रवाई जारी है. भाजपा नेता केदार गुप्ता का कहना है कि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने जो डेडलाइन नक्सलवाद के खात्मे में को लेकर दिया है वह सच होने वाला है. छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरे देश से नक्सलवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.

राजनीति के लिए कांग्रेस पर नक्सलवाद बढ़ाने का आरोप: भाजपा नेता नक्सलवाद समस्या बढ़ने का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा. गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस ने 6 दशक से ज्यादा समय देश में राज किया. कांग्रेस के राज में नक्सलवाद पनपने के साथ ही नक्सलवाद का कॉरिडोर बन गया. जो पूरे देश में फैल गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नक्सलवाद का उपयोग राजनीति के लिए करती थी. कांग्रेस में ना ही इच्छा शक्ति थी और ना ही नक्सलवाद को खत्म करना चाहते थे. लेकिन भाजपा कृत संकल्पित है. डबल इंजन की सरकार नक्सलवाद को जड़ सहित खत्म करेगी.

उत्तर बस्तर के जंगलों में 129 इनामी नक्सली मौजूद, सरकार और फोर्स लड़ रही आर-पार की लड़ाई
दंतेवाड़ा में मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेन्टर तक सड़क घोटाला, 4 अधिकारी सस्पेंड ठेकेदार के खिलाफ वसूली जांच
नक्सली घटनाओं में आम लोगों की मौत के सवाल पर भड़के गृहमंत्री विजय शर्मा, पिछले सत्र में पूछे सवाल दोहराया, हंगामा
Last Updated : Dec 19, 2024, 6:46 PM IST
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