बारां. जिला मुख्यालय के अटरू रोड पर स्थित कुंजविहार कॉलोनी में रविवार को निजी खातेदारी की भूमि से अतिक्रमण हटाने एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसका न तो राजस्व विभाग को पता है और ना ही नगर परिषद को खबर है. सबसे मजे की बात तो यह है कि खातेदार के संसाधन लेकर कोतवाली थाना पुलिस अतिक्रमण हटाने पहुंच गई है.
मामले में पूर्व में भी कुछ लोग अतिक्रमण हटाने पहुंच गए थे, लेकिन वहां रह रहे लोगों के विरोध के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. सरकार बदलते ही सत्ताधारी दल से जुड़े लोग फिर से सक्रीय हो गए और बिना प्रशासन को खबर करे कोतवाली पुलिस को लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंच गए. मामले में 2 दशकों से अपने माता-पिता के साथ रह रहे प्रमोद ने बताया कि हम 20 साल से भी अधिक समय से मकान बनाकर यहां रह रहे हैं.
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लेकिन आजतक किसी ने हमको नहीं छेड़ा. बरसों से यह सारी जमीन खाली पड़ी थी, जिस पर सैकड़ों परिवार मकान बनाकर रह रहे हैं. आज अचानक से कोई खातेदार बनकर आया और हमे यहां से हटाने की धमकी दे रहा है. माना कि हमने अतिक्रमण किया है, लेकिन हमें हटाकर जो लोग काबिज होना चाह रहे हैं, उनके भी खाते यह जमीन नहीं है. खातेदार कोई और है और धमकियां हमें कोई और लोग दे रहे हैं.
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उसने कहा कि हम यहां से हटने को तैयार हैं, लेकिन प्रशासन हमें हमारे मकानों का मुआवजा दिलाए और हमें जगह के बदले जगह दिलाएं. ऐसे में हम कहां जाएंगे? वहीं इस मामले में कोतवाली थानाधिकारी रामविलास मीणा ने बताया कि तहसीलदार के आदेश पर हमने तो जाप्ता उपलब्ध कराया था. संसाधन भी खातेदार के थे. वहीं इस मामले में नगर परिषद के अतिक्रमण प्रभारी नरसीलाल स्वामी ने बताया कि इस मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है और न ही नगर परिषद के संसाधन मौके पर गए हैं. वहीं तहसीलदार मनोज खत्री ने कहा कि अतिक्रमण के मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है, यदि हम लोग अतिक्रमण हटाने का आदेश पुलिस को देते, तो मौके पर राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद रहते. इस मामले से हमारा कोई लेना-देना नहीं है.