नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आगजनी की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं. आगजनी की इन घटनाओं के लिए कुछ हद तक एंक्रोचमेंट और तंग गलियां भी जिम्मेदार हैं. दिल्ली फायर जोनल अधिकारी एस के दुआ ने कहा कि राजधानी के लोगों को सड़कों और गलियों से अतिक्रमण को हटाना चाहिए. आगजनी की घटनाओं के समय सरकारी एजेंसियों का साथ देना चाहिए, ताकि समय से इन घटनाओं पर काबू पाया जा सके.
दिल्ली फायर जोनल अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में जहां पर भी आगजनिक की घटनाएं होती हैं वहां पर ज्यादातर इलाकों में भीड़भाड़ होती है. गलियां तंग होती हैं. तारों का जाल बिछा होता है. सड़कों पर ज्यादातर एंक्रोचमेंट की समस्या रहती है, जिसके चलते दमकल की गाड़ियां घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाती है. इसलिए लोगों को जान और माल का नुकसान उठाना पड़ता है. दिल्ली के मुखर्जी नगर, सदर बाजार, चांदनी चौक, अलीपुर, नरेला, बवाना ये सभी भीड़भाड़ वाले तंग इलाके हैं.
दिल्ली फायर जोनल ऑफिसर एस के दुआ ने बताया कि लोगों को खुद घटना के बाद मुहाने पर लगी एंक्रोचमेंट को हटाना चाहिए और संबंधित एजेंसियों के साथ मिलजुलकर काम करना चाहिए. ज्यादातर हादसों के लिए लोग खुद ही जिम्मेदार होते हैं. फिर आरोप एजेंसियों पर डालते हैं.
जरूरत है कि दिल्ली में कहीं पर भी आगजनी की घटनाओं के बाद लोगों को जागरुक होकर काम करना चाहिए. दमकल की गाड़ियों को घटनास्थल तक पहुंचाने के लिए जगह देनी चाहिए, ताकि समय से किसी भी घटना पर काबू पाया जा सके और बड़े नुकसान को होने से बचाया जा सके.